
योजना भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री योगी ने किया नमन, कहा- लोकतांत्रिक मूल्यों और पारदर्शिता के प्रति उनकी निष्ठा सदैव प्रेरणादायक
लखनऊ, 17 मार्च: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और वरिष्ठ राजनेता हेमवती नंदन बहुगुणा की पुण्यतिथि पर सोमवार को राजधानी लखनऊ के योजना भवन में एक विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रदेश के कई वरिष्ठ मंत्री, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुगुणा जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा का जीवन संघर्ष, संकल्प और लोकसेवा का अनुपम उदाहरण है। एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया, तो एक राजनेता के रूप में उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए अथक परिश्रम किया। अपने लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने हमेशा सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी, पारदर्शिता और लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुगुणा जी का जीवन यह संदेश देता है कि कठिनाइयों से घबराने के बजाय उनके समाधान के लिए संकल्पित होकर आगे बढ़ना ही सच्ची सेवा है।
संघर्षमय जीवन और राजनीतिक यात्रा: जनता के नेता के रूप में पहचान
हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म 25 अप्रैल 1919 को उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा से ही वे स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गए थे। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र आंदोलनों से हुई और धीरे-धीरे वे एक लोकप्रिय जननेता बन गए। मुख्यमंत्री योगी ने सभा में उनके संघर्षों को याद करते हुए कहा कि बहुगुणा जी का सार्वजनिक जीवन इस बात का उदाहरण है कि कोई भी व्यक्ति ईमानदारी, मेहनत और जनता के प्रति समर्पण के बल पर समाज में परिवर्तन ला सकता है।
1973 से 1975 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जिनका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। उनकी सरकार के दौरान शिक्षा सुधार, कृषि विकास, सिंचाई योजनाओं और औद्योगीकरण को प्राथमिकता दी गई। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बहुगुणा जी की योजनाएं और संकल्प आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक हैं। उनके प्रशासनिक फैसले और दूरदर्शी नीतियां प्रदेश की तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
बहुगुणा जी का मानना था कि राजनीति का मुख्य उद्देश्य जनकल्याण होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत स्वार्थ। उन्होंने राजनीति में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए। उनके द्वारा किए गए सुधारों की वजह से प्रदेश में सुशासन की एक मजबूत नींव रखी गई। वे हमेशा कहते थे कि शासन में जनता की सहभागिता और प्रशासन में पारदर्शिता ही लोकतंत्र की असली ताकत है।
प्रयागराज: बहुगुणा जी की कर्मस्थली और संघर्षस्थली
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा में कहा कि प्रयागराज न केवल बहुगुणा जी की कर्मभूमि थी, बल्कि यह उनके संघर्षों का भी गवाह रहा है। उन्होंने प्रयागराज में रहते हुए स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक आंदोलनों को मजबूती दी। यही वह स्थान था जहां से उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा को गति दी और आगे चलकर देश के बड़े नेताओं में अपनी पहचान बनाई।
प्रयागराज में उन्होंने शिक्षा और प्रशासनिक सुधारों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनका मानना था कि शिक्षा ही समाज में वास्तविक परिवर्तन ला सकती है। उन्होंने उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जिनका लाभ लाखों छात्रों को मिला। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बहुगुणा जी की इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रयागराज में उनकी स्मृति में एक बड़ा शोध संस्थान स्थापित करने पर विचार कर रही है।
17 मार्च 1989 को जब उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा, तब भी उनके विचार और आदर्श समाज में जीवंत थे। आज भी उनकी स्मृतियां हमें समाज सेवा और जनकल्याण के लिए प्रेरित करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बहुगुणा जी के विचारों के अनुरूप काम कर रही है और उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
लोकतंत्र और सुशासन के प्रति उनकी निष्ठा: प्रेरणादायक व्यक्तित्व
हेमवती नंदन बहुगुणा का पूरा जीवन लोकतंत्र और सुशासन को समर्पित रहा। वे उन नेताओं में से थे जो सत्ता को सेवा का माध्यम मानते थे। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बहुगुणा जी ने प्रशासनिक पारदर्शिता को महत्व देते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। उनके कार्यकाल में सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मजबूत तंत्र विकसित किया गया था।
उन्होंने कहा कि बहुगुणा जी की कार्यशैली हमें यह सिखाती है कि शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही अनिवार्य होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई और उद्योग जैसे क्षेत्रों में जो योगदान दिया, उसका लाभ आज भी जनता को मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि बहुगुणा जी की नीतियां और उनके द्वारा लिए गए निर्णय वर्तमान समय में भी प्रासंगिक हैं और हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
श्रद्धांजलि सभा में मौजूद रहे गणमान्य लोग
इस अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, रामचंद्र प्रधान, लालजी प्रसाद निर्मल, पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह सहित प्रदेश के कई वरिष्ठ नेता और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने बहुगुणा जी के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा का जीवन हमें यह सिखाता है कि निष्ठा, ईमानदारी और समाज सेवा से ही एक सशक्त और विकसित राष्ट्र का निर्माण संभव है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बहुगुणा जी की स्मृतियों को संजोए रखने और उनके विचारों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी।
इस श्रद्धांजलि सभा के माध्यम से एक बार फिर हेमवती नंदन बहुगुणा के विचारों, सिद्धांतों और कार्यों को जीवंत किया गया। सभा में मौजूद लोगों ने उनके योगदान को याद किया और संकल्प लिया कि उनके बताए मार्ग पर चलते हुए समाज और राष्ट्र के उत्थान में योगदान देंगे।