
गोण्डा, 08 जनवरी। देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने मंडल के सभी जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण और संबंधित कार्यों की प्रगति की विस्तृत जानकारी तलब की है। इस संबंध में उन्होंने संयुक्त विकास आयुक्त को निर्देश दिया है कि जिला पंचायत राज अधिकारियों (DPROs) के माध्यम से पूरी जानकारी 10 जनवरी तक एकत्रित कर उपलब्ध कराई जाए। आयुक्त ने सख्त हिदायत दी कि इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आयुक्त ने संयुक्त विकास आयुक्त को अवगत कराया कि मंडल में आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण में कई तरह की अनियमितताएं और देरी देखने को मिली हैं। कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य अब तक शुरू ही नहीं हो पाया है। वहीं, कुछ केंद्रों का निर्माण तो पूरा हो चुका है, लेकिन ग्राम पंचायतों द्वारा उनका हस्तांतरण (हैंडओवर) नहीं लिया गया है।
इसके अलावा, कुछ आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे भी हैं जिनका ग्राम पंचायत अंश का भुगतान अभी तक बाधित है। आयुक्त ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा कि भुगतान में देरी के कारण वर्तमान में भीषण ठंड के मौसम में छोटे-छोटे बच्चे पंचायत भवनों, विद्यालयों, या खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर हैं। यह स्थिति न केवल बच्चों के स्वास्थ्य बल्कि उनके शैक्षिक और पोषण संबंधी अधिकारों पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है।
आयुक्त ने बताया कि मण्डल में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की स्थिति भिन्न-भिन्न प्रकार की है:
1. निर्माण शुरू न होना: कई स्थानों पर निर्माण कार्य अब तक प्रारंभ नहीं हो पाया है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से जानकारी मांगी गई है कि निर्माण में देरी का कारण क्या है और इसे कब तक शुरू किया जाएगा।
2. निर्माण पूरा लेकिन हस्तांतरण लंबित: कई आंगनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार हो गए हैं, लेकिन ग्राम पंचायतों द्वारा उनका हस्तांतरण नहीं लिया गया है। आयुक्त ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
3. भुगतान में रुकावट: कुछ केंद्रों के लिए ग्राम पंचायत अंश का भुगतान कतिपय कारणों से रोक दिया गया है। आयुक्त ने निर्देश दिया कि यह समस्या प्राथमिकता के आधार पर हल की जाए ताकि कार्य में बाधा न उत्पन्न हो।
आयुक्त ने बताया कि भीषण ठंड के इस मौसम में आंगनबाड़ी केंद्रों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने चिंता जताई कि निर्माण कार्यों में देरी और भवन हस्तांतरण की प्रक्रिया लंबित रहने के कारण नन्हे बच्चे पंचायत भवनों या खुले स्थानों पर बैठने को मजबूर हो रहे हैं। यह न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि उनके पोषण और प्रारंभिक शिक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
आंगनबाड़ी केंद्र न केवल बच्चों के पोषण का एक प्रमुख स्रोत हैं, बल्कि यह बच्चों के शैक्षिक और मानसिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ठंड के मौसम में इन केंद्रों का सही संचालन सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि बच्चों को सुरक्षा और सुविधा मिल सके।
आयुक्त ने निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केंद्रों से संबंधित सभी जानकारी जैसे केंद्रों का निर्माण कार्य शुरू हुआ या नहीं, निर्माण पूरा हुआ है या नहीं, हैंडओवर की स्थिति, ग्राम पंचायत अंश का भुगतान, कार्यदायी संस्थाओं को किए गए भुगतान, इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट 10 जनवरी तक हर हाल में उपलब्ध कराई जाए।
आयुक्त ने जोर देकर कहा कि सूचना संकलन और रिपोर्टिंग में किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा।
मंडलायुक्त ने कार्यदायी संस्थाओं की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिन संस्थाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण सौंपा गया था, उनके द्वारा काम में देरी और गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिल रही हैं। इस संबंध में आयुक्त ने निर्देश दिया कि कार्यदायी संस्थाओं से संबंधित सभी रिकॉर्ड की जांच की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों।
आयुक्त ने ग्राम पंचायतों की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्रों का हैंडओवर न होना और भुगतान में रुकावट ग्राम पंचायतों की निष्क्रियता को दर्शाता है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिला पंचायत राज अधिकारी ग्राम पंचायतों से समन्वय बनाकर लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराएं।
आयुक्त ने स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया कि वे इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि हर बच्चे को ठंड से बचाव के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक जगह मिले।
सरकार का लक्ष्य बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, और शिक्षा को बढ़ावा देना है। आंगनबाड़ी केंद्रों का सही संचालन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आयुक्त ने कहा कि यदि निर्माण कार्यों में देरी और अन्य समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो यह सरकार की प्राथमिकताओं को बाधित कर सकता है।
देवीपाटन मंडल में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण और संचालन में आ रही समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारियों को बच्चों के हित में तत्काल कदम उठाने होंगे।
आगामी दिनों में, 10 जनवरी की समय सीमा के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इन निर्देशों को कितना प्रभावी ढंग से लागू करता है। यदि सभी बाधाओं को दूर किया गया और प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी हुई, तो यह बच्चों और उनके परिवारों के लिए राहत की बड़ी खबर होगी।