
ऐतिहासिक छपिया में शिक्षा का नया अध्याय आरंभ
गोंडा 9 अप्रैल। जिले के ऐतिहासिक ग्राम छपिया, जो भगवान श्री स्वामिनारायण की जन्मस्थली के रूप में विश्व प्रसिद्ध है, ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। इस बार यह इतिहास धार्मिक नहीं, बल्कि शैक्षिक और सामाजिक रूप से गौरवशाली रहा। श्री स्वामिनारायण मंदिर परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय “श्री स्वामिनारायण प्राइमरी विद्यालय (प्रथम), छपिया” में निर्मित नए शिक्षण भवन का लोकार्पण 27 मार्च 2025 को हुआ। इस गरिमामयी अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी गोंडा श्रीमती नेहा शर्मा उपस्थित रहीं, जिन्होंने अपने करकमलों से इस अत्याधुनिक भवन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम ने छपिया को एक बार फिर प्रदेश और देश की शैक्षिक चेतना के केंद्र में ला खड़ा किया।
धार्मिक परिसर में उभरी ज्ञान की नई दीपशिखा
श्री स्वामिनारायण मंदिर छपिया वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र रहा है, परंतु अब यह स्थान बच्चों के लिए शिक्षा का प्रेरणास्रोत भी बनता जा रहा है। नवनिर्मित भवन न केवल भौतिक रूप से आकर्षक है, बल्कि उसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हर आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। यह प्रयास मंदिर प्रशासन और सामाजिक सहभागिता का जीवंत उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि जब धर्म और समाज शिक्षा के लिए एकजुट होते हैं, तब चमत्कारिक परिवर्तन संभव होता है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की प्रेरणास्पद उपस्थिति
गोंडा की तेजतर्रार और संवेदनशील जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा इस अवसर पर विशेष तौर पर आमंत्रित थीं। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा, “शिक्षा समाज का मेरुदंड है और जब शिक्षा के साथ संस्कार और आध्यात्मिकता का समावेश होता है, तब वह केवल डिग्रियां नहीं, बल्कि चरित्रवान नागरिक तैयार करती है।” उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि गोंडा प्रशासन इस विद्यालय को हर आवश्यक सहयोग देगा और इसे जिले का मॉडल शिक्षण केंद्र बनाया जाएगा। श्रीमती शर्मा ने परिसर की सुविधाओं का निरीक्षण करते हुए उसे “ग्रामीण क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक” बताया।
केंद्रीय मंत्री और विधायक की भागीदारी से कार्यक्रम की गरिमा में वृद्धि
कार्यक्रम में भारत सरकार के जलशक्ति, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री माननीय कीर्तिवर्धन सिंह और स्थानीय विधायक श्री प्रमात वर्मा ‘एडवोकेट’ भी उपस्थित रहे। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह विद्यालय आने वाले समय में गोंडा जनपद की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि धार्मिक स्थलों द्वारा संचालित स्कूल यदि इस स्तर की शिक्षा देने लगें, तो सरकारी और निजी विद्यालयों के बीच की दूरी स्वतः समाप्त हो जाएगी।
शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों की भागीदारी
इस शुभ अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री अतुल तिवारी ने भी संबोधित किया और मंदिर प्रशासन के साथ समन्वय में इस विद्यालय को उत्तर प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ प्राथमिक विद्यालयों में शामिल करने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जिले में ऐसे विद्यालयों की आवश्यकता है, जो आधुनिक शिक्षा और मूल्यों का समन्वय कर सकें। श्री तिवारी ने यह भी बताया कि विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति, प्रशिक्षण और समय-समय पर मूल्यांकन की व्यवस्था की गई है।
आचार्य श्री तेजेन्द्रप्रसाद महाराजश्री का दृष्टिकोण और योगदान
इस नवनिर्माण कार्य के पीछे आध्यात्मिक प्रेरणा देने वाले अहमदाबाद स्थित कालूपुर श्री नारनारायण देव गादी के पीठाधिपति पूज्यपाद आचार्य श्री 1008 श्री कोशलेंद्रप्रसादजी महाराजश्री एवं श्री तेजेन्द्रप्रसाद महाराजश्री की विशेष भूमिका रही। उनके मार्गदर्शन में इस शिक्षण भवन को मंदिर की सेवा भावना और सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप आकार दिया गया। उनके विचारों के अनुसार, “जहां धर्म है, वहां सेवा और शिक्षा दोनों का विस्तार अनिवार्य है।” उनका यह कथन छपिया में साकार हुआ है।
भवन की विशेषताएं और निर्माण की गुणवत्ता
श्री स्वामिनारायण विद्यालय का यह नया भवन वास्तुकला, गुणवत्ता और कार्य-प्रणाली के लिहाज से ग्रामीण उत्तर प्रदेश के लिए एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करता है। इसमें हवादार और रोशनी से भरपूर कक्षाएं, स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए मंच, खेल मैदान, और साफ-सुथरे शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं। साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए विशेष ध्यान रखते हुए बाल-सुलभ वातावरण का निर्माण किया गया है, जिससे बच्चों को सीखने की प्रक्रिया में आनंद का अनुभव हो।
स्थानीय जनता में गर्व और भावुकता का संचार
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में छपिया व आसपास के गांवों से आए लोगों ने भाग लिया। उपस्थित ग्रामीणों, महिलाओं, बच्चों और अभिभावकों की आंखों में इस ऐतिहासिक पल को लेकर भावुकता और गर्व दोनों देखने को मिला। कई बुजुर्गों ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके गांव में ऐसा आधुनिक विद्यालय होगा, जहां उनके नाती-पोते उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इस भवन ने ग्रामवासियों को न केवल सुविधा दी, बल्कि स्वाभिमान भी लौटाया।
भविष्य की योजनाओं ने उम्मीद जगाई
इस अवसर पर मंदिर प्रशासन द्वारा यह घोषणा भी की गई कि भविष्य में इस विद्यालय को उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और इंटर कॉलेज के रूप में विस्तारित किया जाएगा। साथ ही छात्रावास, योग केंद्र, महिला शिक्षिकाओं के लिए आवासीय परिसर, और डिजिटल शिक्षण प्लेटफॉर्म भी विकसित किए जाएंगे। मंदिर प्रशासन का मानना है कि एक दिन यह परिसर “ग्राम विश्वविद्यालय” के रूप में विकसित होगा, जहां केवल ग्रामीण ही नहीं, शहरी क्षेत्रों के छात्र भी पढ़ने आएंगे।
शिक्षा, सेवा और संस्कृति का त्रिवेणी संगम
छपिया में श्री स्वामिनारायण विद्यालय का नवनिर्मित भवन केवल एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — शिक्षा के माध्यम से गांव को समृद्ध करने का। जिलाधिकारी नेहा शर्मा, केंद्रीय मंत्री, विधायक, शिक्षा अधिकारी, और मंदिर प्रशासन के सामूहिक प्रयासों ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि इच्छाशक्ति हो तो बदलाव असंभव नहीं। यह आयोजन शिक्षा, सेवा और संस्कृति के संगम का प्रतीक बन गया है। यह भवन आने वाले समय में हजारों बच्चों को न केवल शिक्षित करेगा, बल्कि उन्हें संस्कारवान और जिम्मेदार नागरिक भी बनाएगा।