
अयोध्या 31 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों के संरक्षण और विकास की अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त किया है। मथुरा और काशी में अयोध्या मॉडल को दोहराने के अपने इरादों की घोषणा करते हुए, योगी आदित्यनाथ ने इन शहरों को भी वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थान देने की योजना पर जोर दिया है। सीएम योगी के अनुसार, वाराणसी और मथुरा जैसे शहरों का भी वही विकास किया जाएगा जो अयोध्या में किया गया है, ताकि उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन के लिए एक अनोखा स्थान बनाया जा सके।
अयोध्या की कहानी: एक सपना जो साकार हुआ
अयोध्या का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कैसे भाजपा की डबल इंजन सरकार ने अपने वादों को निभाते हुए राम मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा किया। उन्होंने कहा कि 2017 में अयोध्या में साधु-संतों की उपस्थिति में उनसे वादा लिया गया था कि “योगी जी, एक काम करो, मंदिर का निर्माण करो”। आज, राम मंदिर बनकर तैयार हो चुका है, और अयोध्या विश्वस्तरीय शहर बनने की दिशा में अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनावों में अयोध्या क्षेत्र में भाजपा की अप्रत्याशित हार का उल्लेख करते हुए इसे “अग्नि परीक्षा” की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि यह अयोध्या के लिए खुद को साबित करने का समय है। मुख्यमंत्री ने लोगों को याद दिलाया कि अयोध्या में हुए विकास के पीछे राज्य सरकार की मेहनत और लगन है, और अब इस विकास को बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है।
विरासत और विकास का संगम: राज्य सरकार का मिशन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने और उन्हें वैश्विक स्तर पर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे शहरों में विरासत और आधुनिकता का संगम होना चाहिए। सरकार का यह मिशन केवल सांस्कृतिक स्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, बरसाना, कोशाम्बी और कुशीनगर जैसे सांस्कृतिक महत्व के स्थानों पर सरकार लगातार कार्यक्रम आयोजित कर रही है, ताकि इन स्थानों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का आकर्षण बढ़ सके। सरकार ने इन स्थानों के साथ-साथ नैमिषारण्य और शुकतीर्थ जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के विकास पर भी ध्यान देने का निर्णय लिया है।
चार लेन सड़कों से सुरक्षा और सुविधा की गारंटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने अयोध्या में विकास कार्यों के दौरान चार लेन सड़कों का निर्माण कराया, ताकि आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षा और सुविधा मिल सके। उन्होंने समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकारें केवल व्यापारियों का शोषण करती थीं, जबकि भाजपा सरकार ने अयोध्या को एक सुरक्षित और सुगम यात्रा का केंद्र बनाया है।
सीएम योगी ने अयोध्या के लोगों को याद दिलाया कि कैसे पहले उन्हें बिजली कटौती और सरयू नदी के प्रदूषित पानी के कारण असुविधाओं का सामना करना पड़ता था। भाजपा सरकार ने इन समस्याओं का समाधान करते हुए राम की पैड़ी को हरिद्वार की हर की पैड़ी की तरह विकसित किया, जिससे यह स्थान दुनिया का पहला सौर नगरी बन गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या में लाखों श्रद्धालु आने लगे हैं, और यह मोदी सरकार की देन है कि अयोध्या को देश और दुनिया से जोड़ने के लिए यहां एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाया जा रहा है।
सांस्कृतिक महत्व के स्थलों का पुनरुद्धार
योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल की आलोचना करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने अयोध्या जैसे सांस्कृतिक स्थलों की उपेक्षा की थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय राम भक्तों का खून बहाया गया और धार्मिक स्थलों का सम्मान नहीं किया गया। भाजपा सरकार ने इस स्थिति को बदलते हुए अयोध्या का पुनरुद्धार किया और उसे एक वैश्विक धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया।
स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पर सरकार का ध्यान
योगी आदित्यनाथ ने राज्य के नागरिकों के स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार की सुविधा पर भी ध्यान देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान केवल धार्मिक स्थलों के विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में अस्पतालों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों का विकास किया गया है ताकि स्थानीय लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
अपराध और माफिया पर योगी का कठोर रुख
अपराधियों और माफियाओं पर सरकार की कठोर कार्रवाई का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने माफियाओं को राज्य से बाहर करने का संकल्प लिया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी तरह के अपराध और अन्याय को सहन नहीं करेगी और अपराधियों पर बजरंग बली की गदा की तरह कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बड़े अपराधियों और माफियाओं को वही परिणाम भुगतने पड़ेंगे जो खर और दूषण जैसे राक्षसों को भुगतना पड़ा था। यह भाजपा सरकार की नीति है कि उत्तर प्रदेश को माफियाओं और अपराधियों से मुक्त कर एक सुरक्षित राज्य बनाया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने 2047 के लिए अपने विकास विजन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह अयोध्या में व्यवस्थाओं को स्थापित किया गया है, उसी तरह मथुरा और काशी को भी विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार इन शहरों को भी विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में कदम उठा रही है।
न्याय और लोकतंत्र का आदर्श उदाहरण
राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा उदाहरण है जिससे यह साबित होता है कि लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान और न्यायिक प्रक्रिया का पालन करके कैसे धार्मिक मामलों को भी सुलझाया जा सकता है। योगी आदित्यनाथ ने इसे एक असाधारण घटना बताया और कहा कि यह उन अनगिनत आत्माओं के लिए सम्मान का समय है जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में अपना जीवन समर्पित किया था।
सरकार की प्रतिबद्धता और जनभावना का संगम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का यह प्रयास केवल विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता की आस्था, भावनाओं और उनकी अपेक्षाओं का सम्मान करते हुए उनके जीवन को बेहतर बनाने का भी संकल्प है। वाराणसी और मथुरा में अयोध्या मॉडल के दोहराव के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उत्तर प्रदेश का हर नागरिक इस विकास का लाभ उठा सके।
उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अयोध्या, काशी और मथुरा की भूमिका
योगी आदित्यनाथ का अयोध्या, मथुरा और काशी में विरासत और विकास का संगम स्थापित करने का सपना उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार की यह योजना राज्य के सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के साथ-साथ राज्य के विकास को भी सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटेगी और उत्तर प्रदेश को एक समृद्ध, सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से सम्पन्न राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम न केवल उत्तर प्रदेश के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा। राज्य की सांस्कृतिक धरोहरें, धार्मिक आस्थाएं और जनता की आकांक्षाएं इस विकास यात्रा का हिस्सा बनेंगी और इसे सफल बनाने में हर उत्तर प्रदेशवासी का सहयोग अपेक्षित है।