
मृतक प्रमाण पत्र न बनने पर मुख्य विकास अधिकारी ने दिए जांच के आदेश, होगी कार्यवाही
गोंडा, 05 अक्टूबर। संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर देवीपाटन मंडल के आयुक्त ने डीआईजी देवीपाटन अमरेंद्र प्रसाद सिंह के साथ गोण्डा तहसील पहुंचकर जनसमस्याओं को सुना और अधिकारियों को ससमय और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के निर्देश दिए। इस मौके पर आयुक्त ने फरियादियों की शिकायतों को ध्यान से सुना और कई मामलों में मौके पर ही समाधान कराने की पहल की।
92 शिकायतें, चार का मौके पर समाधान
संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान कुल 92 मामले सामने आए, जिनमें से चार शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। आयुक्त ने शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से सुना और संबंधित विभाग के अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही करने के आदेश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके और उन्हें बार-बार कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें।
मृत्यु प्रमाण पत्र न बनने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश
झंझरी ब्लॉक के पवन कुमार तिवारी ने अपनी मां की मृत्यु के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र न बनाए जाने की शिकायत आयुक्त के सामने रखी। पवन ने बताया कि उनकी मां की मृत्यु 6 मई 2024 को हो गई थी, लेकिन कई बार आवेदन करने के बावजूद अभी तक प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ है। इस पर आयुक्त ने मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) गोंडा को तत्काल जांच के आदेश दिए और निर्देश दिए कि लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही यह भी कहा कि प्रार्थी को निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए।
फर्जी बैनामा की गंभीर शिकायत पर डीएम को दिए आदेश
इटियाथोक ब्लॉक के धानेपुर की निवासी रजकला ने एक गंभीर शिकायत आयुक्त के समक्ष रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके अर्ध विक्षिप्त बेटे को विपक्षी दलों ने झाड़-फूंक के बहाने बुलाकर उनके संपूर्ण अंश का फर्जी बैनामा करवा लिया। साथ ही उसे किसी को न बताने की धमकी भी दी गई। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आयुक्त ने जिलाधिकारी (डीएम) गोंडा को मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
यह मामला संपत्ति से संबंधित गंभीर धोखाधड़ी का है, जिसमें मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति का फायदा उठाकर उसकी जमीन हड़प ली गई। आयुक्त ने डीएम से जल्द से जल्द जांच पूरी करने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया।
गरीब महिला की आवास सहायता की गुहार
इटियाथोक की रहने वाली रीना ने भी आयुक्त से अपनी समस्या रखी। उन्होंने बताया कि वे बेहद गरीब हैं और उनके पास रहने के लिए कोई पक्का मकान नहीं है। उन्होंने फूस के छप्पर में रहने की विवशता का जिक्र करते हुए आवासीय सहायता की मांग की। इस पर आयुक्त ने मुख्य विकास अधिकारी को रीना की पात्रता की जांच कर उन्हें सरकार की योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
सभी शिकायतों का ससमय समाधान अनिवार्य
आयुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि संपूर्ण समाधान दिवस में आने वाली सभी शिकायतों का समय सीमा के भीतर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए और जहां आवश्यकता हो, वहां टीम बनाकर मामले की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी शिकायत या आवेदन पत्र का निस्तारण तय समय सीमा के भीतर किया जाना चाहिए। अगर कोई अधिकारी इसमें लापरवाही करता है या देरी करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
आयुक्त ने कहा, “जनता की समस्याओं का समाधान हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। सरकारी तंत्र को पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए। हर फरियादी को न्याय मिलना चाहिए और उसका काम बिना किसी परेशानी के होना चाहिए।”
अधिकारी और कर्मचारियों को दी चेतावनी
आयुक्त ने यह भी चेताया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी अधिकारी या कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का सही ढंग से निर्वहन नहीं करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि समाधान दिवस का उद्देश्य जनता की समस्याओं का तुरंत और ससमय समाधान करना है, और इसे पूरी गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
समाधान दिवस में प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित
इस मौके पर डीआईजी देवीपाटन अमरेंद्र प्रसाद सिंह, उप जिलाधिकारी (एसडीएम), तहसीलदार न्यायिक, सीओ सिटी, कानूनगो, लेखपाल और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने आयुक्त के निर्देशों का पालन करते हुए शिकायतों का निस्तारण करने का आश्वासन दिया।
संपूर्ण समाधान दिवस का उद्देश्य प्रशासन और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करना और जनता की समस्याओं का तत्काल समाधान करना है। ऐसे दिनों में नागरिक अपनी समस्याओं को सीधे अधिकारियों के सामने रख सकते हैं, और अधिकारियों से तुरंत समाधान की उम्मीद कर सकते हैं।
संपूर्ण समाधान दिवस का महत्व
संपूर्ण समाधान दिवस एक महत्वपूर्ण पहल है, जो नागरिकों को उनकी समस्याओं के समाधान का एक मंच प्रदान करता है। प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में नागरिक अपनी समस्याओं को सीधे रख सकते हैं और समस्याओं का समाधान मौके पर ही किया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
इस पहल के तहत जनसुनवाई की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और जनहितकारी बनाने पर जोर दिया गया है। यह प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जब वे सीधे जनता से मिलकर उनके मुद्दों को समझते हैं और त्वरित समाधान प्रदान करने का प्रयास करते हैं।
गोण्डा में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस ने एक बार फिर से यह सिद्ध किया है कि जनता की समस्याओं का समाधान करना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। आयुक्त और डीआईजी की उपस्थिति में न केवल शिकायतें सुनी गईं, बल्कि मौके पर कई मामलों का निस्तारण भी किया गया। मृत्यु प्रमाण पत्र न बनने, फर्जी बैनामा, और आवास जैसी गंभीर समस्याओं पर अधिकारियों ने तुरंत संज्ञान लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
आयुक्त के स्पष्ट निर्देशों से यह भी साफ है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अधिकारियों से ससमय और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की अपेक्षा की जा रही है।