सीएम डैशबोर्ड पर विकास योजनाओं की रैंकिंग को लेकर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने की समीक्षा बैठक, खराब प्रदर्शन वाले विभागों को लगाई फटकार
गोंडा, 24 मार्च 2025: जिले में चल रही विकास योजनाओं की प्रगति और उनकी रैंकिंग की समीक्षा करने के लिए जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड (CM Dashboard) पर प्रदर्शित विकास योजनाओं के विभागवार प्रदर्शन का आकलन किया गया और जिलाधिकारी ने प्रोजेक्टर के माध्यम से सभी योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने एनआरएलएम (National Rural Livelihood Mission), जल निगम, पंचायती राज, फैमिली आईडी, विद्युत, पर्यटन, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, पशुपालन, समाज कल्याण, प्रोवेशन, पिछड़ा वर्ग कल्याण, सिंचाई सहित विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली और प्रगति की जांच की। जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि सीएम डैशबोर्ड पर जिले की रैंकिंग सुधारने के लिए सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और समयबद्ध तरीके से कार्यों का निष्पादन करना होगा।
खराब प्रदर्शन पर जताई नाराजगी, सुधार के दिए सख्त निर्देश
बैठक के दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने खराब प्रदर्शन करने वाले विभागों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने विशेष रूप से एनआरएलएम (National Rural Livelihood Mission) और पंचायती राज विभाग की प्रगति को लेकर असंतोष जताया और दोनों विभागों को जल्द से जल्द अपनी रैंकिंग सुधारने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सीएम डैशबोर्ड पर किसी भी विभाग की खराब रैंकिंग जिले की छवि को धूमिल कर सकती है और विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न कर सकती है। उन्होंने पशुपालन विभाग, जल जीवन मिशन, माध्यमिक शिक्षा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और पीडब्ल्यूडी विभाग को भी शत-प्रतिशत कार्य संपन्न कर उसकी समय से रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए, ताकि जिले की रैंकिंग में सुधार हो।
उन्होंने कहा, “यदि विभागों की रैंकिंग में जल्द से जल्द सुधार नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।” जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई विभाग निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करता है तो उन पर सख्त प्रशासनिक निर्णय लिए जाएंगे।
सीएम डैशबोर्ड की नियमित निगरानी करने के निर्देश
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभागों को मुख्यमंत्री डैशबोर्ड से संबंधित योजनाओं की नियमित निगरानी करनी होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि हर अधिकारी अपने विभाग की योजनाओं पर विशेष ध्यान दें और यह सुनिश्चित करें कि सभी कार्य समय पर पूरे हों।
उन्होंने सीएम डैशबोर्ड पर दर्ज योजनाओं की समीक्षा को अनिवार्य करार देते हुए कहा कि यदि किसी योजना की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई जाती है, तो संबंधित विभागीय अधिकारी से जवाब मांगा जाएगा। इसके साथ ही सीएम डैशबोर्ड की रैंकिंग को बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों को अपने स्तर पर रणनीति तैयार करने और उसे अमल में लाने की हिदायत दी गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि रैंकिंग में सुधार लाने के लिए विभागों को अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करना होगा, छोटे से छोटे अवरोध को दूर करना होगा और सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर कार्यों को पूरा करना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर विभाग की जवाबदेही तय की जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विभागों को दी गई सख्त हिदायत, प्रदर्शन में लाएं सुधार
बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन विभागों की रैंकिंग लगातार खराब बनी हुई है, उन्हें विशेष रूप से प्राथमिकता के आधार पर अपनी योजनाओं को समय पर पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि सीएम डैशबोर्ड की रैंकिंग से यह स्पष्ट होता है कि किस विभाग ने कितना काम किया है और कौन से विभाग पिछड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, “सीएम डैशबोर्ड सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक दक्षता का भी एक पैमाना है। यदि किसी विभाग की रैंकिंग लगातार नीचे जा रही है, तो इसका मतलब यह है कि वहां काम में लापरवाही बरती जा रही है।”
इस दौरान उन्होंने पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, जल जीवन मिशन, समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और पंचायत विभाग को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वे जल्द से जल्द अपने प्रदर्शन में सुधार करें और योजनाओं की प्रगति को गति दें। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि यदि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की बाधा आ रही है, तो उसे तत्काल हल किया जाए और उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाए।
विभागों की सुस्त कार्यशैली पर उठाए सवाल
बैठक में जिलाधिकारी ने विभागों की सुस्त कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कुछ विभाग केवल कागजों में काम कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता में योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंच रहा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एनआरएलएम और पंचायती राज विभाग की रैंकिंग में सुधार न होना यह दर्शाता है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही हो रही है।
जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग को भी चेतावनी दी कि वे स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का प्रबंधन सुनिश्चित करें और शिक्षा योजनाओं की स्थिति में सुधार करें। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग को भी अपने कार्यों में तेजी लानी होगी और किसानों को सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना होगा।
उन्होंने कहा कि अधिकांश योजनाओं का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना है, लेकिन यदि अधिकारी लापरवाही बरतेंगे तो इसका सीधा नुकसान आम जनता को होगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता और यदि काम में सुधार नहीं हुआ तो उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।
बैठक में मौजूद रहे जिले के वरिष्ठ अधिकारी
इस समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अंकिता जैन, डीपीआरओ, जिला प्रोवेशन अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, नेडा विभाग, सिंचाई विभाग सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने अंत में कहा कि सीएम डैशबोर्ड सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे जिले की विकास योजनाओं पर नजर रखी जाती है। इसलिए सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी योजनाएं समय पर पूरी हों और जिले की रैंकिंग में सुधार आए। उन्होंने सभी विभागों से कहा कि यदि किसी योजना को लेकर कोई समस्या हो, तो उसे समय रहते सुलझाया जाए और जिले को राज्य में शीर्ष रैंकिंग दिलाने के लिए पूरी मेहनत से काम किया जाए।
इस समीक्षा बैठक से यह स्पष्ट हुआ कि जिलाधिकारी अब विकास योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि जो अधिकारी अपने विभाग की रैंकिंग में सुधार नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या जिले के विभागीय अधिकारी अपनी रैंकिंग सुधारने में सफल हो पाएंगे, या फिर उन्हें जिलाधिकारी की सख्ती का सामना करना पड़ेगा। लेकिन एक बात तय है कि अब गोंडा जिले में विकास कार्यों की गति तेज होने वाली है और लापरवाह अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

