
मोबाइल चोरी के विवाद में दबंगों ने युवक पर किया हमला, वीडियो हुआ वायरल
धानेपुर, गोंडा। धानेपुर थाना क्षेत्र के उजैनीकला गांव के मजरे खरिहा में रविवार को मोबाइल चोरी के विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। कुछ दबंगों ने लाठी-डंडों से लैस होकर एक युवक पर हमला कर दिया और उसे बुरी तरह से पीट दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें हमलावरों की बर्बरता साफ दिखाई दे रही है। पीड़ित युवक श्यामदीन ने आरोपियों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने वीडियो को संज्ञान में लेते हुए तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
यह घटना रविवार की है, जब उजैनीकला गांव के मजरे खरिहा निवासी श्यामदीन के घर पर कुछ दबंग, जिनमें दिवाकर, ओमप्रकाश, प्रभाकर और सूरज वर्मा शामिल थे, लाठी-डंडों के साथ पहुंचे। श्यामदीन का आरोप है कि इन लोगों ने बिना किसी चेतावनी के उस पर हमला बोल दिया और उसे बुरी तरह पीटा। दबंगों ने श्यामदीन के घर में घुसकर लात-घूंसों और डंडों से उसकी बेरहमी से पिटाई की। घटना के दौरान श्यामदीन का परिवार भी मौजूद था, लेकिन वे डर के मारे कुछ नहीं कर पाए।पीड़ित श्यामदीन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उसका मोबाइल चोरी को लेकर दिवाकर और उसके साथियों से विवाद चल रहा था। उसी विवाद के चलते इन लोगों ने रविवार को अचानक उसके घर पर हमला कर दिया। श्यामदीन ने कहा, “मैं कुछ भी समझ नहीं पाया कि यह लोग मेरे घर पर क्यों आए और मुझे क्यों मारने लगे। वे लाठी-डंडों से लैस थे और मुझ पर बिना किसी बात के वार करने लगे।
इस हिंसक घटना का वीडियो किसी स्थानीय व्यक्ति ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से दिवाकर और उसके साथी श्यामदीन को लाठियों और डंडों से पीट रहे हैं। श्यामदीन खुद को बचाने की कोशिश करता है, लेकिन हमलावर उसे लगातार मारते रहते हैं। यह वीडियो वायरल होने के बाद घटना की गंभीरता बढ़ गई और पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया।
वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया और गांव में तनाव का माहौल बन गया। स्थानीय लोग इस घटना से काफी नाराज हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस वीडियो को लेकर लोगों ने नाराजगी जताई और इसे कानून-व्यवस्था के लिए शर्मनाक बताया।
घटना की जानकारी मिलते ही धानेपुर थाना के थानाध्यक्ष सुनील सिंह ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल का दौरा किया और मामले की जांच शुरू की। थानाध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा, वीडियो को आधार बनाकर हमने त्वरित कार्रवाई की है। तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। हम मामले की पूरी जांच करेंगे और दोषियों को सख्त सजा दिलवाएंगे।
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला मोबाइल चोरी और लेन-देन के विवाद से जुड़ा हुआ है। थानाध्यक्ष ने यह भी कहा कि मामले की जांच गहराई से की जा रही है ताकि सभी आरोपियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पीड़ित श्यामदीन ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि वह मोबाइल चोरी के आरोपों से पहले ही इनकार कर चुका था, लेकिन दिवाकर और उसके साथी लगातार उसे परेशान कर रहे थे। श्यामदीन का कहना है कि उसने कई बार इस विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश की, लेकिन उसके प्रयास नाकाम रहे।
श्यामदीन ने बताया कि मैंने उन्हें कई बार समझाया कि मैंने उनका मोबाइल नहीं चुराया है, लेकिन वे लोग मुझ पर शक करते रहे। मैंने सोचा था कि यह मामला आपसी बातचीत से सुलझ जाएगा, लेकिन उन्होंने मेरे घर पर आकर मुझ पर हमला कर दिया। मेरे परिवार के लोग भी इस हमले से बहुत डर गए हैं। मुझे अब अपनी सुरक्षा की चिंता है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की हिंसक घटनाएं पहले कभी नहीं हुईं और इस घटना ने गांव की शांति भंग कर दी है। ग्रामीणों ने पुलिस से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
गांव के एक बुजुर्ग निवासी ने कहा, हमारे गांव में कभी ऐसा नहीं हुआ। यह बहुत ही दुखद और डरावनी घटना है। हम चाहते हैं कि पुलिस जल्दी से जल्दी इस मामले को सुलझाए और दोषियों को सजा दे। अगर ऐसे ही चलता रहा तो गांव में लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे।
इस घटना ने एक बार फिर से सवाल उठाए हैं कि समाज में बढ़ते असंतोष और हिंसक प्रवृत्तियों का क्या कारण है। मामूली विवादों का इतनी जल्दी हिंसा का रूप लेना समाज के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि समाज में बढ़ते असंवेदनशीलता और हिंसा की प्रवृत्ति को भी दर्शाती हैं।
ऐसे मामलों में कानून का पालन और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान किया जाना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को खुद ही न्याय करने का अधिकार नहीं है। इस तरह की घटनाएं समाज में अशांति फैलाने का काम करती हैं और कानून के प्रति लोगों का विश्वास कमजोर करती हैं।
पुलिस ने इस घटना के बाद लोगों से अपील की है कि वे कानून अपने हाथ में न लें और किसी भी प्रकार के विवाद को सुलझाने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करें। थानाध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा, “किसी भी प्रकार की हिंसा या गैरकानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।