
खनन माफियाओं पर प्रशासन की कड़ी कार्रवाई, ट्रैक्टर-ट्रॉली और 100 घनमीटर अवैध बालू जब्त
गोंडा, 17 मार्च 2025: अवैध खनन पर नकेल कसने के लिए गोंडा जिला प्रशासन ने एक बड़ा अभियान चलाया, जिसका नेतृत्व खुद जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने किया। सुबह तड़के 7 बजे शुरू हुई इस कार्रवाई में कई स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें दो ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ 100 घनमीटर अवैध बालू जब्त किया गया। यह पूरी कार्रवाई जिला प्रशासन और खनन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा की गई, जिसमें उपजिलाधिकारी तरबगंज और पुलिस प्रशासन की अहम भूमिका रही। प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया कि अवैध खनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस तरह के अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे।
जिलाधिकारी के निर्देश पर उपजिलाधिकारी तरबगंज ने प्रवर्तन अभियान चलाया। इस दौरान गहन जांच की गई और खनन माफियाओं की अवैध गतिविधियों को उजागर किया गया। जांच के दौरान ग्राम ऐली परसोली, तहसील तरबगंज में प्रधान मनिराम यादव के ठिकाने पर छापा मारा गया, जहां 100 घनमीटर अवैध रूप से संचित बालू पाया गया। पूछताछ में ग्राम प्रधान ने दावा किया कि यह बालू गांव में इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण के लिए लाया गया था, लेकिन वह इसका कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। इस पर प्रशासन ने बालू जब्त कर लिया और इस मामले की पूरी रिपोर्ट खनन विभाग (EMMII) को सौंपने के निर्देश दिए गए। साथ ही, ग्राम प्रधान के खिलाफ विधिक कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं।
डीएम के नेतृत्व में हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई, ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त
जांच अभियान के दौरान एक ट्रैक्टर-ट्रॉली (वाहन संख्या UP 43 T 2460) को पकड़ा गया, जिसमें 30 घनमीटर अवैध बालू लोड था। जब प्रशासन ने चालक अनिल कुमार निवासी सुभागपुर, थाना कौड़िया से खनन परिवहन के लिए वैध पास मांगा, तो वह इसे प्रस्तुत नहीं कर सका। इस पर प्रशासन ने तत्काल खनिज नियमावली 2021 के नियम 72(1) और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 4 एवं 21 के तहत कार्रवाई की और वाहन को जब्त कर लिया। इस दौरान राहुल सिंह (निवासी अनभुला, भाग नकंवा, गोंडा) भी अवैध खनन गतिविधियों में संलिप्त पाए गए, जिनके खिलाफ प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
जांच के दौरान एक अन्य ट्रैक्टर-ट्रॉली को भी पकड़ा गया, जो अवैध रूप से बालू लादकर ले जा रहा था। वाहन स्वामी राजकुमार और चालक मनोज कुमार से जब खनन परिवहन के लिए आवश्यक दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई भी वैध कागजात नहीं दिखा सके। जांच में पाया गया कि इस ट्रैक्टर-ट्रॉली में 5.72 घनमीटर बालू लोड था। जिलाधिकारी के निर्देश पर इस वाहन को उमरीबेगमगंज में जब्त कर लिया गया और अब यह प्रशासन की अभिरक्षा में रहेगा, जब तक कि न्यायालय इस पर कोई निर्णय नहीं दे देता।
डीएम नेहा शर्मा ने इस कार्रवाई के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि “खनन माफियाओं की जिले में कोई जगह नहीं है, अवैध खनन किसी भी हालत में नहीं होने दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है और अवैध खनन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
खनन माफियाओं पर प्रशासन की सख्ती जारी, आगे भी होंगे अभियान
इस छापेमारी अभियान के बाद प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है और भविष्य में इस तरह की अचानक जांच और छापेमारी अभियान को तेज करने की योजना बनाई जा रही है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जिले के सभी खनन स्थलों की नियमित निगरानी की जाए और खनन विभाग के साथ मिलकर एक सशक्त प्रवर्तन प्रणाली विकसित की जाए, ताकि अवैध खनन को पूरी तरह से रोका जा सके।
इसके अलावा, प्रशासन अवैध खनन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को भी ध्यान में रखते हुए जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है। अवैध खनन से नदियों के प्राकृतिक प्रवाह पर असर पड़ता है, जल स्तर गिरता है और मिट्टी का क्षरण बढ़ता है। जिलाधिकारी ने इस पर भी गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “खनन माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ लोगों को भी जागरूक किया जाएगा, ताकि वे अवैध खनन के दुष्परिणामों को समझें।”
डीएम ने दिया कड़ा संदेश – अवैध खनन पर नहीं मिलेगी राहत
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि जिले में किसी भी प्रकार के अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध खनन केवल सरकारी राजस्व को नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि यह पर्यावरण और स्थानीय लोगों के लिए भी खतरा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अवैध खनन पर कड़ी नजर रखी जाए और इसके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए।
“हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जिले में सभी खनन गतिविधियां पूरी तरह से कानूनी ढांचे के तहत संचालित हों। किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर तुरंत कठोर कदम उठाए जाएंगे,” डीएम ने कहा। उन्होंने पुलिस और खनन विभाग को निर्देशित किया कि वे संयुक्त टीम बनाकर नियमित रूप से खनन क्षेत्रों का निरीक्षण करें और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।
इस छापेमारी के बाद जिले में खनन माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है। अवैध खनन में लिप्त लोग अब अपनी गतिविधियों को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते उनके लिए अब यह आसान नहीं होगा। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई की सराहना की जा रही है, और स्थानीय लोगों ने भी इस फैसले का समर्थन किया है।
“हम चाहते हैं कि प्रशासन इसी तरह से सक्रिय बना रहे और अवैध खनन को पूरी तरह समाप्त करे,” – एक स्थानीय निवासी ने कहा।
प्रभात भारत विशेष
डीएम नेहा शर्मा के नेतृत्व में गोंडा प्रशासन ने अवैध खनन के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाकर यह संदेश दिया है कि इस तरह की अवैध गतिविधियों को अब किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन की इस सख्ती से अवैध खनन करने वालों में हड़कंप मच गया है, और यह साफ हो गया है कि खनन माफियाओं पर अब प्रशासन की पैनी नजर बनी रहेगी।