
लखनऊ 31 दिसंबर। उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले सात वर्षों में अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जो अभियान चलाया है, उसने राज्य में कानून-व्यवस्था को एक नई दिशा दी है। 20 मार्च, 2017 से 31 दिसंबर, 2024 तक के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि योगी आदित्यनाथ सरकार के तहत पुलिस की सक्रियता और प्रतिबद्धता ने न केवल अपराधियों के हौसले पस्त किए, बल्कि समाज में कानून के प्रति विश्वास भी मजबूत किया है।
अपराधियों के सफाए का रिकॉर्ड
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2017 से लेकर अब तक कुल 217 अपराधियों को मुठभेड़ों में मार गिराया है। यह आँकड़ा हर 11 दिन में एक अपराधी को समाप्त करने की दर दर्शाता है। इन मुठभेड़ों में 7,799 अपराधी घायल हुए हैं। पुलिस की कार्रवाई सिर्फ मुठभेड़ों तक सीमित नहीं रही, बल्कि 19,955 वांछित अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया। सख्त गैंगस्टर अधिनियम के तहत 78,977 अपराधियों को जेल की हवा खानी पड़ी, जबकि 924 के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की गई।
पुलिस ने अपराधियों की संपत्तियों पर भी करारा प्रहार किया। गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14(1) के तहत कुल 14,090.5 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया गया। इनमें से अधिकतर संपत्तियां माफियाओं और संगठित अपराध से जुड़े लोगों की थीं।
इनामी अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले सात वर्षों में कई बड़े इनामी अपराधियों का खात्मा किया है। इनमें पाँच-पाँच लाख रुपये के इनामी दो अपराधी, ढाई लाख रुपये के चार, दो लाख रुपये के दो, डेढ़ लाख रुपये के छह, और एक लाख रुपये के 27 अपराधी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 75 हजार रुपये के इनामी कई अन्य अपराधियों को भी मार गिराया गया।
पुलिसकर्मियों की शहादत और घायल होने के मामले
राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने बड़ी कीमत चुकाई है। मुठभेड़ों और अन्य अभियानों के दौरान 17 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई। वहीं, 1,644 अधिकारी घायल हुए। इन आंकड़ों से पता चलता है कि पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए हर संभव बलिदान दिया।
विशिष्ट मामले और पुलिस की सक्रियता
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत पुलिस का अभियान निरंतर जारी है। हाल ही में, मोहम्मद जाहिद नामक अपराधी, जो आरपीएफ कांस्टेबल जावेद खान और प्रमोद कुमार की हत्या के मामले में वांछित था, को दिलदार नगर में एसटीएफ और गाजीपुर पुलिस के संयुक्त अभियान में मार गिराया गया। जाहिद ट्रेन में शराब तस्करी से जुड़े एक मामले में भी वांछित था।
इसके अलावा, पंजाब पुलिस और पीलीभीत पुलिस ने संयुक्त अभियान में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के तीन आतंकवादियों को मार गिराया। इन आतंकवादियों की पहचान प्रताप सिंह उर्फ जसप्रीत सिंह, वीरेंद्र उर्फ रवि और गुरविंदर सिंह के रूप में हुई। ये आतंकवादी 18 दिसंबर, 2024 को गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले में शामिल थे। पुलिस ने इनके पास से दो एकेएम-47 राइफल, दो ग्लॉक पिस्तौल, भारी मात्रा में गोला-बारूद और एक अपंजीकृत मोटरसाइकिल बरामद की।
संगठित अपराध और साइबर अपराध पर प्रहार
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि 2024 में एटीएस ने 124 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया, जिनमें हिजबुल मुजाहिदीन और आईएसआईएस से जुड़े लोग शामिल थे। इनमें पाकिस्तान स्थित आईएसआई के तीन सदस्य भी थे।
साइबर अपराधों पर भी एसटीएफ ने शिकंजा कसा। 2024 में 769 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 74 साइबर अपराधी शामिल थे। इन अपराधियों पर डिजिटल फ्रॉड, हैकिंग और ऑनलाइन ठगी जैसे मामलों में शामिल होने का आरोप था।
प्रमुख अभियान और गिरफ्तारियां
पुलिस के विशेष अभियानों में चिनहट, लखनऊ के बैंक डकैती से जुड़े एक आरोपी सोविंद कुमार बिंद और गाजीपुर जिले में सनी दयाल को मुठभेड़ों के दौरान मार गिराया गया। इन अभियानों ने यह स्पष्ट कर दिया कि पुलिस संगठित अपराध के हर स्तर पर काम कर रही है।
पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रभाव
उत्तर प्रदेश पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति का सकारात्मक प्रभाव पूरे राज्य में देखा जा सकता है। अपराध दर में गिरावट, संगठित अपराधियों पर कार्रवाई, और माफियाओं की कमर तोड़ने वाली रणनीतियों ने यह सुनिश्चित किया है कि उत्तर प्रदेश कानून-व्यवस्था के मामले में देश में एक उदाहरण बन सके।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “यह अभियान केवल स्पेशल टास्क फोर्स तक सीमित नहीं है। जिलों और कमिश्नरेट पुलिस भी समान रूप से सक्रिय हैं। हर अपराधी को न्याय के कटघरे में लाने का हमारा प्रयास जारी रहेगा।”
प्रभात भारत विशेष
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले सात वर्षों में अपने साहसिक और योजनाबद्ध अभियानों के जरिए अपराध और अपराधियों के खिलाफ एक नई मिसाल कायम की है। जीरो टॉलरेंस नीति के तहत राज्य को अपराधमुक्त बनाने के इस मिशन में पुलिस ने ना केवल अपराधियों का सफाया किया बल्कि आम जनता का भरोसा भी जीता। प्रशांत कुमार जैसे नेतृत्वकर्ताओं की अगुवाई में उत्तर प्रदेश पुलिस राज्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।