
नई दिल्ली, 28 दिसंबर। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के स्थान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखे एक पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा कि निगमबोध घाट पर सिंह का अंतिम संस्कार कराना सरकार द्वारा उनका “गंभीर अपमान” है। उन्होंने इसे सिख समुदाय और भारत के महान सपूत का भी अपमान बताया।
राहुल गांधी ने लिखा, “डॉ. मनमोहन सिंह, जो सिख समुदाय से भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करना मौजूदा सरकार की गंभीर चूक और असंवेदनशीलता को दर्शाता है। यह भारत माता के एक महान सपूत का अपमान है।” उन्होंने आगे कहा कि सिंह की नीतियों ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में अहम भूमिका निभाई उन्होंने परंपराओं का हवाला देते हुए कहा, “आज तक सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार उनके लिए निर्धारित अधिकृत स्मारक स्थलों पर किया गया है। यह न केवल उनके प्रति सम्मान का प्रतीक होता है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी उन्हें श्रद्धांजलि देने का अवसर प्रदान करता है।”
भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका सरासर अपमान किया गया है।
एक दशक के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री रहे, उनके दौर में देश आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी देश के…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 28, 2024
राहुल ने इस पर भी जोर दिया कि सरकार को मनमोहन सिंह के गौरवपूर्ण कार्यों और उनके समुदाय के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए था। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि इस निर्णय से डॉ. सिंह की महान विरासत को कम आंका गया है।
भाजपा का जवाब: ‘मृत्यु में गरिमा जरूरी है’
राहुल गांधी के इस बयान के तुरंत बाद भाजपा ने प्रतिक्रिया दी। पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर “शर्मनाक राजनीति” करने का आरोप लगाया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मृत्यु के समय गरिमा का ध्यान रखना जरूरी है, लेकिन कांग्रेस ने इसे राजनीतिक अवसर में बदल दिया है। यह भारत की राजनीति में एक नया निचला स्तर है।”
पात्रा ने बताया कि कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया था कि डॉ. सिंह के सम्मान में एक स्मारक बनाया जाएगा। इस प्रस्ताव को कांग्रेस और मनमोहन सिंह के परिवार के साथ साझा भी किया गया था। पात्रा ने कहा कि दाह संस्कार में देरी नहीं की जा सकती थी, इसलिए निगमबोध घाट पर प्रक्रिया पूरी की गई।
#WATCH | Bhubaneswar | BJP MP Sambit Patra says, "This is a new low in politics of India, thanks to the Congress party. Due to the Congres party – we are here to have a press conference on the day when the last rites of the former prime minister were done… BJP believes that… pic.twitter.com/8rcyezjK5a
— ANI (@ANI) December 28, 2024
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
गृह मंत्रालय ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह के नाम पर स्मारक बनाने की प्रक्रिया पहले से ही विचाराधीन थी। मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि कैबिनेट की बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया था कि स्मारक के लिए जगह आवंटित की जाएगी।
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि, “स्मारक बनाने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी होने में समय लगता है, लेकिन दाह संस्कार तत्काल प्रक्रिया है। यह निर्णय सभी संबंधित पक्षों से चर्चा के बाद लिया गया था।”
सरकार ने कांग्रेस के आरोपों को “गैर-जरूरी राजनीति” करार दिया और कहा कि यह राष्ट्रीय शोक की भावना का अपमान है। भाजपा ने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति करने से बचे।
स्मारक निर्माण की प्रक्रिया
सरकार ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मारक बनाने के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाता है और इसके लिए निर्धारित नियमों का पालन करना होता है। गृह मंत्रालय ने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से की जाएगी। स्मारक के निर्माण का उद्देश्य न केवल मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देना होगा, बल्कि उनकी उपलब्धियों को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना भी होगा।
विपक्ष का आक्रामक रुख
राहुल गांधी के बयान के बाद कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर कराना सिख समुदाय और उनके योगदान का अपमान है। उन्होंने कहा, “सरकार उनके नाम पर 1,000 गज जमीन भी उपलब्ध नहीं करा सकी।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह, जो एक दशक तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भारत को स्थिरता प्रदान की, उनके अंतिम संस्कार के लिए सरकार अधिकृत स्थान प्रदान नहीं कर सकी।”
भाजपा की रणनीति
भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों को सिरे से खारिज किया और राहुल गांधी को निशाने पर लिया। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस दुख के इस समय को राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रही है। भाजपा ने राहुल गांधी के बयान को “अनावश्यक और शर्मनाक” बताते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय एकता और सम्मान की भावना के खिलाफ है।
जनता और राजनीतिक दृष्टिकोण
इस पूरे घटनाक्रम ने जनता के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉ. मनमोहन सिंह, जो अपने शांत और स्थिर नेतृत्व के लिए जाने जाते थे, के अंतिम संस्कार को लेकर उपजे विवाद ने उनकी स्मृति को राजनीति के केंद्र में ला दिया है। जहां कांग्रेस इसे सरकार की चूक बता रही है, वहीं भाजपा इसे संवेदनशीलता का पालन मान रही है
प्रभात भारत विशेष
डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर उभरा यह विवाद भारतीय राजनीति में एक नए स्तर की बहस का प्रतीक बन गया है। उनकी विरासत और सम्मान को लेकर दोनों पक्ष अपनी-अपनी राजनीति कर रहे हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में एक महान नेता की स्मृति कहीं खोती हुई दिख रही है। अब यह देखना होगा कि स्मारक निर्माण और इस विवाद के समाधान के लिए सरकार क्या कदम उठाती है।