
साइबर फ्रॉड रोकने की अनोखी पहल
गोंडा 12 दिसंबर। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल की पहल “ऑपरेशन साइबर कवच” ने जिले में साइबर अपराधों से बचाव के लिए एक नई राह खोली है। इस पहल के तहत गोंडा जिले के स्कूल, कॉलेज, और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों में छात्रों को साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जागरूक और प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस अभियान में छात्रों को “साइबर वॉलिंटियर” के रूप में तैयार किया जा रहा है, जो न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार और समुदाय को भी साइबर अपराधों से बचाने में मदद करेंगे।
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने इस अभियान का उद्देश्य बताते हुए कहा, “आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध एक गंभीर चुनौती बन गया है। हम लोगों को जागरूक और सशक्त बनाकर ही इन अपराधों को रोक सकते हैं। इस अभियान का मकसद है कि हर व्यक्ति साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक हो और अपराधियों के जाल से बच सके।”
साइबर वॉलिंटियर की भूमिका
ऑपरेशन साइबर कवच के तहत छात्रों को साइबर वॉलिंटियर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन वॉलिंटियर को यह सिखाया जा रहा है कि:
1. साइबर अपराध क्या है और यह कैसे होता है।
2. साइबर अपराध से बचने के तरीके।
3. यदि किसी के साथ साइबर अपराध हो जाए तो उसे शिकायत कैसे करनी चाहिए।
4. सहायता प्राप्त करने के लिए क्या-क्या कदम उठाने चाहिए।
साइबर वॉलिंटियर का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि लोग अपने बैंक खातों, डिजिटल वॉलेट्स, सोशल मीडिया अकाउंट्स, और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सतर्क रहें।
साइबर क्राइम के तरीके और बचाव के उपाय
साइबर क्राइम के मुख्य प्रकार
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि साइबर क्राइम के कई प्रकार हैं, जिनमें सबसे आम हैं:
1. फिशिंग (Phishing):
अपराधी नकली वेबसाइट या ईमेल के जरिए संवेदनशील जानकारी, जैसे बैंक डिटेल्स या पासवर्ड, चुराने की कोशिश करते हैं।
2. विषाणु हमले (Malware Attacks):
डिवाइस में वायरस या मालवेयर डालकर डेटा चोरी या डिवाइस को लॉक किया जाता है।
3. सोशल मीडिया फ्रॉड:
फर्जी प्रोफाइल बनाकर धोखाधड़ी करना या ब्लैकमेल करना।
4. ओटीपी फ्रॉड:
अपराधी नकली कॉल या मैसेज के जरिए ओटीपी (One Time Password) मांगकर बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते हैं।
5. फर्जी लॉटरी और इनाम:
लोगों को नकली इनाम या लॉटरी का लालच देकर उनसे पैसे ऐंठे जाते हैं।
6. फर्जी लिंक और ऐप:
नकली लिंक या एप्लिकेशन के जरिए लोगों को जाल में फंसाना।
साइबर अपराध से बचने के उपाय
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने साइबर अपराध से बचने के लिए चार मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया:
1. सतर्कता:
किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अज्ञात नंबर से आए मैसेज या कॉल पर भरोसा न करें।
2. गोपनीयता बनाए रखें:
अपने बैंक डिटेल्स, पासवर्ड, और ओटीपी को कभी भी किसी से साझा न करें।
3. सुरक्षित सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें:
केवल आधिकारिक और विश्वसनीय वेबसाइट या ऐप डाउनलोड करें। एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें।
4. तुरंत शिकायत करें:
यदि कोई साइबर अपराध हो जाए, तो तुरंत पुलिस की साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं
पुलिस अधीक्षक जायसवाल ने कहा, “लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि साइबर अपराधी बेहद चतुर होते हैं और लोगों को धोखा देने के नए-नए तरीके अपनाते हैं। हमें सतर्क रहना होगा और किसी भी प्रकार के लालच या जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना होगा।”
साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता जरूरी
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। ऑपरेशन साइबर कवच के तहत जिला पुलिस का प्रयास है कि हर नागरिक साइबर अपराधों के प्रति सतर्क हो। उन्होंने बताया कि शिकायत दर्ज करने के लिए गोंडा पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर और एक ऑनलाइन पोर्टल भी उपलब्ध कराया है।
समुदाय को जोड़ने का प्रयास
इस पहल के जरिए गोंडा पुलिस ने न केवल छात्रों और उनके अभिभावकों को जागरूक किया है, बल्कि स्थानीय समाज को भी साइबर अपराधों के खिलाफ एकजुट होने का संदेश दिया है। साइबर वॉलिंटियर की मदद से गोंडा में साइबर अपराधों की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।
प्रभात भारत विशेष
ऑपरेशन साइबर कवच गोंडा पुलिस का एक अभिनव और प्रभावी प्रयास है। यह पहल न केवल साइबर अपराधों को रोकने में मदद करेगी, बल्कि समाज को डिजिटल सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक और सक्षम बनाएगी। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल की इस पहल से गोंडा जिले में साइबर सुरक्षा का एक मजबूत कवच तैयार हो रहा है, जो न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी सुरक्षित रखने में मदद करेगा।