
फिरोजाबाद, 22 दिसंबर। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर किसानों के मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा जानबूझकर जनता का ध्यान भटकाने के लिए पुरातात्विक खुदाई जैसे विषयों को बढ़ावा दे रही है। यह बयान उस समय आया जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने संभल जिले के चंदौसी क्षेत्र में एक प्राचीन बावड़ी का पता लगाया।
जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली इस ऐतिहासिक बावड़ी की खोज की पुष्टि की। इसमें संगमरमर से सजे फर्श और चार बड़े कक्ष मौजूद हैं। सपा प्रमुख ने इस खोज पर सवाल उठाते हुए कहा कि “इस तरह की गतिविधियां कानून का उल्लंघन करती हैं, क्योंकि पूजा स्थल अधिनियम इस प्रकार की खुदाई पर रोक लगाता है। यह महज ध्यान भटकाने की एक चाल है।”
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “खुदाई से रास्ता नहीं निकलेगा। भाजपा किसानों की समस्याओं से बचने के लिए ऐसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जब देश के किसानों को डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) जैसे आवश्यक उर्वरकों की आवश्यकता थी, तब सरकार विफल रही। किसानों को बीज, उर्वरक, और सिंचाई सुविधाएं समय पर उपलब्ध नहीं हो रही हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में बिजली और दवाओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। इससे कृषि लागत बढ़ रही है और किसानों की मुनाफे की संभावनाएं लगातार घट रही हैं। “अगर कोई किसान फसल उगाने और काटने में सफल भी हो जाए, तो उसे यह नहीं पता होता कि वह अपनी फसल को उचित मूल्य पर कहां बेचे। सरकार केवल जुमलेबाजी कर रही है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है,”
किसानों का आंदोलन और एमएसपी की मांग
पंजाब-हरियाणा की सीमा पर खनौरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 314वें दिन में प्रवेश कर गया। किसान 13 फरवरी 2024 से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकारों पर उनके मुद्दों की अनदेखी का आरोप लगाया। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) एकता उग्राहां के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “यह सरकार केवल बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। किसानों के हक और उनकी मांगों को दरकिनार किया जा रहा है।”
प्रदर्शन के दौरान हाल ही में तब तनाव बढ़ गया जब किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल खनौरी सीमा पर बेहोश हो गए। वह 20 दिनों से आमरण अनशन पर थे। दल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के बावजूद किसानों का आंदोलन जारी है। पंधेर ने सभी नागरिकों से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर एकत्र होकर किसानों का समर्थन करने की अपील की।
किसानों की मुख्य मांग है कि सरकार एमएसपी के लिए गारंटी कानून बनाए। इसके अतिरिक्त, वे उर्वरकों और कीटनाशकों की बढ़ती कीमतों, सिंचाई के लिए पानी की कमी, और कृषि ऋण माफ करने जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
किसानों के इस आंदोलन ने केंद्र और राज्य सरकारों पर बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे पीछे नहीं हटेंगे। दूसरी ओर, सरकार ने अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
प्रभात भारत विशेष
जहां एक ओर पुरातात्विक खुदाई जैसे मुद्दों पर भाजपा सरकार अपना ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं दूसरी ओर देश का किसान बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहा है। अखिलेश यादव ने इन दोनों घटनाओं को जोड़कर सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में सरकार इन मुद्दों पर क्या रुख अपनाती है।