
मथुरा, 24 नवंबर। उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में मथुरा जनपद ने एक अनूठी और सराहनीय पहल शुरू की है, जो पुलिसकर्मियों के परिजनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। यह पहल मथुरा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शैलेश पांडे के नेतृत्व में शुरू की गई है, जिसमें उन पुलिसकर्मियों के बच्चों, भाइयों और बहनों को विशेष सहायता दी जाएगी, जो पुलिस आरक्षी भर्ती प्रक्रिया में चयनित हुए हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य इन उम्मीदवारों को उनके आगे की तैयारियों के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि वे मेडिकल, शारीरिक परीक्षा, दौड़ आदि में सफल हो सकें।
पहल की आवश्यकता और उद्देश्य
उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती प्रक्रिया कठिन और चुनौतीपूर्ण होती है। मेडिकल टेस्ट से लेकर शारीरिक दक्षता परीक्षा और दौड़ तक, उम्मीदवारों को कई स्तरों पर खुद को साबित करना होता है। ऐसे में, उन पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जिनके बच्चे या अन्य परिजन इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं।
एसपी शैलेश पांडे ने इस आवश्यकता को समझते हुए एक ऐसी व्यवस्था शुरू की है, जो इन उम्मीदवारों को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करेगी। इस पहल के माध्यम से उम्मीदवारों को न केवल सही प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि उन्हें इस प्रक्रिया के दौरान आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए उचित मार्गदर्शन भी मिलेगा।
पहल का प्रारूप और लाभ
मथुरा में शुरू की गई इस व्यवस्था के तहत चयनित उम्मीदवारों को कई सहायता प्रदान की जाएगी:
1. मेडिकल जांच की तैयारी: मेडिकल जांच प्रक्रिया में अक्सर उम्मीदवारों को छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण असफल होना पड़ता है। इस पहल के तहत, विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा उनकी पूरी जांच की जाएगी और किसी भी समस्या को समय रहते ठीक करने के उपाय सुझाए जाएंगे।
2. शारीरिक दक्षता प्रशिक्षण: शारीरिक परीक्षा और दौड़ पुलिस भर्ती प्रक्रिया के सबसे कठिन चरणों में से एक है। इसके लिए उम्मीदवारों को मथुरा पुलिस की ओर से विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें उन्हें दौड़ने की तकनीक, स्टैमिना बढ़ाने के उपाय और शारीरिक फिटनेस बनाए रखने की विधियां सिखाई जाएंगी।
3. मनोवैज्ञानिक समर्थन: कई बार उम्मीदवार अत्यधिक दबाव और तनाव के कारण अपनी क्षमता से कम प्रदर्शन कर पाते हैं। इस पहल के तहत, मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग और मोटिवेशनल सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिससे उम्मीदवारों का आत्मविश्वास बढ़े।
4. सुविधाजनक अभ्यास स्थल: मथुरा पुलिस ने सुनिश्चित किया है कि सभी अभ्यास सत्र ऐसे स्थानों पर आयोजित किए जाएं, जहां उम्मीदवार बिना किसी बाधा के प्रशिक्षण ले सकें।
पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडे की सोच
एसपी शैलेश पांडे ने इस पहल के महत्व को समझाते हुए कहा, “हमारे पुलिसकर्मी दिन-रात जनता की सेवा में लगे रहते हैं। उनके परिवार भी इस जिम्मेदारी का हिस्सा बनते हैं। ऐसे में, अगर उनके बच्चे या अन्य परिजन पुलिस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होते हैं, तो उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करना हमारा कर्तव्य है। यह पहल केवल मथुरा में ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में एक मिसाल बनेगी।”
अन्य जिलों के लिए प्रेरणा
मथुरा की यह पहल उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन सकती है। पुलिसकर्मियों के परिवारों को इस तरह का समर्थन देकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का यह प्रयास सराहनीय है। अगर अन्य जिलों में भी इस तरह की पहल शुरू की जाती है, तो इससे न केवल पुलिस बल के अंदर एक सकारात्मक माहौल बनेगा, बल्कि समाज में पुलिस के प्रति सम्मान और भरोसा भी बढ़ेगा।
पुलिसकर्मियों की प्रतिक्रिया
मथुरा के पुलिसकर्मियों ने इस पहल का गर्मजोशी से स्वागत किया है। एक पुलिसकर्मी ने कहा, “हमारे बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को ऐसी सुविधा मिलना हमारे लिए गर्व की बात है। यह पहल न केवल उनके भविष्य को सुरक्षित करेगी, बल्कि हमें भी अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगी।”
भविष्य की योजना
मथुरा पुलिस का यह कदम एक स्थायी कार्यक्रम का रूप ले सकता है। अगर यह पहल सफल रहती है, तो इसे पूरे राज्य में लागू किया जा सकता है। इसके अलावा, पुलिस विभाग इसे अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित कर सकता है, जैसे शिक्षा और करियर गाइडेंस।
प्रभात भारत विशेष
मथुरा पुलिस द्वारा शुरू की गई यह पहल न केवल पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी दर्शाती है। एसपी शैलेश पांडे का यह कदम एक नई दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, जो पुलिस विभाग और उनके परिवारों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा। मथुरा को इस अनूठी पहल के लिए बधाई और उम्मीद है कि यह मॉडल पूरे राज्य में लागू होगा।