
08-09 मई की रात ड्रोन हमले और सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं के बाद पूरे सीमांत क्षेत्र में सतर्कता बढ़ाई गई
नई दिल्ली। पाकिस्तान की सेना ने एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने की कोशिश की है। 08 और 09 मई 2025 की मध्य रात्रि को पाकिस्तान सशस्त्र बलों ने पश्चिमी सीमा पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और अन्य गोला-बारूद के माध्यम से हमले करने का दुस्साहस किया। साथ ही, जम्मू-कश्मीर के नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भी कई स्थानों पर संघर्षविराम उल्लंघन (सीएफवी) की घटनाओं को अंजाम दिया गया। भारतीय सेना की सतर्कता और तत्परता के चलते इन हमलों को नाकाम कर दिया गया और पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया गया।

भारतीय सेना के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा चलाए गए इन हमलों में लक्ष्य भारतीय सीमा चौकियों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था। हालांकि, भारतीय राडार और निगरानी तंत्र की मुस्तैदी के चलते इन ड्रोन हमलों को समय रहते निष्क्रिय कर दिया गया। कई ड्रोन सीमा पर ही मार गिराए गए जबकि कुछ अन्य को भारतीय सेना ने वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। इसके अतिरिक्त नियंत्रण रेखा के कई सेक्टरों में पाकिस्तानी सैनिकों ने अकारण गोलीबारी की, जिसमें छोटे हथियारों से लेकर मोर्टार तक का प्रयोग किया गया।

भारतीय सेना ने इस दुस्साहस का करारा जवाब दिया। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता से निशाना बनाया, जिससे उन्हें भारी नुकसान पहुंचा। सेना के सूत्रों के अनुसार, नियंत्रण रेखा पर स्थिति अब नियंत्रण में है लेकिन सेना पूरी तरह सतर्क बनी हुई है। सेना ने स्पष्ट किया है कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से खिलवाड़ करने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हर बार ऐसे प्रयासों का जवाब ‘बल’ से दिया जाएगा।

भारतीय सेना के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “हमारी सेना देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। दुश्मन की किसी भी नापाक हरकत को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह ड्रोन हमला हो या सीमा पर सीजफायर उल्लंघन – हर स्तर पर मुंहतोड़ जवाब दिया गया है और आगे भी दिया जाएगा।” इस बयान के बाद भारत सरकार ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए पाकिस्तान को चेताया है कि वह उकसावे की कार्रवाई से बाज आए।
OPERATION SINDOOR
Pakistan Armed Forces launched multiple attacks using drones and other munitions along entire Western Border on the intervening night of 08 and 09 May 2025. Pak troops also resorted to numerous cease fire violations (CFVs) along the Line of Control in Jammu and… pic.twitter.com/WTdg1ahIZp
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 9, 2025
विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की ओर से इन हमलों का उद्देश्य भारत की आंतरिक स्थिति को अस्थिर करना हो सकता है, खासकर ऐसे समय में जब देश में चुनावी प्रक्रिया अपने अंतिम चरणों में है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इन हमलों के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की साजिश भी हो सकती है, जिन्हें पाकिस्तानी सेना का पूरा संरक्षण प्राप्त है। इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई गई, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुखों और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
भारतीय वायुसेना और बीएसएफ को भी पश्चिमी सीमा और जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में अलर्ट पर रखा गया है। ड्रोन रोधी प्रणाली को सक्रिय कर दिया गया है और सीमावर्ती गांवों में सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही सिविल प्रशासन के सहयोग से नागरिकों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है, जहां से किसी भी प्रकार की गतिविधि पर निगरानी रखी जा सकती है।
इस हमले के बाद भारत ने राजनयिक स्तर पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब कर विरोध पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि यदि इस तरह की कार्रवाई फिर दोहराई गई तो भारत कड़ी प्रतिक्रिया देने को बाध्य होगा। भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश है कि वह न सिर्फ अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है बल्कि हर आक्रामकता का जवाब देने में भी समर्थ है।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए रक्षामंत्री ने कहा, “हमारी सेना ने जो साहस और पराक्रम दिखाया है, वह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। पाकिस्तान को अब समझ लेना चाहिए कि भारत नई नीति पर काम कर रहा है – पहले नहीं छेड़ते, लेकिन छेड़े जाने पर छोड़ते नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होगा और जरूरत पड़ी तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि पाकिस्तान अपनी पुरानी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। एलओसी पर संघर्षविराम का उल्लंघन, आतंकी घुसपैठ की कोशिशें और अब ड्रोन हमले – ये सब उसकी उसी रणनीति का हिस्सा हैं जो भारत में अस्थिरता फैलाना चाहती है। लेकिन इस बार भारत न केवल सजग है बल्कि सक्षम भी। सेना का जवाब स्पष्ट संकेत है कि अब हर नापाक हरकत का जवाब ‘बातों’ से नहीं, ‘कार्रवाई’ से मिलेगा।
भारतीय सेना की यह प्रतिक्रिया न केवल सीमा पर तैनात जवानों का मनोबल बढ़ाने वाली है, बल्कि देशवासियों को यह भरोसा भी दिलाती है कि देश की सुरक्षा सुदृढ़ हाथों में है। मौजूदा घटनाक्रम एक बार फिर यह साबित करता है कि भारत अब पहले की तरह संयम की सीमाएं नहीं लांघेगा, बल्कि हर खतरे को जड़ से समाप्त करने की नीति पर अमल करेगा। और यही वह परिवर्तन है, जो भारत को वैश्विक सामरिक मंच पर और अधिक प्रभावशाली बनाता जा रहा है।