
गोंडा की SHG दीदियों ने अमेज़न पर पहला ऑर्डर किया डिस्पैच, आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम
गोंडा 6 फरवरी। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को एक नई दिशा देते हुए, स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं ने ‘अरगा’ ब्रांड के तहत अपना पहला ऑर्डर अमेज़न पर सफलतापूर्वक पूरा कर दिया है। यह उपलब्धि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो दर्शाता है कि ग्रामीण महिलाओं की मेहनत, संघर्ष और आत्मनिर्भर बनने की इच्छा उन्हें राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा रही है।
गोंडा की महिलाओं द्वारा संचालित यह ब्रांड पूरी तरह से प्राकृतिक, शुद्ध और घरेलू उत्पादों के लिए जाना जाता है। ‘अरगा’ के तहत ग्रामीण महिलाएं मसाले, आचार, अनाज, हर्बल जूस और अन्य खाद्य सामग्रियां तैयार करती हैं। यह ब्रांड न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बना रहा है, बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति को भी सुदृढ़ कर रहा है।
पहला ऑर्डर: आत्मनिर्भरता की नई उड़ान
लखनऊ निवासी कुशाग्र पांडेय ने ‘अरगा’ ब्रांड से मक्के का आटा, भरवां मिर्च अचार और आंवला जूस ऑर्डर किया था। इस ऑर्डर को SHG दीदियों ने बड़े ही उत्साह और मेहनत से तैयार किया और पहली बार अमेज़न पर एक राष्ट्रीय ग्राहक को भेजा। यह ऑर्डर इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण महिलाओं के हाथों से बने उत्पादों को उपभोक्ताओं का विश्वास और सराहना मिल रही है।
गोंडा की एसएचजी सदस्य अनीता देवी, जो ‘अरगा’ ब्रांड की स्थापना में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “हमारे लिए यह सिर्फ एक ऑर्डर नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई शुरुआत है। हम वर्षों से मेहनत कर रहे थे, लेकिन अब हमें यह एहसास हो रहा है कि हमारा परिश्रम रंग ला रहा है। अमेज़न जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर हमारे उत्पादों की पहुंच होना गर्व की बात है। इस ऑर्डर की सफलता के बाद कई अन्य उत्पादों को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने की योजना बनाई जा रही है।
‘अरगा’ ब्रांड: महिला उद्यमिता और स्वावलंबन की मिसाल
‘अरगा’ ब्रांड गोंडा जिले की ग्रामीण महिलाओं के दृढ़ संकल्प और मेहनत का परिणाम है। इस ब्रांड के माध्यम से महिलाएं विभिन्न प्रकार के खाद्य उत्पाद तैयार कर रही हैं, जिनमें मसाले (हल्दी, धनिया, मिर्च, गरम मसाला, पंचफोरन आदि) आचार और मुरब्बे (भरवां मिर्च, आम, नींबू, करौंदा, आंवला आदि) अनाज आधारित उत्पाद (मक्के का आटा, बाजरा आटा, साबुत अनाज) हर्बल जूस (आंवला जूस, बेल जूस, एलोवेरा जूस) देसी घी और शुद्ध तेल शामिल हैं। इन उत्पादों को पूरी तरह से पारंपरिक और प्राकृतिक तरीकों से तैयार किया जाता है, जिससे गुणवत्ता और शुद्धता बनी रहती है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सराहना
गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने ‘अरगा’ ब्रांड की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा,”यह सिर्फ एक ऑर्डर नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। गोंडा की SHG दीदियों ने यह साबित कर दिया है कि आत्मनिर्भर भारत की नींव गांवों से ही रखी जा रही है। ‘अरगा’ ब्रांड से जुड़ी महिलाओं की मेहनत और लगन काबिले-तारीफ है, और जिला प्रशासन हर संभव सहायता प्रदान करता रहेगा ताकि यह ब्रांड और ऊंचाइयों तक पहुंचे।” जिलाधिकारी ने आगे कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का पूरा लाभ इन महिलाओं को मिलेगा और उनका प्रोत्साहन जारी रहेगा।
गांव की महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण
इस सफलता के बाद गोंडा की कई और ग्रामीण महिलाएं ‘अरगा’ ब्रांड से जुड़ने के लिए आगे आ रही हैं। इस पहल ने यह साबित कर दिया है कि अगर सही मार्गदर्शन और संसाधन मिलें, तो ग्रामीण महिलाएं भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकती हैं।
गोंडा की एक अन्य SHG सदस्य संगीता यादव बताती हैं पहले हमें सिर्फ गांव के मेले या स्थानीय बाजारों में अपने उत्पाद बेचने पड़ते थे, लेकिन अब हमारी पहुंच ऑनलाइन मार्केट तक हो गई है। यह हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
सरकार और प्रशासन का सहयोग
उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन इस प्रकार की महिलाओं की पहल को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) और एक जिला एक उत्पाद (ODOP) जैसी योजनाएं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
गोंडा जिले के डीएम नेहा शर्मा और स्थानीय प्रशासन ने ‘अरगा’ ब्रांड की महिलाओं को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। साथ ही, सरकार भी महिलाओं को डिजिटल मार्केटिंग, ब्रांडिंग और ऑनलाइन बिक्री से जुड़ी ट्रेनिंग देने की योजना बना रही है।
समाज का सहयोग भी जरूरी
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ सरकार या प्रशासन ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा। स्थानीय लोगों को ‘अरगा’ ब्रांड के उत्पादों को अपनाकर ग्रामीण महिलाओं का समर्थन करना चाहिए।
कृषि विशेषज्ञ और उद्यमी विकास वर्मा कहते हैं अगर हम गांव की महिलाओं द्वारा बनाए गए इन शुद्ध और प्राकृतिक उत्पादों को अपनाएं, तो न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि हम खुद भी स्वास्थ्यवर्धक चीजों का उपयोग कर सकेंगे।
अब जब ‘अरगा’ ब्रांड ने अमेज़न पर पहला ऑर्डर भेज दिया है, तो आगे इसे और मजबूत करने की योजना बनाई जा रही है।
1. उत्पादों की वैरायटी बढ़ाना – अब तक सीमित उत्पाद ही ऑनलाइन उपलब्ध थे, लेकिन जल्द ही और अधिक उत्पादों को जोड़ा जाएगा।
2. पैकेजिंग और ब्रांडिंग में सुधार – अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पैकेजिंग को विकसित किया जाएगा।
3. सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग – फेसबुक, इंस्टाग्राम, और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर प्रचार बढ़ाया जाएगा।
4. नए मार्केट और रिटेल स्टोर्स से जुड़ाव – स्थानीय किराना स्टोर्स और बड़े सुपरमार्केट से ‘अरगा’ ब्रांड को जोड़ने की योजना है।
‘अरगा’ ब्रांड से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
‘अरगा’ ब्रांड केवल एक व्यापारिक नाम नहीं, बल्कि महिला उद्यमिता, संघर्ष और सफलता की एक मिसाल बन चुका है। यह ब्रांड गोंडा की ग्रामीण महिलाओं के लिए एक नई पहचान और उम्मीद की किरण है।
आज जब दुनिया डिजिटल हो रही है, तो गोंडा की महिलाएं भी इस नए युग में कदम रखते हुए आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रही हैं। यह सफलता दिखाती है कि अगर मेहनत और लगन हो, तो गांव की महिलाएं भी किसी से पीछे नहीं हैं।
आइए, हम सब ‘अरगा’ ब्रांड को अपनाएं और महिलाओं की इस सफलता यात्रा में उनका साथ दें