
गोंडा, 7 सितंबर (अतुल यादव)। अनामिका शुक्ला हो या फर्जी मान्यता प्रपत्र के सहारे विद्यालय अनुदानित कराने का प्रकरण हो या फर्जी विद्यालय संचालित कर अनुदानित कराने का प्रयास हो या फर्जी अध्यापकों की नियुक्ति का प्रकरण हो अभी तक केवल बेसिक शिक्षा विभाग चर्चा में रहा है लेकिन अब बारी है माध्यमिक शिक्षा विभाग की जिसके कारण सहित एक बार फिर से गोंडा के शिक्षा व नियुक्ति माफियाओं के हावी होने की चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं गोंडा के माध्यमिक विद्यालयों में बड़े पैमाने पर फर्जी नियुक्ति का प्रकरण सामने आया था जिसके बाद सरकार के एक आदेश से सभी की नियुक्ति रद्द कर दी गई थी और इस पूरे प्रकरण की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान ने शुरू कर दी थी जिसमें उनके नियुक्ति से लेकर उनके वेतन भुगतान तक की जांच की जानी थी जनपद के कुछ विद्यालयों को जो रसूखदार लोगों के थे उनको इस सूची से बाहर रखा गया था एक बार शिकायत के बाद अब इन विद्यालयों पर भी कार्यवाही के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक ने शासन में पत्र लिखा है विद्यालयों के प्रबंधकों में दो सांसद और कई पूर्व विधायक भी हैं जिला विद्यालय निरीक्षक के पत्र लिखने के बाद देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इन लोगों पर कितनी कठोर और किस तरह की कार्यवाही करती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता दीनानथ त्रिपाठी की शिकायत पर 40 शिक्षक और 6 कर्मचारियों की हुई फर्जी नियुक्ति पर अब कार्यवाही शुरू हो चुकी है और जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी विद्यालयों की प्रबंध समिति को भंग करने के लिए शासन में पत्र लिखा है इन विद्यालयों के प्रबंधकों में रसूखदार लोगों के भी नाम है जिम में सबसे बड़ा नाम सांसद बृजभूषण शरण सिंह सांसद कीर्तिवर्धन सिंह और पूर्व सांसद आनंद सिंह के नाम शामिल है नियमों के विपरीत जाकर इनके विद्यालयों में नियुक्ति हुई थी और उन्हें सरकारी मदद से वेतन दिया गया था ऐसा मानना है कि इनकी नियुक्ति के पीछे हाई कोर्ट के किसी आदेश का सहारा लिया गया था और अब हो रही जांच पर भी हाईकोर्ट ने स्टे दे रखा है फिलहाल विभाग अब प्रबंध समिति को भंग करने का मन बना चुका है सरकार भी ऐसे स्कूलों पर सख्त कार्यवाही के संकेत दे चुकी है