
गोंडा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा मंगलवार को घोषित हाई स्कूल परीक्षा परिणामों में गोंडा जिले के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जिले का नाम रोशन किया है। जिले में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर फातिमा हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र प्रभव अरोड़ा ने 98.6% अंकों के साथ पहला स्थान प्राप्त किया है। उनकी इस ऐतिहासिक सफलता से स्कूल परिसर में हर्षोल्लास का माहौल रहा। वहीं पवनी मिश्रा और सिद्धिए अग्रवाल ने 98.4% अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से दूसरा स्थान हासिल किया, मेधावियों में तुषार श्रीवास्तव, प्रिया श्रीवास्तव, शिवांगी प्रजापति और आर्यन पाण्डेय ने स्थान सुनिश्चित किया।
जिले के सभी मेधावी छात्र-छात्राओं को उनके स्कूल प्रशासन, अध्यापकों और अभिभावकों ने बधाई दी और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया। फातिमा हायर सेकेंडरी स्कूल में प्रभव की सफलता को लेकर विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जहां प्राचार्य एवं शिक्षकों ने छात्र के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। छात्रों ने भी एक-दूसरे को बधाई दी और आगे की पढ़ाई के लिए आवश्यक मार्गदर्शन साझा किया। इस अवसर पर इंटरमीडिएट के छात्रों ने भी हाई स्कूल पास करने वाले छात्रों को आगामी परीक्षाओं के लिए उपयोगी टिप्स दिए।
प्रभव अरोड़ा, जो इस वर्ष जिले के टॉपर बने हैं, ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उनका लक्ष्य देश सेवा है और वे भविष्य में आईएएस अधिकारी बनकर समाज के लिए कार्य करना चाहते हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया। प्रभव कहते हैं, “यदि किसी लक्ष्य को तय कर लिया जाए और मन से मेहनत की जाए तो सफलता अवश्य मिलती है। मैंने हर विषय को पूरे मन से समझने और नियमित पढ़ाई करने की रणनीति अपनाई।” उनका मानना है कि कड़ी मेहनत के साथ सही मार्गदर्शन और अनुशासन ही सफलता की कुंजी है।
वहीं पवनी मिश्रा और सिद्धिए अग्रवाल, जिन्होंने संयुक्त रूप से दूसरा स्थान प्राप्त किया है, ने भी सिविल सेवा को अपना लक्ष्य बताया। दोनों छात्राओं ने कहा कि आज की महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। पवनी ने कहा, “हमारी प्रेरणा वे महिला वीरांगनाएं हैं जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। हम शिक्षा के माध्यम से देश सेवा करना चाहते हैं।” सिद्धिए ने भी इसी भावना को दोहराया और कहा कि वे समाज के वंचित वर्गों के लिए कार्य करना चाहती हैं।

आर्यन पाण्डेय ने भी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया। उन्होंने बताया कि हर दिन उन्होंने समय-सारणी बनाकर अध्ययन किया और कठिन विषयों को प्राथमिकता दी। आर्यन पाण्डेय का सपना भी सिविल सेवा में जाकर समाज में बदलाव लाना है। उन्होंने कहा, “हमारे देश को ईमानदार और संवेदनशील अधिकारियों की ज़रूरत है, जो जनता की सेवा को प्राथमिकता दें। मैं इसी दिशा में काम करूंगा।” आर्यन पाण्डेय ने यह भी बताया कि वे इंटरमीडिएट से ही यूपीएससी की तैयारी की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।
प्रिया श्रीवास्तव, शिवांगी प्रजापति, और तुषार श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने नियमित अध्ययन और कक्षा में ध्यान से पढ़ाई को प्राथमिकता दी। प्रिया का सपना डॉक्टर बनने का है, जबकि शिवांगी प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती हैं। दोनों छात्राओं ने कहा कि वे इंटरमीडिएट में और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगी ताकि भविष्य में उन्हें अपने मनचाहे करियर की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिले। दोनों छात्राओं ने यह भी कहा कि लड़कियों को आज के समय में हर अवसर का लाभ उठाना चाहिए और खुद को हर चुनौती के लिए तैयार करना चाहिए।
इन सफल छात्रों की उपलब्धि से उनके परिवारों में भी खुशी की लहर है। प्रभव अरोड़ा के पिता ने बताया कि उन्होंने कभी भी अपने बेटे पर अंक लाने का दबाव नहीं डाला, बल्कि उसे आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। वहीं पवनी मिश्रा की माता ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही है और सामाजिक विषयों में विशेष रुचि रखती है। सिद्धि अग्रवाल के पिता ने कहा कि बेटी की यह उपलब्धि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है। आर्यन पांडे के पिता अनुपम पाण्डेय ने बताया कि मैं अपने बेटे पर कभी भी पढ़ाई का दबाव नहीं बनाया मैं सरकारी कर्मचारी हूं काम के बोझ के कारण मैं अपने बेटे को समय नहीं दे पाया, लेकिन मेरे बेटे ने पढ़कर अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है जिस पर मुझे गर्व है। सभी अभिभावकों ने यह स्पष्ट किया कि बच्चों को स्वतंत्रता और सही वातावरण दिया जाए तो वे किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
फातिमा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य ने कहा कि यह विद्यालय के लिए गर्व का विषय है कि उसके छात्र जिले में टॉप कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में पढ़ाई का माहौल अनुशासित और विद्यार्थियों के अनुकूल है। शिक्षक छात्रों की व्यक्तिगत रूप से मदद करते हैं और उन्हें समय-समय पर करियर संबंधी सलाह भी दी जाती है। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि आने वाले समय में मेधावी छात्रों के लिए विशेष सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा और उन्हें इंटरमीडिएट की तैयारी के लिए एक्स्ट्रा कोचिंग दी जाएगी।
गोंडा जिले में शिक्षा का यह स्तर देख कर स्पष्ट है कि यहां के छात्र सिर्फ अच्छे अंक लाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनका दृष्टिकोण व्यापक और उद्देश्यपूर्ण है। यह बदलाव दिखाता है कि अब छोटे शहरों के छात्र भी बड़े सपने देख रहे हैं और उन्हें साकार करने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं। यूपीएससी, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे कठिन प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं को भी ये छात्र लक्ष्य बना चुके हैं। जिले में शिक्षा के क्षेत्र में यह एक शुभ संकेत है कि अभिभावक और शिक्षक दोनों ही छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन दे रहे हैं।
इस वर्ष गोंडा जिले के छात्रों ने न केवल जिले में बल्कि मंडल स्तर पर भी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है। कई स्कूलों से 90% से अधिक अंक लाने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है, जिससे स्पष्ट है कि जिले की शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आया है। प्रशासन भी इन छात्रों की उपलब्धियों को प्रोत्साहित करने के लिए योजना बना रहा है। संभावना है कि जिला प्रशासन मेधावी छात्रों को सम्मानित करने के लिए एक औपचारिक कार्यक्रम आयोजित करेगा। इससे अन्य छात्र भी प्रेरित होंगे और शिक्षा के प्रति गंभीरता में वृद्धि होगी।