
गोंडा 16 दिसंबर। जिले में एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में आयोजित स्वर्गीय सत्यदेव सिंह प्रतिभा सम्मान समारोह में शिरकत की। इस समारोह का आयोजन स्वर्गीय सत्यदेव सिंह की स्मृति में किया गया, जो गोंडा क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित पूर्व सांसद थे।
कार्यक्रम स्थल पर उपराज्यपाल का स्वागत गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा, पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल और स्वर्गीय सत्यदेव सिंह की पुत्री वर्षा सिंह ने बुके देकर किया। इसके बाद, उपराज्यपाल ने दीप प्रज्वलन कर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में सत्य सरोज फाउंडेशन के माध्यम से 10 गरीब और मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान की गई। इस पहल का उद्देश्य ऐसे छात्रों को प्रोत्साहित करना था, जो अपनी प्रतिभा को आर्थिक संसाधनों के अभाव में निखार नहीं पा रहे थे। इसके साथ ही, महाविद्यालय के विभिन्न विषयों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में उपराज्यपाल का भावनात्मक जुड़ाव भी साफ झलका। स्वर्गीय सत्यदेव सिंह से अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सत्यदेव सिंह न केवल एक कुशल सांसद थे, बल्कि उनके नेतृत्व और सामाजिक सोच का गहरा प्रभाव क्षेत्र और लोगों पर पड़ा था। उनके स्मृति में आयोजित इस सम्मान समारोह में हिस्सा लेना उनके लिए गर्व की बात है।
युवा शक्ति, शिक्षा और विकास पर उपराज्यपाल का संदेश
अपने संबोधन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बच्चों, युवाओं और शिक्षकों को प्रेरित करने वाले विचार साझा किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज के समय में युवाओं को आधुनिक तकनीक और शिक्षा के माध्यम से खुद को सशक्त बनाना होगा। उन्होंने कहा कि अगर भारत को विश्व स्तर पर अग्रणी बनाना है, तो देश के युवा ही इसका नेतृत्व करेंगे।
मनोज सिन्हा ने शिक्षा को जीवन का आधार बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति के लिए यह एक ऐसा साधन है, जो जीवन को संपूर्ण बनाता है। उन्होंने नई शिक्षा नीति की तारीफ करते हुए कहा कि यह नीति छात्रों को अधिक रुचिकर और व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करने में सहायक है। पहले जहां बच्चे पढ़ाई के नाम पर विद्यालय से दूरी बना लेते थे, वहीं अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत किए गए सुधारों के चलते छात्र पढ़ाई में अधिक रुचि ले रहे हैं।
उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे पूरी निष्ठा और लगन से छात्रों को एक ऐसी शिक्षा प्रदान करें, जो भविष्य में उदाहरण बने। छात्रों को शिक्षा के महत्व को समझाते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि ज्ञानार्जन कभी खत्म नहीं होता और इसे जीवन के हर स्तर पर प्राप्त किया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एक प्रेरणादायक कहानी सुनाई। कहानी एक राजा और उसके सेनापति की थी, जिसमें राजा ने अपने सेनापति से यह वचन लिया था कि जीत सुनिश्चित होनी चाहिए। इस प्रसंग के माध्यम से उपराज्यपाल ने संदेश दिया कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए संकल्प और ईश्वर का आशीर्वाद आवश्यक है।
उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करें और भारत को आर्थिक और सामाजिक रूप से शीर्ष पर ले जाने में योगदान दें। इसके साथ ही, उन्होंने भारत की जीडीपी को विश्व में उच्चतम स्थान पर पहुंचाने का आह्वान किया।
गोंडा का यह कार्यक्रम न केवल स्वर्गीय सत्यदेव सिंह की स्मृति को सम्मानित करने का प्रयास था, बल्कि यह बच्चों और युवाओं को प्रेरित करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच भी बना। उपराज्यपाल के प्रेरक विचारों और संदेशों ने न केवल छात्रों, बल्कि शिक्षकों और उपस्थित जनों को भी नई दिशा प्रदान की।