
साइबर ठगी का नया ट्रेंड: ‘प्रेग्नेंट जॉब’ के नाम पर ठगी का फैलता जाल
लखनऊ, विजय प्रताप पांडे (15 अक्टूबर)। साइबर अपराध के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, और ठगों द्वारा अपनाए जाने वाले नए-नए तरीके समाज में गंभीर चिंताएं पैदा कर रहे हैं। इन दिनों एक ऐसा ठगी का ट्रेंड सामने आया है जिसने पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेंसियों को भी चौंका दिया है। इस नए ट्रेंड में साइबर ठग सोशल मीडिया पर महिलाओं को प्रेग्नेंट करने के नाम पर नौकरियों का लालच देकर युवाओं से लाखों रुपए ठग रहे हैं। राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्यों तक यह ठगी का तरीका जोर पकड़ रहा है।
इस ठगी की खास बात यह है कि इसका शिकार हुए युवा, सामाजिक बेइज्जती के डर से पुलिस तक नहीं पहुंच रहे हैं, जिसके कारण ठगों का नेटवर्क दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा है। इस लेख में हम ठगी के इस नए तरीके के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे और बताएंगे कि कैसे ठगों ने एक बेहद संवेदनशील और अनोखे विषय को ठगी का हथियार बना लिया है।
ठगी का नया ट्रेंड: ‘प्रेग्नेंट जॉब’ के नाम पर ठगी कैसे की जा रही है?
साइबर ठगों द्वारा अपनाए गए इस ठगी के ट्रेंड की शुरुआत सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से होती है। ये ठग सोशल मीडिया पर महिलाओं को ‘प्रेग्नेंट जॉब’ के नाम से एक नकली विज्ञापन पोस्ट करते हैं। इस विज्ञापन में दावा किया जाता है कि जो महिलाएं गर्भवती नहीं हो पा रही हैं, उन्हें प्रेग्नेंट करने के लिए विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
ठग अपने विज्ञापनों को इस प्रकार डिजाइन करते हैं कि वह पूरी तरह से कानूनी और भरोसेमंद लगें। विज्ञापनों में यह बताया जाता है कि कैसे आधुनिक तकनीक और मेडिकल साइंस का उपयोग करके महिलाओं को गर्भवती किया जाएगा। ठगों ने इसे एक पेशेवर सेवा का रूप देकर युवाओं को जाल में फंसाना शुरू किया।
जो युवा इन विज्ञापनों से प्रभावित होते हैं, वे ठगों से संपर्क करते हैं। ठग इन युवाओं से मोटी रकम वसूलते हैं और वादा करते हैं कि वे उन्हें गर्भवती महिलाओं के साथ संपर्क स्थापित करने का मौका देंगे। इसके बदले में ठग युवाओं से उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने को कहते हैं।
ठगी का जाल: किस तरह से युवा शिकार बन रहे हैं?
‘प्रेग्नेंट जॉब’ के नाम पर ठगी के शिकार हुए युवाओं का कहना है कि ठगों ने उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाए और महिलाओं के साथ संपर्क स्थापित करने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूल ली। ठगों ने न केवल पैसे लिए, बल्कि कई बार इन युवाओं की व्यक्तिगत जानकारी भी चुरा ली, जिससे वे आगे और ठगी का शिकार हो गए।
यह ठगी का तरीका इसलिए भी काम करता है क्योंकि इसमें व्यक्तिगत जीवन और यौन संबंधित विषयों को शामिल किया जाता है, जिनके बारे में लोग आमतौर पर खुलकर बात करने से बचते हैं। इसी कारण, ठगी के शिकार हुए लोग अपनी बेइज्जती और समाज में अपमानित होने के डर से पुलिस के पास नहीं जाते हैं। यह चुप्पी ठगों को और अधिक शक्तिशाली बना देती है, जिससे वे आसानी से और ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।
भरतपुर पुलिस की जांच: मेवात का कनेक्शन
इस ठगी के ट्रेंड का सबसे पहला मामला राजस्थान के भरतपुर जिले से सामने आया। भरतपुर पुलिस ने जब ठगी के मामलों की गहराई से जांच शुरू की, तब पता चला कि यह ठगी का नेटवर्क केवल राजस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में फैला हुआ है। पुलिस की जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि मेवात के ठग इस ठगी के नए तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं।
मेवात, जो हरियाणा और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है, साइबर अपराधों का एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। यहां के ठग न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर ठगी के नए-नए तरीके निकालकर लोगों को ठग रहे हैं।
भरतपुर पुलिस ने मेवात के ठगों की संलिप्तता की पुष्टि की है और यह भी पाया है कि इस गिरोह ने कई राज्यों में अपनी जड़ें जमा ली हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी इसी तरह की ठगी के मामले सामने आए हैं।
साइबर ठगों का नेटवर्क: कैसे फैलता जा रहा है ठगी का जाल?
‘प्रेग्नेंट जॉब’ के नाम पर ठगी का जाल साइबर ठगों के लिए एक नया और कारगर तरीका साबित हो रहा है। इस ठगी के लिए वे सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं, जहां उन्हें आसानी से अपने शिकार मिल जाते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर ये ठग अपने विज्ञापन पोस्ट करते हैं और कमजोर और असुरक्षित युवाओं को फंसाने की कोशिश करते हैं।
ठगों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि उनके खिलाफ कोई सबूत न मिले। वे पैसे लेने के बाद तुरंत अपने प्रोफाइल और संपर्क को डिलीट कर देते हैं, जिससे पुलिस के लिए उन्हें ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
इसके अलावा, ठगों ने ‘प्रेग्नेंट जॉब’ के नाम पर प्रशिक्षण देने का भी धंधा शुरू किया है। वे विभिन्न राज्यों में ऐसे युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं, जो इस ठगी के नेटवर्क का हिस्सा बनना चाहते हैं। यह नेटवर्क अब इतना बड़ा हो चुका है कि इसे खत्म करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
ठगी के शिकार युवाओं की चुप्पी: समाजिक बेइज्जती का डर
इस ठगी का सबसे गंभीर पहलू यह है कि इसके शिकार हुए युवा अपने साथ हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराने से बच रहे हैं। इसके पीछे मुख्य कारण है—समाजिक बेइज्जती का डर। चूंकि ठगी का विषय यौन और व्यक्तिगत मामलों से जुड़ा है, इसलिए पीड़ित इस बारे में खुलकर बात नहीं करना चाहते।
ठगों को इस बात का पता होता है और वे इसी डर का फायदा उठाकर युवाओं से पैसे ऐंठते हैं। जब पीड़ित ठगों के झांसे में आकर अपनी निजी जानकारी और पैसे दे देते हैं, तब ठग उन्हें धमकाना शुरू कर देते हैं।
कई मामलों में ठगों ने पीड़ितों से और भी ज्यादा पैसे वसूलने की कोशिश की है। वे पीड़ितों की निजी जानकारी का दुरुपयोग करके उन्हें ब्लैकमेल करते हैं, जिससे पीड़ित और भी ज्यादा मानसिक तनाव में आ जाते हैं।
पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती
इस ठगी के ट्रेंड को देखते हुए पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। ‘प्रेग्नेंट जॉब’ के नाम पर की जा रही इस ठगी के मामलों में जांच करना बेहद मुश्किल है क्योंकि इसके शिकार हुए लोग सामने नहीं आते।
ठगों का पूरा नेटवर्क अभी भी सक्रिय है और कई राज्यों में यह ठगी का जाल फैला हुआ है। साइबर सुरक्षा एजेंसियां भी इस ठगी के नए तरीकों को लेकर चिंतित हैं क्योंकि ठग हर बार नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं।
बचाव के उपाय: कैसे बच सकते हैं इस ठगी से?
साइबर ठगी के शिकार होने से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि लोग जागरूक रहें और किसी भी संदिग्ध विज्ञापन या नौकरी के प्रस्ताव पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें।
1. सोशल मीडिया पर सावधानी: सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर किसी भी विज्ञापन या प्रोफाइल पर बिना जांच-पड़ताल किए विश्वास न करें। अगर कोई व्यक्ति या संगठन आपसे किसी प्रकार की निजी जानकारी या पैसे की मांग करता है, तो उससे सतर्क रहें।
2. साइबर सुरक्षा उपाय: अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की सुरक्षा बढ़ाएं और हमेशा मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें।
3. पुलिस में शिकायत दर्ज करें: अगर आप ठगी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करें। बेइज्जती के डर से चुप रहना ठगों को और भी मजबूत बनाता है।
4. सतर्कता बरतें: ठगों के जाल में फंसने से बचने के लिए किसी भी संदिग्ध व्यक्ति से संपर्क करने से पहले अच्छी तरह जांच करें।
‘प्रेग्नेंट जॉब’ के नाम पर की जा रही साइबर ठगी ने समाज में एक गंभीर समस्या पैदा कर दी है। यह ठगी केवल आर्थिक नुकसान तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे पीड़ित युवाओं का मानसिक और सामाजिक जीवन भी प्रभावित हो रहा है। ठगों ने एक बेहद संवेदनशील विषय को ठगी का हथियार बना लिया है, जिससे लोग अपनी समस्या को खुलकर व्यक्त करने से डरते हैं। पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है।