आजकल सिंचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग में काम पाना है टेंडर डालना है तो योग्यता भी होनी चाहिए अब योग्यता क्या है वह जानने के लिए आपको नीचे पढ़ना पड़ेगा
ठेका लेना है तो योग्यता ये जान लो,
किसी जनप्रतिनिधि का आदमी पहचान लो।
सिंचाई और लोक निर्माण के काम में,
सिर्फ मैनेजमेंट से ही नाम कमाओ।
यहां टेंडर नियमों से नहीं चलता,
हर ठेके में मैनेजमेंट पलता।
बीस लोग, बीस फर्मों का जाल,
हर नाम पर खेलते गजब का खेल।
पत्नी, बेटे, भाई का सहारा,
गर्लफ्रेंड और सालों ने भी थामा प्याला।
फर्में बनती हैं परिवार के नाम,
हर ठेका होता उन्हीं के नाम।
कागजों में सब कुछ सही दिखाते,
सच के रास्ते को खूब दबाते।
जो ईमानदार हो, वह ठोकर खाए,
और मैनेजमेंट वाला मौज मनाए।
बाबा ने कहा था, ई-टेंडरिंग आएगी,
पारदर्शिता से हर योजना सजेगी।
पर यहां तो खुला खेल फर्रुखाबादी है,
भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखी जाती है।
हर टेंडर होता पहले ही तय,
जनता के सपनों पर चलती भय।
कागजों पर ही पारदर्शिता का नाम,
असल में होता बस भ्रष्टाचार का काम।
सिस्टम पर सवाल कौन उठाए?
जब हर गुनाह पर पर्दा डाले जाए।
सच और ईमान बस शब्द रह गए,
खुला खेल देख सब सह गए।

