
दिल्ली/लखनऊ, 18 दिसंबर। राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने संसद में संविधान पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को भारतीय संविधान की “सर्वश्रेष्ठ अवस्था” की ओर अग्रसर करने वाला बताया। उन्होंने भारतीय संविधान को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की महान कृति और सामाजिक परिवर्तन व राष्ट्र निर्माण का शक्तिशाली उपकरण कहा। साथ ही विपक्ष, खासकर कांग्रेस पार्टी पर तीखे प्रहार किए।
डॉ. शर्मा ने कहा कि “आज जो लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं, वही लोग अतीत में इसे बार-बार चोट पहुंचाने के दोषी हैं।” उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आरक्षण को समाप्त करने की मंशा पहले ही विदेशी मंचों पर जाहिर कर चुकी है। उन्होंने इसे कांग्रेस की “विदेशी सोच” का परिणाम बताते हुए कहा कि ऐसे लोग भारत में राष्ट्रवाद का पनपना बर्दाश्त नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, “विदेश जाकर देश की बदनामी करना, और विकास की पटरी से उसे उतारने का प्रयास करना कांग्रेस और विपक्ष का एकमात्र उद्देश्य रह गया है। इनके नेता भारत को शक्तिहीन बनाने की मंशा से काम कर रहे हैं।”
गांधी परिवार और आपातकाल का जिक्र
डॉ. शर्मा ने गांधी परिवार पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि उनके पूर्वजों का इतिहास संविधान की मर्यादा को बार-बार तार-तार करने का रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के परदादा ने सरकारों को गिराने की परंपरा शुरू की, जबकि उनकी दादी ने देश पर आपातकाल थोपकर संविधान को अपमानित किया। “आपातकाल ने देश में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की। जबरन नसबंदी कराई गई, और संवैधानिक व्यवस्थाओं को नष्ट किया गया।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सामाजिक न्याय के मुद्दों पर भी संविधान का दुरुपयोग किया। “मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने में कांग्रेस सरकारों ने जानबूझकर देरी की, जबकि पिछड़ों और दलितों को उनके अधिकार भाजपा के शासन में ही मिले,” उन्होंने कहा।
महिला अधिकारों और नारी सशक्तिकरण पर जोर
डॉ. शर्मा ने शाहबानो मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने महिला अधिकारों का हनन किया। इसके विपरीत, प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं को नीति निर्माण में भागीदारी दी है। “आज उनकी आंखों में नए सपने हैं।” उन्होंने भारत के संविधान में रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीर को नारी सशक्तिकरण का प्रतीक बताया।
अटल बिहारी वाजपेयी और मोदी सरकार की भूमिका
डॉ. शर्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी को “संविधान की पवित्रता सुनिश्चित करने वाला नेता” बताया। उन्होंने कहा कि अटल जी के समय में क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व देने और उन्हें आठवीं अनुसूची में शामिल करने का काम शुरू हुआ। “संविधान के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए खाली पड़े पदों को भरने का मार्ग प्रशस्त करने में अटल जी का अहम योगदान रहा।”
उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर विपक्ष के आरोप बेबुनियाद हैं। “जीएसटी की नींव अटल जी के समय में रखी गई, जिसे मोदी सरकार ने मूर्त रूप दिया। आज इससे राजस्व में वृद्धि हुई और देश में विकास की नई गाथा लिखी गई।”
विपक्ष की नीतियों पर हमला और मोदी सरकार की प्रशंसा
डॉ. शर्मा ने विपक्ष पर संविधान के प्रति नकारात्मक सोच रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने समय-समय पर संविधान को कमजोर करने का काम किया है। “कांग्रेस के शासनकाल में कई बार संविधान की धज्जियां उड़ाई गईं। उनके नेता संविधान की हत्या में शामिल रहे हैं।”
संविधान की आत्मा: समानता, न्याय और बंधुत्व
डॉ. शर्मा ने बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा कि संविधान तभी प्रभावी हो सकता है जब समाज समानता, न्याय और बंधुत्व के मूल्यों को आत्मसात करे। “संविधान समाज की आत्मा है। वर्तमान सरकार ने इन मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।”
राज्यों के साथ बेहतर तालमेल
डॉ. शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार राज्यों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों को अधिक राजस्व की प्राप्ति हो रही है, जिससे उनके विकास को गति मिली है। “संविधान का सम्मान करना और उसे बनाए रखना मोदी सरकार की प्राथमिकता है।”
कांग्रेस की नीतियों की आलोचना
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान का दुरुपयोग करते हुए कई बार देश को नुकसान पहुंचाया। “आपातकाल के दौरान संविधान में बिना नियम-कायदे के अनुचित संशोधन किए गए। संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर किया गया।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास संविधान विरोधी नीतियों से भरा पड़ा है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस की बाबा साहेब अंबेडकर विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया। “कांग्रेस और विपक्ष के झूठे नैरेटिव को जनता अब माफ नहीं करेगी। विधानसभा चुनावों में पराजय के बाद विपक्ष बौखला गया है और अब वह झूठ का सहारा लेकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है।”
संविधान और राष्ट्रवाद का आपसी संबंध
डॉ. शर्मा ने संविधान और राष्ट्रवाद के आपसी संबंध पर जोर देते हुए कहा कि “विदेशी सोच रखने वालों को भारत में राष्ट्रवाद का पनपना रास नहीं आता। वे विदेश जाकर देश की बदनामी करते हैं और विकास को बाधित करने का प्रयास करते हैं।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रवाद को मजबूती मिली है।
प्रभात भारत विशेष
डॉ. दिनेश शर्मा के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संविधान अपने सर्वोत्तम स्वरूप की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, को संविधान विरोधी नीतियों के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वर्तमान सरकार संविधान की आत्मा को सजीव रखते हुए समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित कर रही है। उनका मानना है कि विपक्ष का झूठा प्रचार अब जनता के सामने आ चुका है, और वह इसे स्वीकार नहीं करेगी।