छापेमारी के दौरान पथराव; मुख्य आरोपी सहित कई के खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरू
गोंडा 28 अप्रैल। जिले में अवैध खनन पर नकेल कसने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा छेड़े गए विशेष अभियान के तहत रविवार रात एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। खनन अधिकारी डॉ. अभय रंजन के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने थाना कटरा बाजार क्षेत्र के ग्राम रूपनपुरवा, मौजा देवा परसिया (तहसील करनैलगंज) में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान खनन विभाग की टीम ने मौके से अवैध खनन में प्रयुक्त दो ट्रैक्टर-ट्रॉली और एक लोडर जब्त किया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा विभागीय टीम पर पथराव करने का प्रयास भी किया गया, जिसे मौके पर तैनात पुलिस बल ने सूझबूझ से विफल कर दिया। इस अभियान ने जिले में अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन की सख्त नीति का एक बार फिर स्पष्ट संकेत दिया है।
जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कटरा बाजार थाना क्षेत्र के अंतर्गत कुछ गांवों में अवैध रूप से मिट्टी और बालू का खनन किया जा रहा है। गुप्त सूचना के आधार पर जब रविवार रात लगभग 11:30 बजे खनन अधिकारी के नेतृत्व में टीम ने छापा मारा, तो मौके पर अवैध खनन में लिप्त लोग सक्रिय अवस्था में पाए गए। खनन कराई जा रही सामग्री को लोड करते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली और लोडर को रंगे हाथ पकड़ा गया। अधिकारियों ने बिना देर किए सभी मशीनरी को तत्काल सीज कर लिया और आरोपियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही शुरू कर दी। अवैध खनन से न केवल राजस्व की क्षति होती है, बल्कि पर्यावरणीय असंतुलन भी उत्पन्न होता है, जिसे रोकने के लिए प्रशासन पूरी गंभीरता से प्रयासरत है।
छापेमारी के दौरान जब खनन विभाग की टीम अवैध गतिविधियों को रोकने का प्रयास कर रही थी, तभी कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव कर स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश की। अचानक हुए इस हमले से स्थिति कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस टीम ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए हालात को नियंत्रण में ले लिया। किसी भी अधिकारी या कर्मी को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन पथराव की इस घटना ने अवैध खनन माफिया की हिम्मत और संगठित गतिविधियों को उजागर कर दिया है। पथराव के आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। यह घटना यह बताती है कि प्रशासन को न केवल अवैध खनन रोकने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि असामाजिक तत्वों की हिंसक प्रतिक्रिया का भी मुकाबला करना पड़ रहा है।
खनन विभाग द्वारा जब्त किए गए वाहनों की जांच में पाया गया कि ये ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और लोडर अवैध रूप से बिना किसी वैध परमिट के मिट्टी और बालू के उत्खनन और परिवहन में लगे थे। इनका उपयोग पर्यावरणीय नियमों और सरकारी आदेशों का खुला उल्लंघन करते हुए किया जा रहा था। प्रारंभिक जांच में तेजनारायण मिश्रा को इस अवैध खनन का मुख्य संचालक पाया गया है, जो मौके पर सक्रिय रूप से अवैध कार्य को अंजाम देता मिला। उनके अतिरिक्त विकास बाबू, पिंटू दीक्षित और देवेंद्र कुमार तिवारी नामक वाहन चालकों की भी इस गतिविधि में संलिप्तता सामने आई है। इन सभी के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कर विधिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश देना भी प्रारंभ कर दिया है।
खनन अधिकारी डॉ. अभय रंजन ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन द्वारा खनन माफिया के विरुद्ध सख्त नीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। डॉ. अभय रंजन ने यह भी स्पष्ट किया कि छापेमारी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को पूरी तरह रोका जा सके। उन्होंने खनन विभाग और पुलिस विभाग के समन्वय से चलाए जा रहे इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने का संकल्प दोहराया। प्रशासन का प्रयास है कि जिले में अवैध खनन की जड़ तक पहुंचकर उसे पूरी तरह समाप्त किया जाए।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर जिले में अवैध खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार की गई है। इसके तहत खनन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को संयुक्त रूप से नियमित गश्त और निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, गुप्तचर नेटवर्क को मजबूत करते हुए ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जा रही है जहां अवैध खनन की संभावना अधिक है। जिलाधिकारी ने कहा है कि खनन से जुड़े किसी भी प्रकार के अवैध कार्य में संलिप्त पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ न केवल आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा, बल्कि उनकी संपत्ति को भी जब्त करने की कार्यवाही की जाएगी। इस अभियान को जिलेभर में व्यापक समर्थन मिल रहा है और आम नागरिकों द्वारा भी प्रशासन को गोपनीय सूचनाएं प्रदान की जा रही हैं।
गोंडा जिले में अवैध खनन की समस्या लंबे समय से प्रशासन के लिए एक चुनौती रही है। नदी-नालों से बिना अनुमति खनन किए जाने से न केवल जलस्रोतों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में जल-स्तर भी गिरता है। इसके अतिरिक्त, अवैध खनन से सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं और ग्राम्यांचलों में जीवन-यापन कठिन हो जाता है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा यह विशेष अभियान न केवल राजस्व हानि को रोकने में सहायक है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है। पर्यावरणविदों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना करते हुए कहा है कि यदि इसी तरह निरंतर कार्यवाही जारी रही, तो आने वाले समय में गोंडा जिले को अवैध खनन मुक्त बनाना संभव हो सकेगा।
खनन विभाग ने जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी अवैध खनन की गतिविधि देखी जाए या उसके संबंध में कोई सूचना प्राप्त हो, तो तत्काल विभागीय अधिकारियों को सूचित करें। सूचना देने वाले व्यक्तियों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और आवश्यकतानुसार उन्हें विधिक संरक्षण भी प्रदान किया जाएगा। प्रशासन ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि किसी ग्राम प्रधान, बीडीसी सदस्य या अन्य जनप्रतिनिधि की भूमिका अवैध खनन में पाई गई, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि इस बार जिला प्रशासन अवैध खनन के खिलाफ पूरी तरह से युद्ध स्तर पर अभियान चला रहा है और किसी भी दोषी को बख्शने के मूड में नहीं है।
उक्त कार्रवाई से जिलेभर में अवैध खनन में संलिप्त तत्वों में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों बाद पहली बार ऐसा लगा है कि प्रशासन वास्तव में अवैध गतिविधियों के खिलाफ गंभीर और सक्रिय हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस प्रकार की छापेमारी और निगरानी को नियमित किया जाए ताकि अवैध खनन पर स्थायी रूप से रोक लग सके। लोगों ने खनन अधिकारी डॉ. अभय रंजन और जिला प्रशासन की सक्रियता की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी इसी तरह की कठोर कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि गोंडा जिले को पर्यावरणीय दृष्टि से सुरक्षित और संतुलित बनाया जा सके।

