
मोनिका सिंह अयोध्या प्रभात भारत
नई दिल्ली। सरकार ने शहरी स्वच्छ भारत मिशन और अमृत मिशन के दूसरे चरण को वर्ष 2025-26 तक के लिए बढ़ाकर इन्हें राष्ट्रीय प्राथमिकता वाला मिशन घोषित किया है। स्वच्छ भारत मिशन के लिए जहां 1.42 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जबकि अटल मिशन फार रीजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफारमेशन (अमृत) के लिए 2.77 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। दोनों मिशनों के दायरे में इस बार देश के सभी शहरी निकायों को शामिल किया गया है। सर्वत्र सतत स्वच्छता कायम करने के साथ ही हर परिवार को नल से जल उपलब्ध कराना है। इसके बाद सीवर लाइन के प्रदूषित पानी को स्वच्छ कर दोबारा उपयोग लायक बनाना भी प्राथमिकता है।
स्वच्छता मिशन के दूसरे चरण में साफ सफाई के साथ कूड़े के निस्तारण पर विशेष जोर होगा। शहरों में अब कूड़े के ढेर नहीं लगेंगे। पहले के बने कूड़े के पहाड़ों को खत्म किया जाएगा। शहरों को उनकी सफाई और कूड़े के निस्तारण के आधार पर स्टार का तमगा दिया जाएगा।
अमृत मिशन में अब देश के सभी शहरों को शामिल किया जाएगा। सभी शहरी घरों को नल का कनेक्शन दिया जाएगा और उन परिवारों को सीवर लाइन कनेक्शन से भी जोड़ा जाएगा। मिशन का लक्ष्य 2.68 करोड़ घरों को नल का कनेक्शन देना है, जबकि 2.64 करोड़ सीवर और सेप्टिक कनेक्शन दिए जाएंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डिजिटल मानिटरिंग प्रणाली अपनाई जाएगी। पानी की गुणवत्ता जांच के लिए विशेष सेंसर आधारित प्रविधान किया जाएगा। केंद्र सरकार के साथ इसमें राज्यों की भी अहम भूमिका होगी।