गोंडा, 17 जनवरी। जिला प्रशासन द्वारा शुरू किया गया नागरिक संगम कार्यक्रम अपने पहले ही दिन प्रभावी साबित हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाना है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की पहल पर शुरू हुए इस कार्यक्रम के तहत पहली बड़ी कार्रवाई वार्ड पंतनगर में देखने को मिली, जहां अतिक्रमण की समस्या से निपटने के लिए बुलडोजर चलाया गया।
पंतनगर में अतिक्रमण मुक्त अभियान
कार्यक्रम के दौरान पंतनगर वार्ड से अवैध अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में बताया गया कि पंतनगर चौराहे पर अवैध कब्जों के कारण स्थानीय लोगों और वाहनों को यातायात जाम का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने तुरंत क्विक रेस्पांस टीम (क्यूआरटी) को मौके पर भेजा।

क्यूआरटी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पंतनगर चौराहे से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया। बुलडोजर की मदद से वहां मौजूद अवैध निर्माण, अस्थायी ढांचे, और ठेले-खोमचे हटाए गए। अभियान के दौरान सख्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी, जिसमें पुलिस बल और राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल थे।
जिलाधिकारी की सख्त हिदायत
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने अतिक्रमण के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने की बात दोहराई। उन्होंने कहा, “अवैध अतिक्रमण से न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि यह आम जनता के लिए भी असुविधा का कारण बनता है। प्रशासन इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।”
जिलाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में अतिक्रमण की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से निरीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि सभी नागरिक सार्वजनिक स्थानों का सही ढंग से उपयोग करें।
नागरिक संगम कार्यक्रम की विशेषताएं
नागरिक संगम कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारी ने जनता के साथ सीधे संवाद करने और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का लक्ष्य रखा है।
- सुनवाई और त्वरित कार्रवाई: कार्यक्रम के तहत शिकायतों को तुरंत दर्ज किया जाता है और समाधान के लिए संबंधित विभागों को सौंपा जाता है।
- हर वार्ड में समस्याओं का समाधान: जिला प्रशासन ने वार्ड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर जनता को अपनी शिकायतें दर्ज कराने का अवसर दिया है।
- प्रशासनिक जवाबदेही बढ़ाना: इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है।
अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया और प्रभाव
पंतनगर चौराहे पर अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासन ने पूरी सावधानी और दृढ़ता का परिचय दिया। वहां मौजूद दुकानदारों और स्थानीय निवासियों को अतिक्रमण हटाने से पहले सूचित किया गया।
- अतिक्रमण हटाने की मुख्य वजह: पंतनगर चौराहे पर यातायात बाधित हो रहा था, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी हो रही थी।
- स्थानीय निवासियों की राहत: अतिक्रमण हटने के बाद यातायात सुचारु हो गया और चौराहे का सौंदर्य भी बढ़ा।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
अतिक्रमण मुक्त अभियान से पंतनगर के नागरिकों ने राहत की सांस ली। स्थानीय निवासी प्रीति वर्मा ने कहा, “पंतनगर चौराहे पर हमेशा जाम की स्थिति रहती थी। प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम से हमें बहुत राहत मिली है।”
वहीं, दुकानदार अजय गुप्ता ने कहा, “हमें पहले ही सूचना दी गई थी। अब सड़क पर जगह साफ हो गई है, जिससे ग्राहकों को भी सुविधा होगी।”
कार्यक्रम के दौरान अन्य शिकायतों का समाधान
पंतनगर में अतिक्रमण हटाने के अलावा, नागरिक संगम कार्यक्रम के तहत अन्य समस्याओं का भी समाधान किया गया।
पेयजल समस्या: कुछ वार्डों में जलापूर्ति की समस्या सामने आई। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग को तत्काल पाइपलाइन की मरम्मत के निर्देश दिए।
स्ट्रीट लाइट्स की कमी: कई वार्डों से खराब स्ट्रीट लाइट्स की शिकायतें आईं। इन्हें ठीक कराने के लिए बिजली विभाग को निर्देश दिए गए।
सीवरेज की समस्या: कुछ इलाकों में गंदगी और सीवरेज की खराब स्थिति की शिकायतें मिलीं। इन समस्याओं के समाधान के लिए नगर निगम की टीम को सक्रिय किया गया।
अगले कदम
नागरिक संगम कार्यक्रम के तहत प्रशासन ने अन्य वार्डों में भी इसी तरह के अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
सक्रिय निगरानी: हर वार्ड में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करेगा।
सार्वजनिक भागीदारी: प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अवैध अतिक्रमण के खिलाफ जागरूकता फैलाएं और कार्यक्रम में सहयोग करें।
दीर्घकालिक योजनाएं: जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि शहर के विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिनमें यातायात प्रबंधन और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना शामिल है।
प्रभात भारत विशेष
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की पहल पर शुरू हुआ नागरिक संगम कार्यक्रम जनता और प्रशासन के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने का प्रयास है। पंतनगर में अतिक्रमण हटाने जैसी त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन जनता की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस कार्यक्रम की सफलता से गोंडा जिले के अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की उम्मीदें बढ़ी हैं। जिलाधिकारी की सक्रियता और कड़ी निगरानी के चलते गोंडा में नागरिक सुविधाओं का स्तर बेहतर होने की संभावना है।

