
नोएडा 25 दिसंबर। हरी शंकर मिश्रा, जो पीसीएस से प्रमोट होकर 2014 में आईएएस बने थे, का 11 जुलाई, 2024 को निधन हो गया। वह लंबे समय से लिवर की बीमारी से पीड़ित थे और गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी मौत के बाद उनकी 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां विवाद का केंद्र बन गईं।
मिश्रा की संपत्तियों में नोएडा, लखनऊ, और कुशीनगर में कुल 11 अचल संपत्तियां शामिल हैं। इनमें नोएडा के सेक्टर-62 और सेक्टर-66 में दो महंगे प्लॉट भी हैं, जिनकी कीमत करीब 15 करोड़ रुपये आंकी गई है। उनकी मौत के बाद इन संपत्तियों को लेकर तीन महिलाओं ने अपने-अपने दावे पेश किए, जिससे यह मामला और जटिल हो गया।
पहला दावा: शीबा शिखा का मामला
हरी शंकर मिश्रा की मौत के कुछ ही दिनों बाद, एक 30 वर्षीय महिला शीबा शिखा ने नोएडा प्राधिकरण से संपर्क किया। उसने खुद को हरी शंकर की पत्नी बताते हुए शादी का प्रमाणपत्र और डेथ सर्टिफिकेट पेश किया। शीबा ने दावा किया कि उनका और हरी शंकर का विवाह 3 जुलाई, 2024 को हुआ था।
प्राधिकरण ने शीबा के दस्तावेजों को देखकर 4 दिसंबर, 2024 को नोएडा के सेक्टर-62 में स्थित आरएन-14 आवासीय भूखंड को उनके नाम ट्रांसफर कर दिया। इस भूखंड की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है। हालांकि, शीबा के शादी के प्रमाणपत्र की तारीख और हरी शंकर की मौत के बीच केवल आठ दिन का अंतर होने के कारण प्राधिकरण के अधिकारियों में संदेह पैदा हुआ।
दूसरा दावा: अनीता मिश्रा की एंट्री
शीबा शिखा के नाम पर संपत्ति ट्रांसफर होने के कुछ ही दिनों बाद, 23 दिसंबर, 2024 को 45 वर्षीय महिला अनीता मिश्रा ने प्राधिकरण से संपर्क किया। उन्होंने दावा किया कि हरी शंकर से उनकी शादी 27 साल पहले हुई थी और उनके दो बच्चे हैं—एक बेटा (24 वर्ष) और एक बेटी (23 वर्ष)।
अनीता ने शादी का प्रमाणपत्र, बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड और हरी शंकर का डेथ सर्टिफिकेट पेश किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संपत्ति ट्रांसफर में गड़बड़ी हो रही है। उनके दस्तावेजों को देखकर प्राधिकरण ने शीबा के नाम पर हुई ट्रांसफर को निरस्त कर दिया और सभी संपत्तियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी।
तीसरा दावा: बेटी का बयान और असली पत्नी का जिक्र
अभी यह विवाद सुलझा भी नहीं था कि एक और महिला, जिसने खुद को हरी शंकर मिश्रा की बेटी बताया, प्राधिकरण के दफ्तर पहुंची। उसने दावा किया कि उनकी मां, जो हरी शंकर की असली पत्नी हैं, कुशीनगर में बीमार हैं और प्राधिकरण आने में असमर्थ हैं।
उसने शादी का प्रमाणपत्र और डेथ सर्टिफिकेट पेश करते हुए कहा कि कुशीनगर की संपत्ति उनकी मां की देखरेख में है। इस युवती ने यह भी आरोप लगाया कि जो अन्य महिलाएं दावा कर रही हैं, वे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संपत्ति हड़पने की कोशिश कर रही हैं।
जांच और विवाद का कानूनी समाधान
ACEO का बयान और दस्तावेजों की जांच
नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि तीनों महिलाओं ने अपने-अपने दस्तावेज जमा किए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है। प्राधिकरण ने सभी संपत्तियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है और अदालत से उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
वंदना त्रिपाठी ने कहा, “अब संपत्तियों का ट्रांसफर तभी होगा, जब संबंधित व्यक्ति ब्लड रिलेशन साबित करने वाला कोर्ट सर्टिफिकेट पेश करेगा।” उन्होंने बताया कि दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया करीब 10 दिनों में पूरी होने की उम्मीद है।
साजिद पर अनीता के आरोप
अनीता मिश्रा ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि सेक्टर-62 के जिस प्लॉट पर पीजी (पेयिंग गेस्ट) संचालित किया जा रहा है, उसमें साजिद नामक व्यक्ति का दखल है। अनीता ने आरोप लगाया कि साजिद इस संपत्ति को हड़पने की कोशिश कर रहा है और प्राधिकरण में गड़बड़ी करवा रहा है।
अनीता का यह आरोप मामले को और उलझा देता है, क्योंकि यह संपत्ति विवाद केवल पारिवारिक दावे तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि इसमें बाहरी व्यक्तियों की भूमिका भी उजागर हो रही है।
फर्जीवाड़े की संभावना और कानूनी पेंच
तीनों महिलाओं द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों में कई विसंगतियां सामने आई हैं। शीबा शिखा के शादी के प्रमाणपत्र की तारीख हरी शंकर की मौत से केवल आठ दिन पहले की है, जबकि अनीता का दावा है कि उनकी शादी 27 साल पहले हुई थी और उनके पास बच्चों के दस्तावेज भी हैं।
तीसरी महिला ने दावा किया कि वह हरी शंकर की बेटी है और असली पत्नी बीमार हैं। इन सभी बयानों और दस्तावेजों ने प्राधिकरण के सामने एक जटिल स्थिति खड़ी कर दी है।
हरी शंकर की संपत्तियों का आकलन
हरी शंकर मिश्रा के नाम पर कुल 11 संपत्तियां दर्ज हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 50 करोड़ रुपये आंकी गई है। इन संपत्तियों में नोएडा, लखनऊ और कुशीनगर की अचल संपत्तियां शामिल हैं।
विशेष रूप से नोएडा के सेक्टर-62 और सेक्टर-66 में दो प्रमुख प्लॉट हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 15 करोड़ रुपये है। नोएडा की संपत्तियों को लेकर विवाद अधिक है, क्योंकि इनकी कीमत और लोकेशन बेहद आकर्षक हैं।
नियमों का सख्ती से पालन
ACEO वंदना त्रिपाठी ने स्पष्ट किया है कि प्राधिकरण अब संपत्तियों का ट्रांसफर बिना कोर्ट के प्रमाणपत्र के नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इस विवाद का समाधान कानूनी प्रक्रिया से ही होगा।
प्रभात भारत विशेष
हरी शंकर मिश्रा की मौत के बाद उनकी संपत्तियों को लेकर तीन महिलाओं के दावों ने न केवल कानूनी विवाद खड़ा किया है, बल्कि यह सवाल भी उठाया है कि क्या संपत्ति विवाद के पीछे लालच और फर्जीवाड़ा है।
नोएडा प्राधिकरण की सख्त जांच और अदालत से प्रमाणपत्र की अनिवार्यता इस मामले में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने का प्रयास है। हालांकि, इस विवाद का अंतिम समाधान जांच और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही संभव हो पाएगा।