
गोंडा (अतुल यादव) 18 अगस्त। बच्चे देश का भविष्य माने जाते हैं बच्चों की शिक्षा उनके मानसिक विकास को ले कर सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाईं गयीं बाल श्रम को अपराध के दायरे में ला कर कानून बनाया गया, चाइल्ड केयर जैसी संस्थाएं भी सक्रियता से बाल श्रम को रोकने के लिए अथवा उचित शिक्षा दीक्षा का प्रबन्धन सुनिश्चित कराने का काम करती हैं इन सबके बावजूद होटलों पर दस बारह और चौदह वर्ष के बच्चों से कप प्लेट उठाने नाली साफ कराने जैसा कार्य कराया जाता है, जी हाँ ऐसा ही मार्मिक दृश्य धानेपुर थाना क्षेत्र के कस्बा बाबागंज में स्थित विजय मिष्ठान होटल पर देखा गया जहां पर एक नही तीन बच्चे जिनकी उम्र महज दस, बारह साल के इर्द गिर्द है इन बच्चों से ग्राहकों को नाश्ता सर्व कराने, कप प्लेट उठाने, टेबल अथवा नाली साफ़ कराने का काम लिया जाता है।
ऐसा नही है की यहां कोई जिम्मेदार व्यक्ति नही आता, और ना किसी प्रशानिक अधिकारी की व पुलिस की नज़र नही पड़ती, सभी आते हैं बाबागंज में यह होटल गोंडा उतरौला मार्ग पर स्थित है यहां धानेपुर की पुलिस तथा अन्य विभागीय लोगों का उठना बैठना रहता है इन सबको भी यही बच्चे चाय नाश्ता सर्व करते हैं मगर अफ़सोस की सभी ने होटल मालिक के प्रति उदारता तो दिखाई मग़र कम उम्र में काम के बोझ तले कुढ़ते बचपन का दर्द किसी ने महसूस नही किया, ऐसे यह कहना गलत नही होगा की सरकार चाहे जितनी कोशिश करें चाहे जितने कानून बनाये, जब तक उन कानूनों का शत प्रतिशत अनुपाल सुनुश्चित नही होगा तब तक चाइल्ड केयर जैसी संस्थायें बाल श्रम अपराध जैसे कानून फाइलों में धूल फांकते रहेंगे।