
गोण्डा 9 दिसंबर। इटियाथोक क्षेत्र में एक बड़े धोखाधड़ी मामले का खुलासा हुआ है, जहां एक परिवार से 30 लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई। यह घटना हरैया झूमन गांव के निवासी अश्वनी जायसवाल के परिवार के साथ हुई, जिसमें उनके भाई विनय जायसवाल को भी चपेट में लिया गया। अश्वनी ने विपक्षी शुभम पाल और उनके परिवार पर संगठित ठगी का गंभीर आरोप लगाया है।
प्राथी अश्वनी जायसवाल के अनुसार, शुभम पाल, जो दुखहरणनाथ मंदिर के पीछे, आशीर्वाद कॉलोनी में निवास करता है, ने शेयर बाजार और जमीन में निवेश के नाम पर उन्हें और उनके भाई को बिजनेस पार्टनर बनने के लिए प्रलोभित किया। इस प्रक्रिया में शुभम ने अगस्त 2023 से फरवरी 2024 तक करीब 30 लाख रुपये निवेश के लिए प्राप्त किए।
ठगी की शुरुआत कैसे हुई:
अश्वनी ने बताया कि शुरुआत में शुभम ने उन्हें कुछ लाभ दिया ताकि उनका विश्वास जीत सके। शुभम ने यह दर्शाया कि यह निवेश बेहद फायदेमंद है और उनके पैसे सुरक्षित हैं। धीरे-धीरे शुभम ने इस भरोसे का फायदा उठाकर बड़ी रकम अपने कब्जे में कर ली।
धोखाधड़ी का पता लगने पर पीड़ित की परेशानी:
जब अश्वनी और उनके भाई को ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने शुभम से अपने पैसे लौटाने की मांग की। शुभम ने पहले तो पैसे लौटाने का आश्वासन दिया और समय मांगा। लेकिन धीरे-धीरे वह बहाने बनाने लगा और अंततः पैसे लौटाने से इनकार कर दिया।
धमकी और डर का माहौल:
अश्वनी का कहना है कि जब उन्होंने बार-बार पैसे लौटाने का दबाव बनाया, तो शुभम ने उन्हें धमकी दी। उसने कहा कि बार-बार पैसे मांगने पर वह उन्हें जान से मरवा देगा। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब अश्वनी को यह पता चला कि शुभम इस तरह की ठगी पहले भी कर चुका है।
1.5 करोड़ की संगठित ठगी, परिवार और सहयोगी भी शामिल
अश्वनी जायसवाल की शिकायत के आधार पर यह सामने आया कि शुभम पाल ने इसी तरह अन्य लोगों से भी ठगी की है। उन्होंने बताया कि शुभम ने अब तक लगभग 1.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। ठगी से प्राप्त धन का उपयोग शुभम ने अपनी संपत्ति बढ़ाने में किया।
संपत्तियों का ब्योरा:
अश्वनी के अनुसार, शुभम ने ठगी से 50 लाख रुपये की जमीन खरीदी और 1 करोड़ 20 लाख रुपये अपने डीमैट खाते में जमा किए हैं। यह साबित करता है कि शुभम ने इस ठगी को पूरी योजना के साथ अंजाम दिया।
परिवार और सहयोगियों की भूमिका:
अश्वनी ने यह भी आरोप लगाया है कि शुभम के परिवार के सदस्य और उसके एक मित्र भी इस साजिश में शामिल हैं। इनमें उसकी मां रीता पाल, पिता सुरेंद्र पाल, चाचा वीरेंद्र पाल और मित्र चंदन कश्यप शामिल हैं। चंदन कश्यप का वर्तमान पता लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय चौराहा, बस स्टेशन रोड, गोण्डा है।
ठगी का पेशेवर तरीका:
अश्वनी का कहना है कि शुभम और उसके सहयोगियों ने पेशेवर तरीके से ठगी को अंजाम दिया। शुरुआत में लाभ दिखाकर और निवेश का आकर्षक प्रस्ताव देकर लोगों का विश्वास जीतना, और फिर धीरे-धीरे रकम हड़पना उनकी रणनीति का हिस्सा था।
पीड़ित की न्याय की मांग:
अश्वनी ने गोण्डा पुलिस प्रशासन से अपील की है कि उनकी शिकायत को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने मांग की है कि शुभम और उसके परिवार से उनकी रकम वापस दिलवाई जाए और सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर प्राथमिक की दर्ज कर ली है।
प्रशासन और कानून व्यवस्था पर सवाल:
इस घटना ने न केवल गोण्डा जिले बल्कि पूरे क्षेत्र में ठगी के बढ़ते मामलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते ऐसे धोखाधड़ी मामलों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो अपराधियों के हौसले और बढ़ेंगे।
प्रशासन की जिम्मेदारी:
पुलिस प्रशासन और संबंधित विभागों को चाहिए कि वे ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करें। निवेशकों को जागरूक करना और ठगी से बचाने के उपाय करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
प्रभात भारत विशेष
अश्वनी जायसवाल का मामला ठगी के बढ़ते नेटवर्क और संगठित अपराध की गंभीरता को उजागर करता है। प्रशासन से अपेक्षा है कि इस मामले में न्याय दिलाने के लिए तेज और ठोस कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।