
गोंडा 23 दिसंबर। जिले में डीएम नेहा शर्मा की त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई से ग्राम बहलोलपुर की शिवकुमारी देवी का घर पांच साल बाद रोशन हो गया। यह घटना प्रशासनिक तत्परता और आमजन की समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। शिवकुमारी देवी, जो 2019 से बिजली कनेक्शन की समस्या से जूझ रही थीं, अंततः जिलाधिकारी के हस्तक्षेप से न्याय पाने में सफल रहीं।
पांच वर्षों की लंबी लड़ाई
शिवकुमारी देवी ने 17 जुलाई 2018 को एक किलोवाट बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद बिजली विभाग ने पास के विद्युत पोल से उनके घर तक तार खींचकर कनेक्शन जोड़ा और आपूर्ति शुरू की। लेकिन, स्थानीय विवाद के कारण यह प्रयास विफल हो गया। पड़ोस के एक परिवार ने उनके घर तक खींचे गए तारों को काट दिया और आपूर्ति ठप कर दी।
शिवकुमारी और उनके परिवार ने कई बार संबंधित विभाग और अधिकारियों से अपनी समस्या के समाधान की गुहार लगाई। लेकिन उनकी शिकायतें हर बार अनसुनी कर दी गईं। वर्षों तक अंधेरे में रहने के बावजूद उनकी उम्मीदें बनी रहीं।
जिलाधिकारी की हस्तक्षेप से मिली राहत
हाल ही में, यह मामला जिलाधिकारी नेहा शर्मा के संज्ञान में आया। डीएम ने तुरंत इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और बिजली विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिवकुमारी के घर तक बिजली कनेक्शन जल्द से जल्द बहाल किया जाए। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि इस मामले में कोई देरी न हो और पीड़िता को न्याय मिले।
बिजली विभाग की त्वरित कार्रवाई
डीएम के निर्देश के बाद, बिजली विभाग की टीम ने विवादित स्थल से हटकर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शिवकुमारी देवी के घर तक नई लाइन खींची और बिजली आपूर्ति शुरू कर दी। इस त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप, पांच साल से अंधेरे में रहने वाला शिवकुमारी का घर रोशनी से भर गया।
पीड़ित परिवार का आभार
शिवकुमारी देवी के पुत्र अवनीश तिवारी ने जिलाधिकारी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “पांच साल से हम अंधेरे में जी रहे थे। कई बार अधिकारियों के पास गए, लेकिन किसी ने हमारी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। जिलाधिकारी ने हमारी बात सुनी और तुरंत मदद की। आज हमारा घर रोशनी से भर गया है। हम उनके आभारी हैं।”
अवनीश के अनुसार, डीएम नेहा शर्मा न केवल एक प्रशासनिक अधिकारी हैं, बल्कि जनता की समस्याओं को समझने वाली संवेदनशील शख्सियत भी हैं। उनकी सक्रियता ने यह साबित कर दिया कि प्रशासन जब चाहे, तो आमजन की समस्याओं का समाधान कितनी जल्दी हो सकता है।
डीएम नेहा शर्मा का बयान
डीएम नेहा शर्मा ने कहा, “प्रत्येक नागरिक को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना हमारा दायित्व है। बिजली जैसी आवश्यक सेवा से किसी को वंचित रखना अनुचित है। जैसे ही मामला मेरे संज्ञान में आया, मैंने संबंधित विभाग को तुरंत निर्देशित किया। इस तरह की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।”
अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक उदाहरण
डीएम नेहा शर्मा की त्वरित कार्रवाई ने प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक मिसाल पेश की है। यह घटना न केवल उनकी कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि जब अधिकारी जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देते हैं, तो परिणाम कैसे सकारात्मक होते हैं।
स्थानीय विवाद का अंत
शिवकुमारी के मामले में स्थानीय विवाद भी एक बड़ी बाधा थी। पड़ोसियों द्वारा बार-बार तार काटने और आपूर्ति रोकने से समस्या बढ़ती रही। लेकिन जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद, विवाद समाप्त हो गया। बिजली विभाग ने नई लाइन खींचकर विवादित स्थल से हटकर समाधान निकाला।
बिजली विभाग की प्रतिक्रिया
बिजली विभाग के अधिकारियों ने भी डीएम के निर्देश पर तुरंत कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित किया कि समस्या का समाधान प्रभावी और स्थायी रूप से हो। विभाग ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसे मामलों को प्राथमिकता के साथ हल किया जाएगा।
घटना का व्यापक प्रभाव
यह घटना गोंडा जिले में प्रशासनिक प्रणाली की प्रभावशीलता और जनता के प्रति उसकी जवाबदेही को उजागर करती है। शिवकुमारी देवी का मामला उन सैकड़ों लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपनी समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
जिलाधिकारी ने बढ़ाया प्रशासन पर विश्वास
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई ने न केवल शिवकुमारी देवी के जीवन को बदला, बल्कि यह भी साबित किया कि प्रशासनिक मशीनरी में अभी भी बदलाव लाने की क्षमता है। ऐसे प्रयास जनता का विश्वास बढ़ाने में मददगार होते हैं।
इस घटना के बाद, डीएम ने यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि जिले में बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी शिकायतों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने बिजली विभाग को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों की निगरानी की जाए और जनता को राहत दी जाए।
प्रभात भारत विशेष
गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सक्रियता और संवेदनशीलता ने एक बार फिर यह साबित किया कि जब प्रशासन जनता के साथ खड़ा होता है, तो बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है। पांच वर्षों तक बिजली के लिए संघर्ष करने वाली शिवकुमारी देवी के घर रोशनी पहुंचाने का यह मामला प्रशासनिक कर्तव्यनिष्ठा और जनसेवा का आदर्श उदाहरण बन गया है।
इस घटना ने न केवल शिवकुमारी देवी के जीवन को बदला, बल्कि यह संदेश भी दिया कि जब जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी जाती है, तो प्रशासनिक व्यवस्था समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा का यह कदम अन्य अधिकारियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गया है।