
जरूरतमंदों को मिलेगा सस्ता और पौष्टिक भोजन, महिलाओं को मिला रोजगार
गोंडा 6 मार्च। जिले में सामाजिक कल्याण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जिला अधिकारी नेहा शर्मा ने गोंडा मेडिकल कॉलेज में ‘शक्ति रसोई’ का उद्घाटन किया, जिसका संचालन ‘रंजना स्वयं सहायता समूह’ की महिलाएं करेंगी। यह रसोई अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले गरीब एवं जरूरतमंद मरीजों और उनके तीमारदारों को सस्ते दरों पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराएगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य कमजोर वर्गों को राहत प्रदान करना और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
शक्ति रसोई: जरूरतमंदों के लिए सस्ते, स्वच्छ और संतुलित भोजन की व्यवस्था
गोंडा मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को अक्सर भोजन की समस्या से जूझना पड़ता है। अस्पताल के बाहर मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता संदेहास्पद होती है और कीमतें भी अधिक होती हैं, जिससे गरीब मरीजों और उनके परिजनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने ‘शक्ति रसोई’ की शुरुआत की है।
यहां मात्र 10 से 20 रुपये में पौष्टिक और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। भोजन की गुणवत्ता और संतुलन बनाए रखने के लिए विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इसमें चावल, दाल, सब्जी, रोटी और पोषण से भरपूर अन्य खाद्य पदार्थ शामिल किए जाएंगे, ताकि मरीजों और उनके तीमारदारों को स्वास्थ्यवर्धक आहार मिल सके।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
‘शक्ति रसोई’ का संचालन पूरी तरह से महिला स्वयं सहायता समूहों के हाथों में होगा। गोंडा मेडिकल कॉलेज में शुरू हुई इस रसोई को ‘रंजना स्वयं सहायता समूह’ की महिलाएं संभालेंगी। इस समूह में सीमा, नुसरत और सोनी शामिल हैं, जो इस रसोई के माध्यम से अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगी और आत्मनिर्भर बनेंगी।
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि यह उनके लिए एक बड़ा अवसर है, क्योंकि इससे न केवल उन्हें रोजगार मिलेगा, बल्कि वे समाज सेवा में भी योगदान दे सकेंगी। गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा का मानना है कि महिला सशक्तिकरण तभी संभव होगा जब उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाया जाएगा। इसी उद्देश्य से शक्ति रसोई जैसी योजनाएं शुरू की जा रही हैं, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में सम्मान के साथ जीवन व्यतीत कर सकें।
डीएम नेहा शर्मा की पहल से शुरू हुई शक्ति रसोई
गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा समाज कल्याण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए हमेशा प्रयासरत रही हैं। उनकी पहल पर जिले में पहले भी दो स्थानों पर शक्ति रसोई शुरू की जा चुकी है। पहली शक्ति रसोई लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज परिसर में शुरू की गई थी, जबकि दूसरी कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित की गई थी। अब गोंडा मेडिकल कॉलेज में तीसरी शक्ति रसोई शुरू की गई है।
डीएम ने उद्घाटन के दौरान कहा,
“हमारा उद्देश्य है कि कोई भी गरीब भूखा न सोए। अस्पतालों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भोजन की समस्या न हो। साथ ही, महिलाओं को रोजगार मिले, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। शक्ति रसोई इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
गरीबों के लिए वरदान बनी शक्ति रसोई
गोंडा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को अक्सर भोजन की कठिनाई होती है। कई बार उन्हें महंगे होटल या ठेले-खोमचे से खाना खरीदना पड़ता है, जिसकी कीमत अधिक होने के साथ-साथ गुणवत्ता भी संदिग्ध होती है। इस समस्या को हल करने के लिए शक्ति रसोई एक बेहतरीन समाधान साबित हो रही है।
रसोई से लाभान्वित होने वाले मरीजों और उनके परिजनों ने खुशी जताई। अयोध्या से आए एक मरीज के तीमारदार रामचरण ने कहा,
“हम इलाज के लिए दूर-दराज से आते हैं। अस्पताल में रहने के दौरान हमें खाने की बहुत दिक्कत होती थी। होटल का खाना महंगा होता है और ठेले का खाना साफ-सुथरा नहीं होता। शक्ति रसोई की वजह से हमें अब सस्ते और पौष्टिक भोजन की सुविधा मिल रही है। यह सच में बहुत बड़ी राहत है।”
रोजगार के नए अवसर: महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की राह
स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए यह रसोई एक नए अवसर के रूप में आई है। पहले वे छोटे-मोटे काम करके घर चलाने की कोशिश करती थीं, लेकिन अब उन्हें एक स्थायी और सम्मानजनक रोजगार मिला है। ‘रंजना स्वयं सहायता समूह’ की सदस्य सीमा ने बताया,
“पहले हमें कोई स्थायी काम नहीं मिलता था। छोटी-मोटी मजदूरी या घरों में काम करके परिवार चलाना पड़ता था। लेकिन अब शक्ति रसोई के माध्यम से हमें एक स्थायी काम मिल गया है, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।”
इस पहल से महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता मिलने के साथ-साथ समाज में उनका आत्मसम्मान भी बढ़ेगा। महिलाओं ने डीएम नेहा शर्मा का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह पहल उन्हें सशक्त बनने में मदद कर रही है।
शक्ति रसोई की सफलता और भविष्य की योजनाएं
गोंडा जिले में शक्ति रसोई की यह तीसरी इकाई शुरू की गई है, और प्रशासन इसे अन्य स्थानों पर भी विस्तारित करने की योजना बना रहा है। डीएम नेहा शर्मा ने कहा कि यदि यह पहल सफल रहती है, तो इसे जिले के अन्य प्रमुख अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों पर भी शुरू किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और स्वयं सहायता समूहों के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा।
भविष्य में शक्ति रसोई के लिए प्रशासन की योजनाएं:
1. अन्य अस्पतालों में विस्तार: जिला अस्पताल और अन्य प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में शक्ति रसोई शुरू करने की योजना बनाई जा रही है।
2. भोजन की गुणवत्ता में सुधार: शक्ति रसोई में उपलब्ध भोजन को और अधिक पौष्टिक बनाने के लिए पोषण विशेषज्ञों की सलाह ली जाएगी।
3. महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम: महिलाओं को भोजन प्रबंधन, स्वच्छता और वित्तीय साक्षरता से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे इस योजना को और बेहतर तरीके से चला सकें।
4. सब्सिडी और सरकारी सहायता: सरकार से इस योजना के लिए अधिक सहायता प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे इसे लंबे समय तक सफलतापूर्वक संचालित किया जा सके।
शक्ति रसोई गरीबों के लिए संजीवनी, महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की राह
गोंडा मेडिकल कॉलेज में शक्ति रसोई की शुरुआत जरूरतमंद मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह न केवल सस्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराएगी, बल्कि महिलाओं को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी। डीएम नेहा शर्मा की इस पहल से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा और गरीब वर्गों को राहत मिलेगी।
गोंडा में शक्ति रसोई की यह तीसरी इकाई साबित कर रही है कि सही नीयत और अच्छी योजनाओं से समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। उम्मीद है कि यह पहल आगे भी जारी रहेगी और अन्य जिलों में भी इसे अपनाया जाएगा, ताकि जरूरतमंदों को भोजन और महिलाओं को रोजगार मिल सके।