
गोंडा 24 दिसंबर। शहर के एक नर्सिंग होम में काम करने वाली स्टाफ नर्स के साथ उसके ही सहकर्मी द्वारा दुष्कर्म किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़िता का आरोप है कि घटना के बाद जब उसने न्याय पाने के लिए महराजगंज चौकी पर शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने आरोप को गंभीरता से लेने के बजाय समझौते का रास्ता अपनाया और आरोपी को बचाने की कोशिश की।
पीड़ित नर्स ने बताया कि घटना नर्सिंग होम परिसर में स्थित मेडिकल स्टोर के ऊपर बने कमरे में हुई। आरोपी मोहम्मद रहीश, जो उसी नर्सिंग होम में काम करता है, ने उसे किसी बहाने से कमरे में बुलाया और उसके साथ जबरदस्ती की। जब उसने इसका विरोध किया तो आरोपी ने उसकी पिटाई भी की। पीड़िता के मुताबिक, इस घटना के बाद वह मानसिक और शारीरिक रूप से टूट चुकी थी और न्याय की उम्मीद लेकर महराजगंज पुलिस चौकी पहुंची।
हालांकि, पीड़िता का आरोप है कि वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उसकी शिकायत दर्ज करने की बजाय उसे शादी के लिए आरोपी से समझौता करने का दबाव बनाया। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उसने मजबूर होकर एसपी गोंडा, विनीत जायसवाल से गुहार लगाई।
एसपी की सख्ती के बाद मामला दर्ज
पीड़िता की शिकायत सुनने के बाद एसपी ने महराजगंज पुलिस चौकी को कड़ी फटकार लगाई और तत्काल मामले की जांच करने और रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद नगर कोतवाली पुलिस ने आरोपी मोहम्मद रहीश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार मिश्र ने जानकारी दी कि आरोपी मोहम्मद रहीश, जो तरबगंज थाना क्षेत्र के पेरे बढ़नापुर का निवासी है, के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन भी दिया गया है।
पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस घटना ने न केवल नर्सिंग होम के सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर चिंताएं पैदा की हैं। दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध में एफआईआर दर्ज करने के बजाय समझौता कराने की कोशिश पुलिस की लापरवाही और महिला सुरक्षा के प्रति उदासीनता को दर्शाती है।
महिला सुरक्षा का सवाल
गोंडा जिले में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पीड़ित नर्स का मामला कोई अकेला नहीं है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि महिला सुरक्षा के लिए जिम्मेदार संस्थाएं अक्सर अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास करती हैं।
महराजगंज चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका इस मामले में बेहद संदेहास्पद है। पीड़िता के बयान के अनुसार, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय उसे शादी के लिए समझौता करने का दबाव बनाया। यह न केवल कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि पीड़िता के अधिकारों का भी हनन है।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रश्न
घटना एक नर्सिंग होम परिसर में हुई, जो कि आम जनता के स्वास्थ्य और देखभाल का केंद्र है। ऐसी जगह पर कर्मचारियों के बीच अपराध होना दर्शाता है कि नर्सिंग होम प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लापरवाह है।
स्थानीय नागरिकों ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि नर्सिंग होम प्रशासन को अपने कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच और परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करना चाहिए।
एसपी विनीत जायसवाल की सक्रियता
घटना के बाद एसपी विनीत जायसवाल द्वारा मामले को गंभीरता से लेना और पुलिसकर्मियों को फटकार लगाना उनकी सक्रियता को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि दुष्कर्म जैसे मामलों में कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। पुलिस प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे मामलों में तुरंत और निष्पक्ष कार्रवाई हो।
विशेषज्ञों का कहना है कि महिला सुरक्षा के लिए पुलिस व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। महिला हेल्पलाइन नंबरों की जागरूकता और पुलिस स्टेशनों में महिला कर्मचारियों की उपस्थिति से ऐसे मामलों में बेहतर ढंग से कार्रवाई की जा सकती है।