
जांच के आदेश, दोषियों पर कार्रवाई के संकेत
बहराइच/ गोण्डा, 26 अप्रैल। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को मकान न देकर अपात्र व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने की शिकायत पर देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने कड़ा संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश दिए हैं। आयुक्त ने उप निदेशक पंचायत, देवीपाटन मंडल गोण्डा को निर्देशित किया है कि मामले की गहन पड़ताल कर अभिलेखीय साक्ष्यों सहित तथ्यात्मक जांच आख्या दस दिवस के भीतर प्रस्तुत करें। आयुक्त ने यह स्पष्ट किया है कि यदि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की पुष्टि होती है तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
मामला बहराइच जिले की नानपारा तहसील के विकास खंड नवाबगंज के ग्राम शीतलगांव से जुड़ा है। गांव निवासी कुलदीप कुमार मिश्र पुत्र कैलाशनाथ ने आयुक्त को शिकायती पत्र सौंपा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत चौगोई की निवासी मीना देवी पत्नी राजाराम के स्थान पर किसी अन्य मीना देवी पत्नी बराती लाल निवासी सबुना को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दे दिया गया। शिकायतकर्ता ने इस प्रकरण को गंभीर अनियमितता बताते हुए ग्राम प्रधान एवं सचिव के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई की मांग की थी।
शिकायत पत्र के अनुसार, शिकायतकर्ता ने दावा किया कि आवास प्लस सूची के क्रमांक 25 पर आवास प्लस आईडी 140656216 के अंतर्गत मीना देवी पत्नी राजाराम का नाम दर्ज है, जिन्हें योजना का लाभ मिलना चाहिए था। परंतु, सूची में दर्ज पात्र लाभार्थी को छोड़कर योजना का लाभ दूसरी महिला को दे दिया गया, जो न केवल योजनागत नियमों का उल्लंघन है बल्कि भ्रष्टाचार की भी आशंका को जन्म देता है। इस प्रकार की गड़बड़ी से न केवल शासन की मंशा को आघात पहुँचता है, बल्कि गरीब और असहाय व्यक्तियों के अधिकारों का भी हनन होता है।
आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने उप निदेशक पंचायत को यह निर्देशित किया है कि वे जांच पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ करें। जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी अभिलेखीय प्रमाणों की पुष्टि हो, लाभार्थी चयन की प्रक्रिया की समीक्षा हो और दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में किसी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त आयुक्त ने मंडल के सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में शत-प्रतिशत पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक पात्र व्यक्तियों तक पहुँचना चाहिए। यदि किसी भी स्तर पर अपात्र व्यक्ति को लाभ देने या पात्र व्यक्ति को वंचित करने की शिकायत मिलती है और जांच में पुष्टि होती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त ने दो टूक शब्दों में कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करना प्रत्येक अधिकारी की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी मंडलीय अधिकारी प्रतिदिन अपने कार्यालय में प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक जनसुनवाई अनिवार्य रूप से करें। जनसुनवाई के दौरान जनता की शिकायतों को गंभीरता से सुना जाए और समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु प्रभावी कदम उठाए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई अधिकारी जनसुनवाई के समय अनुपस्थित पाया जाता है या जनसुनवाई के प्रति उदासीनता बरतता है, तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
आयुक्त ने कहा कि जनसुनवाई लोकतंत्र की आत्मा है। यह न केवल जनता को अपनी समस्याओं को सीधे प्रशासन के समक्ष रखने का अवसर प्रदान करती है, बल्कि प्रशासन को भी जमीनी सच्चाई से अवगत कराती है। उन्होंने कहा कि शिकायतों का समाधान त्वरित, प्रभावी और न्यायसंगत ढंग से किया जाना चाहिए ताकि जनता का प्रशासन पर विश्वास बना रहे। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि वे जनसुनवाई के दौरान प्राप्त शिकायतों का संकलन कर प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करें और लंबित प्रकरणों के निस्तारण की निगरानी करें।
प्रधानमंत्री आवास योजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए आयुक्त ने कहा कि यह योजना गरीब, निराश्रित एवं वंचित वर्गों को सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराने हेतु शुरू की गई थी। इस योजना का सही क्रियान्वयन गरीबों के सपनों को साकार करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि यदि योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की गड़बड़ी होती है तो इससे न केवल शासन की छवि धूमिल होती है बल्कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों के प्रति अन्याय भी होता है। इसलिए सभी अधिकारियों को पूरी ईमानदारी, संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करना चाहिए।
शासन की मंशा के अनुरूप पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयुक्त ने सभी मंडलीय अधिकारियों से कहा है कि वे सरकारी योजनाओं के लाभार्थी चयन प्रक्रिया की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने यह भी कहा कि लाभार्थी चयन में ग्राम सभा की बैठक की वीडियोग्राफी कराई जाए और सभी अभिलेखों का सुरक्षित संधारण किया जाए। इससे भविष्य में किसी भी प्रकार की शिकायत पर तत्परता से जांच कर वास्तविक तथ्यों का पता लगाया जा सकेगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि समय-समय पर पंचायत सचिवों एवं ग्राम प्रधानों का प्रशिक्षण आयोजित कर उन्हें नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाए।
आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील के इन निर्देशों से मंडल भर के अधिकारियों में स्पष्ट संदेश गया है कि अब सरकारी योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता को लेकर कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में आई इस शिकायत ने एक बार फिर यह रेखांकित कर दिया है कि यदि निगरानी और पारदर्शिता नहीं बरती गई तो कल्याणकारी योजनाओं का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा। आयुक्त द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित ही शासन की नीतियों की प्रभावी क्रियान्वयन दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे जनता का प्रशासन पर विश्वास मजबूत होगा।