
सदर विधायक योगेश वर्मा और बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह के बीच झगड़ा, अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के सामने हुआ हंगामा
लखीमपुर, 09 अक्टूबर। खीरी में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां सदर विधायक योगेश वर्मा और बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह के बीच तीखा विवाद हुआ, जो देखते-देखते एक हिंसक झगड़े में बदल गया। घटना शहर के अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के सामने घटी, जहां दोनों पक्षों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई। इस पूरे घटनाक्रम में विधायक योगेश वर्मा को बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह और उनके समर्थकों द्वारा सार्वजनिक रूप से पीटा गया, जबकि पुलिस मूक दर्शक बनी रही।
मामला तब शुरू हुआ जब अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के सामने मतदाता सूची को लेकर विवाद हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विधायक योगेश वर्मा मतदाता सूची में हो रही धांधली के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे थे। योगेश वर्मा का आरोप था कि मतदाता सूची को जानबूझकर फाड़ा जा रहा है, जिससे मतदाताओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने इस गड़बड़ी को लेकर कड़ी आपत्ति जताई और इस मुद्दे को लेकर बार संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह से बहस शुरू हो गई।
मामला तब बिगड़ा जब दोनों पक्षों के बीच बहस ने तीखा रूप ले लिया। शुरुआत में दोनों पक्षों के बीच तीखी जुबानी जंग चल रही थी, लेकिन जल्द ही यह बहस हाथापाई में बदल गई। बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह और उनके समर्थकों ने विधायक योगेश वर्मा पर हमला कर दिया, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।
मारपीट का दृश्य
बैंक के सामने इस सार्वजनिक मारपीट के दौरान विधायक योगेश वर्मा को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवधेश सिंह और उनके साथियों ने योगेश वर्मा को घेर लिया और उनके साथ मारपीट की। इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मी इस पूरी घटना को देख रहे थे, लेकिन उन्होंने झगड़ा रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पुलिस की निष्क्रियता से लोगों में काफी आक्रोश है, क्योंकि एक जनप्रतिनिधि पर सार्वजनिक रूप से हमला हो रहा था और पुलिस इसे रोकने में असमर्थ रही।
विधायक योगेश वर्मा को पिटते देख वहां पर मौजूद अन्य लोग भी हैरान रह गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मामला इतनी तेजी से बिगड़ा कि किसी को कुछ समझने का मौका नहीं मिला। झगड़े के दौरान विधायक योगेश वर्मा को कई गंभीर चोटें आईं और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
इस पूरे विवाद की जड़ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में मतदाता सूची में गड़बड़ी से जुड़ी है। विधायक योगेश वर्मा ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में हेरफेर की जा रही थी, जिससे सही मतदाताओं का नाम हटाया जा रहा था और फर्जी नाम जोड़े जा रहे थे। उनका कहना था कि यह एक सुनियोजित साजिश है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित किया जा रहा है।
बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह, जो इस प्रक्रिया से जुड़े थे, ने विधायक के आरोपों को खारिज किया और दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। देखते ही देखते बहस ने हिंसक रूप ले लिया और मारपीट की घटना हो गई।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुलिसकर्मी घटना स्थल पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने झगड़ा रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। विधायक योगेश वर्मा पर हो रहे हमले के बावजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।
लखीमपुर खीरी के स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए था और इस विवाद को रोकना चाहिए था, लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते मामला बिगड़ गया। पुलिस की निष्क्रियता पर लोगों में काफी आक्रोश है, और उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
इस घटना ने लखीमपुर खीरी में राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। विधायक योगेश वर्मा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं और उनके साथ हुई इस घटना ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। भाजपा के समर्थक इस हमले को एक सुनियोजित साजिश बता रहे हैं, जबकि विपक्षी दल इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
इस घटना के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है और उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। भाजपा ने इस घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया है और कहा है कि विधायक पर हुआ यह हमला लोकतंत्र के खिलाफ है।
विधायक योगेश वर्मा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह हमला उनके द्वारा उठाई गई आवाज को दबाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि वह जनता के हितों की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहेंगे और इस तरह के हमलों से डरने वाले नहीं हैं। योगेश वर्मा ने कहा कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरी घटना के पीछे राजनीतिक षड्यंत्र है और इसे जानबूझकर अंजाम दिया गया है ताकि उन्हें जनता की आवाज उठाने से रोका जा सके। योगेश वर्मा ने कहा कि वह इस मामले को लेकर कानूनी कार्रवाई करेंगे और दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
वहीं, बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि विधायक ने बिना किसी ठोस प्रमाण के उन पर आरोप लगाए और उन्हें अपमानित करने की कोशिश की। अवधेश सिंह ने कहा कि विधायक ने उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश की, जिसके कारण विवाद हुआ।
उन्होंने दावा किया कि उनका मतदाता सूची में कोई हेरफेर करने का इरादा नहीं था और यह पूरा मामला गलतफहमी का परिणाम है। अवधेश सिंह ने कहा कि वह कानून का सम्मान करते हैं और इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं।
इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों से पूछताछ की जाएगी और घटना के साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन प्रशासन का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों को कानून के अनुसार सजा दी जाएगी।
इस घटना ने लखीमपुर खीरी के समाज में गहरी चिंता और नाराजगी पैदा कर दी है। एक जनप्रतिनिधि के साथ सार्वजनिक रूप से हुई इस मारपीट ने सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग इस बात से आक्रोशित हैं कि कैसे एक विधायक के साथ पुलिस की मौजूदगी में इस तरह का बर्ताव किया गया और पुलिस कुछ नहीं कर पाई।
लखीमपुर खीरी के लोग इस घटना को लेकर दो धड़ों में बंट गए हैं। एक तरफ विधायक योगेश वर्मा के समर्थक हैं, जो इस हमले को राजनीतिक साजिश मान रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह के समर्थक हैं, जो उनके पक्ष में खड़े हैं और इस मामले को गलतफहमी का नतीजा मानते हैं।
लखीमपुर खीरी में विधायक योगेश वर्मा और बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह के बीच हुआ यह विवाद एक गंभीर मुद्दा है, जिसने स्थानीय राजनीति और समाज में तनाव पैदा कर दिया है। इस घटना ने पुलिस की निष्क्रियता और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि इस मामले में प्रशासन क्या कदम उठाता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।