
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की पहल से प्रशासनिक पारदर्शिता और जनसहभागिता में वृद्धि
गोंडा, 04 फरवरी 2025। जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा नगर पंचायत मनकापुर के रामलीला मैदान में आयोजित “नागरिक संगम” कार्यक्रम ने गोंडा में प्रशासन और आम जनता के बीच संवाद को नई दिशा दी है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया और अपनी समस्याओं को जिलाधिकारी के समक्ष रखा। नेहा शर्मा की इस नई पहल ने प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करते हुए जनसुविधाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
“नागरिक संगम” का उद्देश्य और इसकी आवश्यकता
“नागरिक संगम” का प्रमुख उद्देश्य जनता और प्रशासन के बीच संवाद को सशक्त बनाना और समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा,
“सभी समस्याओं का समाधान समयबद्ध और प्रभावी तरीके से करना प्रशासन की प्राथमिकता है। स्वच्छता और जनसुविधाओं को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।”
इस कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकों को सीधे जिलाधिकारी से संवाद का अवसर मिलता है, जिससे उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जा सके।
नगर पंचायत मनकापुर में “नागरिक संगम” का आयोजन
नगर पंचायत मनकापुर के रामलीला मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में राजेन्द्र नगर, रफीनगर तथा सुभाष नगर वार्ड के नागरिकों ने हिस्सा लिया। राशन कार्ड, आवास, नाली निर्माण, अतिक्रमण हटाने जैसी कई समस्याएं जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की गईं।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से सभी शिकायतें सुनीं और कई समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया। उन्होंने कहा,
“जनसुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करना हमारी प्राथमिकता है। हम सुनिश्चित करेंगे कि सभी नागरिकों को उनके अधिकार और सुविधाएं प्राप्त हों।”
इस कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकों को अपनी शिकायतें और सुझाव सीधे प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाने का अवसर मिला।
राजेन्द्र नगर, रफीनगर और सुभाष नगर में निरीक्षण
कार्यक्रम के बाद, जिलाधिकारी ने राजेन्द्र नगर, रफीनगर और सुभाष नगर वार्डों में स्थलीय निरीक्षण किया।
उन्होंने पाया कि सफाई व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है और संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से स्वच्छता और नाली निर्माण के कार्यों को शुरू करने के निर्देश दिए।
धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए, ताकि नागरिकों और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। नगर पंचायत मनकापुर को धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए निर्देशित करते हुए, जिलाधिकारी ने कहा,
“हमारे धार्मिक स्थल हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। उनका संरक्षण और सौंदर्यीकरण प्रशासन की जिम्मेदारी है।”
अतिक्रमण और सार्वजनिक समस्याओं पर सख्त निर्देश
कसगरान मोहल्ले से बाबा हरिदास मंदिर तक अतिक्रमण और अवैध मीट की दुकानों के खिलाफ तीन सभासदों—रामचंद्र, पवन कुमार और कन्हैयालाल वर्मा—ने शिकायत की।
उन्होंने आरोप लगाया कि बालकराम पुरवा स्कूल के सामने मीट की दुकानें खुली हैं, जिससे बच्चों और स्थानीय निवासियों को परेशानी हो रही है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इन दुकानों को तत्काल हटाने का आदेश दिया।
“शैक्षणिक और धार्मिक स्थलों के आसपास अवैध गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।”
भैरवनाथ मंदिर के रास्ते में खुले में शौच की समस्या को भी जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया और तत्काल प्रभाव से शौचालय निर्माण और नियमित सफाई व्यवस्था के निर्देश दिए।
शिक्षा संस्थानों के आसपास अवैध गतिविधियों पर रोक
कंपोजिट विद्यालय बालक राम पुरवा के सामने बाउंड्री के भीतर दुकान निर्माण और मीट-मुर्गा की बिक्री की शिकायत को भी जिलाधिकारी ने गम्भीरता से लिया।
उन्होंने नगर पंचायत मनकापुर को आदेशित किया कि इन अवैध दुकानों को तत्काल हटाया जाए और शिक्षा संस्थानों के आसपास स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित किया जाए।
“हमारे बच्चों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
“नागरिक संगम” में जिला प्रशासन की भागीदारी
इस कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, नायब तहसीलदार मनकापुर चन्दन, डीएसओ, डीपीओ, जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी, खण्डशिक्षा अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी और समन्वय ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
“नागरिक संगम” का प्रभाव और भविष्य की योजनाएं
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की यह पहल प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के साथ ही जनसुविधाओं में सुधार की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।
“प्रशासनिक अधिकारी जनता के सेवक हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम जनता की समस्याओं का समाधान करें और उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएं।”
इस पहल ने न केवल नागरिकों के मन में प्रशासन के प्रति विश्वास को मजबूत किया है, बल्कि अधिकारियों को भी उनकी जिम्मेदारियों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाया है।
आगे चलकर, जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने “नागरिक संगम” कार्यक्रम को नियमित अंतराल पर आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि हर क्षेत्र के नागरिकों को समयबद्ध और प्रभावी समाधान मिल सके।
गोंडा के विकास और प्रशासनिक सुधार की दिशा में यह पहल नेहा शर्मा के नेतृत्व को सशक्त और संवेदनशील बनाती है।
इस प्रकार की जनसंवाद योजनाएं अन्य जिलों के लिए भी एक प्रेरणास्त्रोत साबित हो सकती हैं।
जिलाधिकारी ने अंत में कहा,
“जनता की समस्याएं हमारी प्राथमिकता हैं। हम समर्पण और पारदर्शिता से कार्य करेंगे, ताकि हर नागरिक को अपने अधिकार और सुविधाएं मिलें।”
“नागरिक संगम” की इस सफलता से स्पष्ट है कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जनसहभागिता से ही समस्याओं का स्थायी समाधान संभव है।