
नई दिल्ली 14 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के आगामी चुनावों के मद्देनजर जनसभा में कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर तीखा हमला किया, जहां उन्होंने अनुच्छेद 370, ओबीसी आरक्षण, और छत्रपति संभाजी महाराज की विरासत जैसे संवेदनशील मुद्दों को केंद्र में रखा।
प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया, तब कांग्रेस ने संसद और न्यायालय में इसका विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी कश्मीर में अलग संविधान बनाने की “साजिश” रच रहे हैं। उनका कहना था कि कांग्रेस का रवैया भारत की एकता को तोड़ने वाला है, जो देश के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “यह केवल एक चुनाव नहीं है; यह देश की एकता और अखंडता का चुनाव है। हमें ऐसे नेताओं का समर्थन नहीं करना चाहिए जो पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं।”
ओबीसी आरक्षण और जातिगत राजनीति पर कांग्रेस की आलोचना
प्रधानमंत्री ने जातिगत आरक्षण के मुद्दे पर भी कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के विभाजन की राजनीति करती आई है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने हमेशा जातियों को बांटकर रखा ताकि लोग एकजुट न हो पाएं और उनका एजेंडा चलता रहे। पिछले दस वर्षों से देश में एक ओबीसी वर्ग का व्यक्ति प्रधानमंत्री है, और कांग्रेस को यह बात पसंद नहीं है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार जातिगत आरक्षण को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसे एक सामाजिक न्याय का माध्यम मानती है। उनका कहना था कि कांग्रेस ओबीसी और अन्य कमजोर वर्गों के विकास में बाधा बनती रही है।
छत्रपति संभाजी बनाम औरंगजेब की विचारधारा का चुनाव
महाराष्ट्र में मराठा गौरव की विरासत को संभालते हुए प्रधानमंत्री ने छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के अनुयायियों के बीच चुनाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने महाराष्ट्र की जनता से कहा कि इस चुनाव में एक ओर राष्ट्रवादी विचारधारा है, जो छत्रपति संभाजी महाराज का आदर करती है, और दूसरी ओर ऐसे लोग हैं जो औरंगजेब के विचारों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, “यह महाराष्ट्र का चुनाव है, और यहाँ संभाजी महाराज की विचारधारा के अनुयायियों को चुनना होगा, न कि औरंगजेब की प्रशंसा करने वालों को।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की संस्कृति और मराठा विरासत को सुरक्षित रखना भाजपा का प्रमुख एजेंडा है। उनके इस भाषण से मराठा समुदाय में देशप्रेम और गर्व की भावना को बल मिला और इसे एक राजनीतिक चतुराई भी माना जा रहा है।
औरंगाबाद से छत्रपति संभाजीनगर: मराठा संस्कृति की रक्षा का प्रयास
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा-नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करके मराठा गौरव का सम्मान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान कांग्रेस ने इस नाम परिवर्तन का विरोध किया था और मराठा संस्कृति के प्रति सम्मान का कोई साहस नहीं दिखाया। उन्होंने कहा कि केवल भाजपा ही महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री का यह बयान महाराष्ट्र के मराठा समुदाय के बीच एक विशेष संदेश भेजने का प्रयास था। महाराष्ट्र की राजनीति में मराठा गौरव एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, और भाजपा इस भावना को जोड़कर कांग्रेस पर हमला कर रही है।
मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग
भाजपा सरकार मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए कृतसंकल्प है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मराठी भाषा को यह दर्जा मिलने से महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। भाजपा की यह मांग मराठी समाज में सकारात्मक रूप से देखी जा रही है और इसे सांस्कृतिक संरक्षण का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
महाराष्ट्र की आर्थिक प्रगति और विदेशी निवेश
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) के बढ़ते स्तर को महाराष्ट्र की आर्थिक प्रगति के लिए अहम बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा की आर्थिक नीतियों से महाराष्ट्र को वैश्विक निवेश आकर्षित हुआ है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिली है। उनका कहना था कि महाराष्ट्र की समृद्धि और रोजगार सृजन के लिए भाजपा का शासन अनिवार्य है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा महाराष्ट्र के विकास को अवरुद्ध किया है, और भाजपा ही राज्य के आर्थिक विकास की सही दिशा में ले जा सकती है।
“भाजपा- महायुति आहे, गति आहे, महाराष्ट्राची प्रगति आहे”
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का समापन एक मराठी नारे के साथ किया – “भाजपा- महायुति आहे, गति आहे, महाराष्ट्राची प्रगति आहे”। उन्होंने महाराष्ट्र की जनता से भाजपा-नेतृत्व वाली महायुति सरकार का समर्थन करने की अपील की और कहा कि महाराष्ट्र का भविष्य भाजपा के हाथों में सुरक्षित है। उनका यह नारा भावनात्मक था और महाराष्ट्र की जनता के लिए एक उम्मीद का प्रतीक बन गया।
प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण का महाराष्ट्र के चुनावों पर गहरा असर हो सकता है, क्योंकि उन्होंने केवल राज्य के मुद्दों को ही नहीं उठाया बल्कि राष्ट्रीय हितों को भी जोड़कर कांग्रेस पर बड़ा हमला किया। उनके भाषण में मराठा संस्कृति, राज्य की धरोहर और राष्ट्रप्रेम के मुद्दों को मिलाकर लोगों के बीच भावनात्मक समर्थन की अपील की गई।
राजनीतिक विश्लेषण और संभावित प्रभाव
प्रधानमंत्री का यह भाषण भाजपा के लिए महाराष्ट्र में लाभकारी साबित हो सकता है। मराठा गौरव, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक धरोहर जैसे मुद्दों को जोड़कर उन्होंने एक भावनात्मक संबंध बनाने का प्रयास किया है। मराठी समाज में भाजपा का समर्थन बढ़ाने की संभावना इस भाषण से बढ़ सकती है। दूसरी ओर, कांग्रेस पर राष्ट्रविरोधी होने का आरोप लगाना कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, खासकर जब महाराष्ट्र में राष्ट्रीय और सांस्कृतिक मुद्दे चुनावी बहस में प्रमुखता पा रहे हैं।
इस भाषण का प्रभाव केवल महाराष्ट्र चुनाव पर नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जा सकता है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने इसे एक राष्ट्रीय एकता और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बनाया। भाजपा इस रैली के बाद अपनी रणनीति को और मजबूत कर सकती है, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों को इसका सामना करने के लिए एक नई रणनीति बनानी होगी।