
नई दिल्ली 31 मार्च। अब तक पीएफ निकासी की प्रक्रिया में 10 दिन या उससे अधिक समय लग जाता था, खासकर जब साप्ताहिक छुट्टियां और त्योहारों के कारण सरकारी कार्यालय बंद रहते थे। लेकिन अब ऑटो-क्लेम सुविधा के तहत यह समयसीमा घटाकर 3-4 दिन कर दी गई है। ईपीएफओ ने निकासी प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए तकनीकी सुधार किए हैं, जिससे 95 प्रतिशत से अधिक दावों का स्वतः निपटान हो सकेगा। इससे कर्मचारियों को अपने स्वयं के धन को प्राप्त करने में होने वाली देरी से निजात मिलेगी। ईपीएफओ के मुताबिक, अब तक निकासी प्रक्रिया में 27 चरण होते थे, लेकिन इसे घटाकर 18 कर दिया गया है, और भविष्य में इसे केवल छह चरणों तक सीमित करने की योजना है। इससे ईपीएफओ की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी और सदस्यों को त्वरित लाभ मिलेगा।
पीएफ निकासी में यूपीआई और एटीएम की सुविधा
ईपीएफओ जल्द ही पीएफ निकासी के लिए यूपीआई और एटीएम की सुविधा शुरू करने की योजना बना रहा है। इससे कर्मचारी अपने पीएफ खातों से सीधे धनराशि निकाल सकेंगे, ठीक वैसे ही जैसे वे अपने बैंक खातों से एटीएम या यूपीआई के माध्यम से पैसे निकालते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए उपयोगी होगी, जिन्हें किसी आपातकालीन स्थिति में तत्काल धन की आवश्यकता होती है। अब तक पीएफ निकासी के लिए एक जटिल प्रक्रिया का पालन करना पड़ता था, जिसमें दस्तावेज़ सत्यापन और कई स्तरों की स्वीकृति की आवश्यकता होती थी। लेकिन यूपीआई और एटीएम सुविधा से यह प्रक्रिया सरल और तेज़ हो जाएगी। ईपीएफओ के अनुसार, यह सुविधा मई-जून तक लागू होने की संभावना है और इससे लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
ईपीएफओ सदस्यों को कैसे होगा फायदा?
ईपीएफओ के इस कदम से संगठित क्षेत्र के करोड़ों कर्मचारियों को तत्काल नकदी उपलब्ध हो सकेगी। ऑटो-क्लेम प्रणाली के तहत अधिकांश दावों का निपटान बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी। इसके अलावा, कागजी कार्यवाही में भी भारी कमी आई है, जिससे कर्मचारियों को अनावश्यक जटिलताओं से बचाया जा सकेगा। अब कर्मचारियों को केवल आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे, और उनकी निकासी का निपटान स्वतः हो जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारतीय श्रम बाजार के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे न केवल कर्मचारियों को लाभ होगा, बल्कि ईपीएफओ की प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी। वर्तमान में, ईपीएफओ प्रतिवर्ष लाखों पीएफ दावों का निपटान करता है, और इस प्रक्रिया को तेज करने से लाखों कर्मचारियों की वित्तीय जरूरतें समय पर पूरी हो सकेंगी।
कब से मिलेगा यह लाभ?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की मंजूरी मिलते ही यह सुविधा लागू हो जाएगी। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भी इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। श्रम सचिव सुमिता डावरा के अनुसार, मंत्रालय ने राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है और सदस्य इस वर्ष मई या जून के अंत तक यूपीआई और एटीएम के माध्यम से पीएफ राशि निकाल सकेंगे। इससे न केवल संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, बल्कि भविष्य में यह सुविधा सरकारी कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) और बैंकों के सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खाताधारकों के लिए भी शुरू की जा सकती है।
श्रमिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल
ईपीएफओ का यह कदम भारत के श्रमिक कल्याण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह केवल एक नीतिगत बदलाव नहीं है, बल्कि लाखों कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब तक, कर्मचारियों को अपने स्वयं के धन को निकालने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, लेकिन इस नई प्रणाली के लागू होने से वे आसानी से अपनी जमा राशि का उपयोग कर सकेंगे। यह बदलाव भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी गति देगा और ईपीएफओ को अधिक कुशल और पारदर्शी संगठन बनाने में मदद करेगा।
ईपीएफओ द्वारा उठाए गए ये कदम देश के संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत हैं। अब वे अपने भविष्य निधि को तेज़ी से और बिना किसी जटिल प्रक्रिया के निकाल सकेंगे, जिससे उनकी वित्तीय जरूरतें पूरी हो सकेंगी। यह पहल न केवल श्रमिकों के जीवन को आसान बनाएगी, बल्कि भारत के सामाजिक सुरक्षा तंत्र को भी मजबूत करेगी।