
गोंडा 21 जनवरी। प्रशासन और जनता के बीच संवाद को मजबूत करने और नागरिकों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने के लिए गोंडा की जिलाधिकारी (डीएम) नेहा शर्मा ने एक नई पहल की शुरुआत की है। इस कड़ी में ‘ नागरिक संगम संवाद’ कार्यक्रम के तहत मालवीय नगर वार्ड के गुरुद्वारा के सामने नागरिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद के पांच वार्डों के निवासियों ने भाग लिया और अपनी समस्याओं को खुलकर रखा। डीएम ने न केवल समस्याओं को सुना बल्कि कई मामलों में मौके पर ही समाधान के निर्देश भी दिए।
जनता के सामने आई प्रमुख समस्याएं
कार्यक्रम में अलग-अलग वार्डों से बड़ी संख्या में नागरिक पहुंचे और अपनी समस्याओं को साझा किया।
सुभाष नगर मोहल्ला: विशाल सिंह और रणजीत सिंह सहित अन्य निवासियों ने बिजली के लटकते तारों और जर्जर विद्युत पोलों की समस्या उठाई। उन्होंने कहा कि इन तारों के कारण बारिश के दिनों में दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
इमामबाड़ा मोहल्ला: इस मोहल्ले के निवासियों ने जल निकासी की समस्या पर ध्यान आकर्षित किया। उनका कहना था कि मामूली बारिश में भी सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे चलना दूभर हो जाता है।
मालवीय नगर मोहल्ला: यहां के निवासियों ने हाई मास्ट लाइटों के खराब होने की शिकायत की। उन्होंने बताया कि लाइट खराब होने से रात में अंधेरा रहता है, जिससे असामाजिक गतिविधियों की संभावना बढ़ जाती है।
अन्य वार्डों की समस्याएं: सफाई व्यवस्था की कमी और कूड़ा निस्तारण न होने की समस्या भी प्रमुखता से सामने आई। कई वार्डों में नियमित सफाई न होने के कारण गंदगी और बीमारियां फैलने का खतरा है।
डीएम ने मौके पर किए निर्देश जारी
डीएम नेहा शर्मा ने सभी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को तत्काल समाधान के निर्देश दिए।
1. बिजली विभाग: जर्जर पोल और लटकते तारों की समस्या का समाधान करने के लिए तत्काल सर्वे और मरम्मत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
2. नगर पालिका परिषद: सफाई अभियान को प्राथमिकता देने और जल निकासी की समस्या को हल करने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू करने का आदेश दिया।
3. हाई मास्ट लाइट: डीएम ने खराब हाई मास्ट लाइटों की मरम्मत के लिए विद्युत विभाग को निर्देशित किया
उन्होंने मौके पर ही करीब एक दर्जन शिकायतों का निस्तारण कराया और शेष शिकायतों के समाधान के लिए समयबद्ध योजना तैयार करने के आदेश दिए।
निरीक्षण और स्वच्छता पर विशेष ध्यान
कार्यक्रम के बाद डीएम नेहा शर्मा ने संबंधित वार्डों का निरीक्षण किया। उन्होंने सफाई व्यवस्था, जल निकासी, और बिजली व्यवस्था का जायजा लिया। डीएम ने सभी वार्डों के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा,
“नगर को स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन और जनता को मिलकर काम करना होगा। हर समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।”
उन्होंने नागरिकों से स्वच्छता अभियान में सहयोग करने की अपील की। डीएम ने स्वच्छता और कूड़ा निस्तारण से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी साझा की और कहा कि स्वच्छता बनाए रखने में हर नागरिक का योगदान आवश्यक है।
महिलाओं और नागरिकों ने की सराहना
कार्यक्रम के अंत में स्थानीय महिलाओं और नागरिकों ने डीएम नेहा शर्मा के प्रयासों की सराहना की। महिलाओं ने कहा कि इस तरह के संवाद कार्यक्रम से आम लोगों को अपनी समस्याएं सीधे प्रशासन तक पहुंचाने का मौका मिलता है।
एक स्थानीय निवासी रेखा देवी ने कहा,
“डीएम नेहा शर्मा जैसी अधिकारी हमारे लिए प्रेरणा हैं। उनका प्रयास गोंडा में सशक्त प्रशासन की मिसाल है।”
जनता और प्रशासन के बीच बढ़ा संवाद
डीएम नेहा शर्मा ने कहा कि इस तरह के आयोजन प्रशासन और जनता के बीच संवाद को सशक्त बनाते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर शिकायत का समयबद्ध और प्रभावी समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हर नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले और उनकी समस्याओं का समाधान हो। प्रशासन का उद्देश्य जनता की सेवा करना है।”
नागरिक संवाद की नई पहल बनी चर्चा का विषय
डीएम नेहा शर्मा की यह पहल गोंडा में चर्चा का विषय बन गई है। नागरिक संगम संवाद कार्यक्रम के तहत नागरिक संवाद स्थापित कर उन्होंने न केवल समस्याओं को सुना बल्कि समाधान सुनिश्चित कर यह संदेश दिया कि प्रशासन जनता के साथ खड़ा है।
उनकी इस पहल से न केवल नागरिकों का प्रशासन पर भरोसा बढ़ा है बल्कि यह भी स्पष्ट हो गया है कि प्रशासनिक अधिकारी जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। गोंडा के नागरिकों ने डीएम की इस पहल को जनहित में एक बड़ा कदम बताया
जिलाधिकारी नेहा शर्मा का यह प्रयास प्रशासनिक पारदर्शिता और जनसेवा की मिसाल पेश करता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल नागरिकों की समस्याओं को सुना गया बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस कदम भी उठाए गए। डीएम ने जिस तत्परता और प्रतिबद्धता से कार्य किया, वह गोंडा के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
इस प्रकार की पहल न केवल प्रशासन और जनता के बीच दूरी को कम करती है बल्कि गोंडा जैसे जिलों में विकास और जनसुविधाओं को नई ऊंचाई देने का भी कार्य करती है।