
गोंडा 11 जून 2025। भारतीय जनता पार्टी के गोंडा ज़िला अध्यक्ष अमर किशोर कश्यप उर्फ ‘बम बम’ को पार्टी हाईकमान ने तत्काल प्रभाव से भाजपा से निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय एक वायरल वीडियो के बाद सामने आया है जिसमें अमर किशोर कश्यप को पार्टी कार्यालय की सीढ़ियों पर एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा गया था। यह घटना पार्टी की नैतिक आचार संहिता के सीधे उल्लंघन के रूप में देखी गई, जिससे संगठन की छवि पर गंभीर सवाल उठे।
वायरल वीडियो ने मचाई सनसनी
घटना की शुरुआत तब हुई जब 8 जून को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल होने लगा। इस वीडियो में अमर किशोर कश्यप को पार्टी कार्यालय के भीतर एक महिला के साथ आलिंगन करते हुए देखा गया। यह दृश्य पार्टी के गोंडा स्थित जिला कार्यालय की सीढ़ियों पर रिकॉर्ड किया गया था। वीडियो की स्पष्टता, दृश्य की सार्वजनिक प्रकृति और स्थान की राजनीतिक गरिमा को देखते हुए यह मामला राष्ट्रीय बहस का विषय बन गया।
पार्टी कार्यकर्ताओं में रोष, विपक्ष का हमला
वीडियो सामने आने के बाद न केवल सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं, बल्कि स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं में भी भारी नाराजगी उत्पन्न हो गई। भाजपा के भीतर अनुशासन और नैतिकता के जिस स्तर की अपेक्षा की जाती है, वह इस घटना से तार-तार होती दिखाई दी।
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने इस प्रकरण पर भाजपा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, “भाजपा परिवारवाद और भ्रष्टाचार की बातें करती है, लेकिन उसके ज़मीनी नेता क्या कर रहे हैं, ये वीडियो बयां कर रहा है। क्या यही है संस्कारी पार्टी की असली तस्वीर?”
पार्टी हाईकमान ने मांगा जवाब
घटना के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा प्रदेश इकाई और केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हो गया। पार्टी के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने तत्काल प्रभाव से अमर किशोर कश्यप से स्पष्टीकरण मांगा। उन्हें 48 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। इस निर्देश के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि पार्टी छवि को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी नेता के लिए शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी।
जवाब से असंतुष्ट पार्टी ने की निष्कासन की घोषणा
मिली जानकारी के अनुसार अमर किशोर कश्यप ने अपने पक्ष में जवाब प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने वीडियो को “दुर्भावनापूर्ण ढंग से काट-छांट कर प्रस्तुत किया गया दृश्य” बताया। उन्होंने कहा कि यह वीडियो “राजनीतिक साजिश” का हिस्सा है और उनके चरित्र हनन के लिए बनाया गया है।
हालांकि, पार्टी ने इस सफाई को नाकाफी माना। भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने बयान जारी करते हुए कहा, “पार्टी को दिए गए स्पष्टीकरण से हम संतुष्ट नहीं हैं। यह आचरण पार्टी की मर्यादाओं और सामाजिक मूल्यों के पूर्णतः विपरीत है। ऐसे में अमर किशोर कश्यप को तत्काल प्रभाव से भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाता है।”
स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं में हलचल
गोंडा जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच इस निर्णय को लेकर तीखी चर्चा हो रही है। कुछ लोगों ने इसे “पार्टी की नैतिक सख्ती” का प्रतीक बताया, जबकि कुछ नेताओं का कहना है कि “यह पूरी घटना पार्टी के लिए शर्मनाक है, लेकिन समय रहते कार्रवाई होना राहत भरा है।”
भाजपा के नगर महामंत्री शिवेंद्र सिंह ने कहा, “भाजपा एक अनुशासित संगठन है। जो भी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, चाहे वह कोई भी हो।”
राजनीतिक करियर पर पड़ा असर
अमर किशोर कश्यप गोंडा जिले की राजनीति में एक प्रमुख नाम रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2021 में भाजपा जिला अध्यक्ष पद की कमान संभाली थी और तब से संगठन को मजबूती देने का दावा करते रहे थे। पार्टी के भीतर उन्हें एक ‘तेजतर्रार संगठनकर्ता’ माना जाता था, लेकिन यह प्रकरण उनके राजनीतिक करियर के लिए एक गंभीर झटका साबित हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना से न केवल कश्यप की व्यक्तिगत छवि प्रभावित हुई है, बल्कि गोंडा जिले में भाजपा की शाख को भी क्षति पहुंची है।
वीडियो की सत्यता पर सवाल, जांच की मांग
हालांकि, कुछ भाजपा समर्थकों और अमर किशोर कश्यप के करीबी लोगों ने वीडियो की वैधता पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि वीडियो को “साजिशन एडिट” किया गया है।
भाजपा महिला मोर्चा की स्थानीय नेत्री रेखा सिंह ने कहा, “अगर यह वीडियो गलत तरीके से फैलाया गया है तो इसकी जांच होनी चाहिए। लेकिन अगर यह सही है तो निष्कासन उचित कदम है।”
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
यह मामला अब प्रशासनिक दायरे में भी आता दिख रहा है। वीडियो के प्रसार के बाद कुछ सामाजिक संगठनों ने पुलिस प्रशासन से भी जांच की मांग की है कि क्या इस वीडियो में दिख रही महिला की सहमति थी, और क्या किसी प्रकार का शोषण हुआ है।
गोंडा पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि “अब तक किसी भी पक्ष से शिकायत नहीं मिली है, लेकिन यदि कोई शिकायत आती है तो वीडियो की तकनीकी जांच कराई जाएगी और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
भविष्य की राजनीति पर प्रश्नचिह्न
इस प्रकरण के बाद सवाल यह है कि क्या अमर किशोर कश्यप राजनीतिक रूप से फिर से उठ पाएंगे? उत्तर प्रदेश की राजनीति में ऐसे कई उदाहरण रहे हैं जब किसी घोटाले या विवाद के बाद नेता ने दोबारा वापसी की, लेकिन इस बार मामला न केवल नैतिकता से जुड़ा है, बल्कि डिजिटल सबूत भी सबके सामने मौजूद हैं।
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. राकेश तिवारी कहते हैं, “यह वीडियो और पार्टी की कार्रवाई उनके राजनीतिक जीवन के लिए निर्णायक हो सकती है। यदि वह निर्दोष हैं, तो उन्हें कानूनी और डिजिटल सत्यापन के जरिए अपनी बात रखनी होगी, लेकिन यदि वीडियो असली है, तो वापसी लगभग असंभव है।”
भाजपा का बड़ा संदेश
इस मामले में भाजपा द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई को कई राजनीतिक विश्लेषक पार्टी के लिए ‘नैतिक साहस’ मान रहे हैं। इससे यह संकेत भी गया है कि चाहे कोई कितना भी वरिष्ठ पदाधिकारी क्यों न हो, अगर वह पार्टी की आचार संहिता का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता मनोज यादव ने कहा, “पार्टी की छवि और मूल्य हमारे लिए सर्वोपरि हैं। अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और मर्यादा की आवश्यकता
अमर किशोर कश्यप प्रकरण एक बार फिर यह सिद्ध करता है कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्तियों की हर गतिविधि जनमानस की निगाहों में होती है। राजनीतिक पदों पर आसीन लोगों से उच्च नैतिक मानकों की अपेक्षा होती है। सोशल मीडिया के दौर में जब हर व्यक्ति पत्रकार बन गया है, तब निजी और सार्वजनिक जीवन के बीच की रेखा धुंधली हो जाती है।
यह घटना न केवल भाजपा के लिए बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के लिए भी चेतावनी है कि संगठन को अनुशासन और मर्यादा के साथ चलाना आज की राजनीति की प्राथमिक आवश्यकता है।