
गोंडा, 08 जनवरी। किसानों के लाभ के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने बुधवार को फार्मर रजिस्ट्री कार्य का निरीक्षण किया। इस अभियान के तहत शासन के निर्देशानुसार कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से किसानों की रजिस्ट्री का कार्य किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने शिव शंकर कॉमन सर्विस सेंटर बालपुर बाजार, सीताराम तिवारी कॉमन सर्विस सेंटर रेरूवा बालपुर, और रहमान सर्विस सेंटर बटौरा बख्तावर सिंह का दौरा किया और फार्मर रजिस्ट्री की प्रगति का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों और कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों को निर्देश दिया कि फार्मर रजिस्ट्री प्रक्रिया में तेजी लाने और अधिक से अधिक किसानों को पंजीकरण के लिए प्रेरित करने का कार्य किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा, “आप सभी किसानों से व्यक्तिगत संपर्क कर उन्हें जागरूक करें कि रजिस्ट्रेशन के अभाव में वे योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे। हर किसान तक यह संदेश पहुंचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि शासन ने इस कार्य को उच्च प्राथमिकता दी है और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सीएससी संचालकों से रजिस्ट्री प्रक्रिया की अद्यतन जानकारी ली और रजिस्ट्री के लिए आने वाले किसानों की संख्या, प्रक्रिया में आने वाली समस्याएं, और तकनीकी मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “आप सभी को पूरी तत्परता और ईमानदारी से कार्य करना होगा। फार्मर रजिस्ट्री में देरी किसानों के हितों को नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए इस कार्य में कोई ढिलाई न हो।”
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि रजिस्ट्री प्रक्रिया को किसानों के लिए सरल और सुगम बनाया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को लंबी कतारों में खड़ा न होना पड़े और उनके समय की बचत हो।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने किसानों से सीधे संवाद स्थापित किया और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में किसी भी तरह की समस्या होने पर वे सीधे संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें। उन्होंने किसानों को यह भी बताया कि रजिस्ट्री नहीं कराने पर वे सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं और सब्सिडी का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
जिलाधिकारी ने किसानों से अपील की, “आप सभी अपने आस-पास के किसानों को भी रजिस्ट्री कराने के लिए प्रेरित करें। यह आपकी और आपके क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक है।”
निरीक्षण के दौरान कृषि विभाग, राजस्व विभाग, और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सक्रियता से किसानों को कॉमन सर्विस सेंटर तक लाने का प्रयास करें। जिलाधिकारी ने कहा, “आप सभी विभागों को समन्वय बनाकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर किसान का पंजीकरण समय से हो जाए।”
जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के उपनिदेशक प्रेम ठाकुर और जिला कृषि अधिकारी प्रमोद कुमार को विशेष निर्देश दिए कि वे किसानों को योजनाओं के लाभ और रजिस्ट्री प्रक्रिया के महत्व के बारे में जागरूक करें।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी अधिकारी या सीएससी संचालक द्वारा लापरवाही करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “यह किसानों के हित का मामला है, और इसमें कोई भी चूक अस्वीकार्य है।
निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी करनैलगंज भारत भार्गव, अपर उपजिलाधिकारी न्यायिक नेहा मिश्रा, तहसीलदार मनीष कुमार, नायब तहसीलदार जयशंकर सिंह, उपनिदेशक कृषि प्रेम ठाकुर, जिला कृषि अधिकारी प्रमोद कुमार, और एसडीईएओ कृषि विभाग सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
फार्मर रजिस्ट्री का उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाना है। यह प्रक्रिया किसानों की पहचान और उनकी पात्रता सुनिश्चित करती है, जिससे योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंच सके। गोंडा जिले में इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए प्रशासन लगातार सक्रिय है।
निरीक्षण के अंत में जिलाधिकारी ने कहा, “गोंडा जिले में किसानों के उत्थान के लिए हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। यह हमारा दायित्व है कि किसानों तक सरकार की योजनाओं का लाभ सही समय पर पहुंचे। मैं सभी किसानों से अपील करती हूं कि वे समय से अपनी रजिस्ट्री कराएं और अपने भविष्य को सुरक्षित बनाएं।”
जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा द्वारा किया गया यह निरीक्षण न केवल फार्मर रजिस्ट्री कार्य में पारदर्शिता और गति सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रशासन की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। किसानों और संबंधित अधिकारियों के बीच संवाद स्थापित कर जिलाधिकारी ने यह संदेश दिया कि किसानों का सशक्तिकरण शासन की प्राथमिकता है। गोंडा जिले में इस पहल के सफल होने की उम्मीद है, जिससे किसान योजनाओं के लाभ से वंचित न रहें और कृषि क्षेत्र में समृद्धि आए।