
गोण्डा, 02 अप्रैल। उत्तर प्रदेश का गोण्डा जिला आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई इबारत लिख रहा है। यहां के स्वयं सहायता समूहों (SHG) द्वारा उत्पादित वस्तुएं अब न केवल स्थानीय बाजारों तक सीमित हैं, बल्कि डिजिटल क्रांति के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। इसी कड़ी में ब्राण्ड “अरगा” के उत्पादों को वैश्विक डिजिटल प्लेटफार्म पर उतारने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है।
गोण्डा जिले में संचालित स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को एक सशक्त बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रिलायंस स्मार्ट बाजार और आईटीसी चौपाल सागर के बाद अब डिजिटल मंचों पर भी इनके विपणन की योजना बनाई गई। इस रणनीतिक पहल को गति प्रदान करने के लिए, 02 फरवरी 2025 को World Wetlands Day के अवसर पर उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री एवं वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन और विदेश राज्य मंत्री श्री कीर्तिवर्धन सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में अमेजन इंडिया के Saheli Initiative कार्यक्रम के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) किया गया। इस पहल से न केवल गोण्डा बल्कि समूचे उत्तर प्रदेश के महिला स्वयं सहायता समूहों को एक नया आर्थिक प्लेटफॉर्म प्राप्त हुआ।
डिजिटल मार्केटिंग से आर्थिक समृद्धि की ओर कदम
अमेजन इंडिया के साथ हुए इस समझौते के बाद ब्राण्ड “अरगा” के तहत उत्पादित वस्तुओं की मांग देश के कोने-कोने से आने लगी। इसके परिणामस्वरूप 05 फरवरी 2025 को स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की पहली खेप सफलतापूर्वक ग्राहकों तक पहुंचाई गई। इनमें प्रमुख रूप से आटा, विभिन्न प्रकार के अचार, आंवला जूस और अन्य घरेलू उपयोगी वस्तुएं शामिल थीं।
इस पहल से गोण्डा के इन समूहों को न केवल व्यापक ग्राहक आधार मिला, बल्कि एक नई बाजार प्रतिस्पर्धा में उतरने का अवसर भी प्राप्त हुआ। आज, ब्राण्ड “अरगा” के उत्पाद उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली, नोएडा, आंध्र प्रदेश, लखनऊ और अन्य बड़े महानगरों में डिजिटल माध्यमों के जरिए बिक्री हो रहे हैं।
महिलाओं को आत्मनिर्भरता की नई राह
इस पहल का सबसे महत्वपूर्ण लाभ महिलाओं को मिला है। स्वयं सहायता समूहों की हजारों महिलाएं, जो पहले केवल पारंपरिक तरीकों से अपने उत्पादों की बिक्री कर रही थीं, अब डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग कर देश के विभिन्न हिस्सों तक अपनी पहुंच बना रही हैं। अमेजन इंडिया के सहयोग से उन्हें उत्पादों की पैकेजिंग, मार्केटिंग और ग्राहक सेवा के नए आयामों की जानकारी दी जा रही है, जिससे वे पेशेवर व्यापार की ओर अग्रसर हो रही हैं।
इसके अतिरिक्त, महिलाओं को ई-कॉमर्स, ऑनलाइन ऑर्डर मैनेजमेंट और डिजिटल भुगतान प्रणाली की भी ट्रेनिंग दी जा रही है। इससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है और वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन रही हैं।
त्योहारी सीजन में बढ़ती मांग और नए उत्पादों की लॉन्चिंग
नवरात्र जैसे बड़े त्योहारों को ध्यान में रखते हुए स्वयं सहायता समूहों ने विशेष उत्पादों का उत्पादन और विपणन शुरू कर दिया है। इनमें सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, मूंगफली और अन्य व्रत-उपयोगी खाद्य सामग्री प्रमुख रूप से शामिल हैं। यह उत्पाद रिलायंस मार्ट और अन्य बड़े खुदरा विक्रेताओं के काउंटरों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे ग्राहकों को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण स्थानीय उत्पाद मिल रहे हैं।
अगले चरण में, ब्राण्ड “अरगा” के तहत अधिक नए उत्पादों को बाजार में उतारने की योजना बनाई जा रही है, जिनमें मसाले, हर्बल उत्पाद और स्थानीय हस्तशिल्प वस्तुएं शामिल होंगी। यह न केवल समूहों की आय में वृद्धि करेगा बल्कि गोण्डा जिले के सांस्कृतिक और पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी दिलाएगा।
गोण्डा का विकास और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
यह पहल गोण्डा जिले को एक नए औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो रही है। इससे न केवल स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि प्रदेश सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” और “वोकल फॉर लोकल” जैसी योजनाओं को भी बल मिल रहा है।
आगामी वर्षों में इस पहल का और विस्तार किया जाएगा, जिससे जिले के और अधिक स्वयं सहायता समूहों को डिजिटल व्यापार की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। अब वह दिन दूर नहीं जब गोण्डा जिले के उत्पाद न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बनाएंगे।