
Ayodhya News, Prabhat Bharat 30 October
अयोध्या में एक महिला बैंक अधिकारी द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मौके पर पहुंची पुलिस को युवती का एक सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में युवती ने लखनऊ में तैनात एक आईपीएस अधिकारी, अयोध्या के एक पुलिस अधिकारी समेत अपने पूर्व मंगेतर का नाम लिखा है। माता-पिता को लेकर लिखे गए महज तीन लाइन के इस सुसाइड नोट में युवती नें इन तीनों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। साथ ही अपने माता-पिता से अपने इस कदम के लिए माफी मांगी है।
महिला द्वारा आत्महत्या की ये सनसनीखेज वारदात अयोध्या के खवासपुरा मोहल्ले में हुई है। महिला बैंक अधिकारी की पहचान लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी 30 वर्षीय श्रद्धा गुप्ता के रूप में हुई है। श्रद्धा अयोध्या स्थित पंजाब नेशनल बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में स्केल वन ऑफिसर थी। पुलिस ने मौके से बरामद श्रद्धा के सुसाइड नोट को जांच के लिए कब्जे में ले लिया है। सुसाइड नोट में अयोध्या तैनात रहे एसएसपी आशीष तिवारी सहित तीन लोगों को आत्महत्या का जिम्मेदार बताया गया है। आइपीएस के अलावा दूसरा पुलिसकर्मी प्रधान आरक्षी अनिल रावत बताया गया है। तीसरा युवक विवेक किस प्रकार श्रद्धा का उत्पीडऩ कर रहा था, यह बात श्रद्धा के स्वजन भी स्पष्ट नहीं कर सके हैं।
श्रद्धा के परिवार से जुड़े दीप ने बताया कि शुक्रवार की शाम से ही घरवाले श्रद्धा को फोन कर रहे थे, लेकिन श्रद्धा की ओर से फोन रिसीव नहीं हुआ था। शनिवार सुबह भी फोन किया गया तो कोई उत्तर न मिलने पर मकान मालिक को सूचना दी गई। मकान मालिक ने श्रद्धा के कमरे की खिड़की से अंदर देखा तो उसका शव फंदे से लटक रहा था। मकान मालिक की सूचना पर मृतका के स्वजन यहां पहुंचे। एसएसपी शैलेश पांडेय, एसपी सिटी विजयपाल सिंह, एएसपी पलाश बंसल भी मौके पर पहुंचे और खिड़की तोड़कर श्रद्धा के कमरे में दखिल हुई पुलिस ने शव को संरक्षण में लिया। कमरे से एक सुसाइड नोट प्राप्त हुआ जिसमें एक आईपीएस अधिकारी, एक पुलिस कर्मी तथा एक युवक को आत्महत्या का जिम्मेदार बताया गया है।
घटनास्थल से प्राप्त साक्ष्यों को पुलिस ने जांच के लिए सुरक्षित कर लिया है। एएसपी पलाश बंसल ने बताया कि स्वजनों के अनुसार जिन लोगों पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है, उनमें से एक युवक के साथ श्रद्धा की शादी तय हुई थी, जो बाद में टूट गई थी।
श्रद्धा बहुत ही जिंदादिल इंसान थी। अपनी मेधा के बल पर उसने कम उम्र में स्केल वन अफसर की नौकरी प्राप्त की। विभागीय सहकर्मियों की मानें तो श्रद्धा वर्ष 2015 से बैंक में कार्यरत थी। हेड क्लर्क पद से उसने अपनी नौकरी की शुरुआत की थी और विभागीय परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर वह अधिकारी के पद तक पहुंची थीं। गुरुवार को क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में भी वह पूरे हर्षोउल्लास के साथ शामिल हुई थी। शुक्रवार को वह ड्यूटी पर भी नहीं आई थी। स्वजन एवं विभागीय लोगों का कहना है कि श्रद्धा के आत्महत्या प्रकरण पर गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मौके से मिले सुसाइड नोट को जांच के लिए सुरक्षित कर लिया गया है। आगे जांच के आधार पर कार्यवाही होगी।