नई दिल्ली, 4 दिसंबर। कांग्रेस महासचिव और वायनाड से लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज केरल में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों के लिए त्वरित राहत की मांग करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उनके साथ कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और केरल के अन्य सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भी था। इस बैठक में उन्होंने वायनाड और अन्य प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का विस्तार से वर्णन करते हुए केंद्र सरकार से तत्काल मदद का अनुरोध किया।
प्रियंका गांधी ने बैठक के दौरान जोर देकर कहा कि इस त्रासदी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर निर्णय लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह न केवल केरल के लोगों के लिए, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर मानवीय मूल्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रियंका ने गृह मंत्री से आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए पर्याप्त धनराशि जारी करने की अपील की।
आपदा की विभीषिका और केंद्र की उदासीनता
वायनाड और उसके आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश और भूस्खलन ने कई परिवारों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं, फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, और सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई है। प्रियंका गांधी ने बताया कि इस आपदा के कारण कई परिवार पूरी तरह समाप्त हो गए हैं। कुछ बच्चों ने अपने माता-पिता और पूरे परिवार को खो दिया है।
प्रियंका गांधी ने कहा, “इस तरह की त्रासदी के समय में, अगर केंद्र सरकार पीड़ितों की मदद नहीं करती, तो इससे बहुत गलत संदेश जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था, जिससे लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि उन्हें केंद्रीय सहायता मिलेगी। लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।”
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को ज्ञापन सौंपा
प्रियंका गांधी और प्रतिनिधिमंडल ने न केवल गृह मंत्री अमित शाह, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में उन्होंने वायनाड और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में जारी संकट की ओर ध्यान आकर्षित किया और केंद्र से त्वरित राहत प्रदान करने का अनुरोध किया।
गृह मंत्री का आश्वासन
गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि गुरुवार शाम तक उन्हें इस मुद्दे पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्थिति का गंभीरता से मूल्यांकन करेगी और प्रभावितों को राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
प्रियंका गांधी का भावुक संदेश
बैठक के बाद प्रियंका गांधी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “यह समय राजनीति से ऊपर उठकर मानवीय पीड़ा को समझने का है। इस त्रासदी में कई बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने अपने पूरे परिवार को खो दिया है। ऐसे में अगर वे भारत सरकार से मदद की उम्मीद नहीं कर सकते, तो वे किसकी ओर जाएंगे?”
उन्होंने यह भी कहा कि यह समय केवल आर्थिक मदद देने का नहीं है, बल्कि पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने और उनके जीवन को पुनः स्थापित करने का है। “यह केवल केरल के लिए नहीं है; यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण स्थापित करने का अवसर है कि जब लोग संकट में हों, तो सरकारें कैसे प्रतिक्रिया दें,” प्रियंका गांधी ने कहा।
स्थानीय प्रशासन की सीमाएं और केंद्र की भूमिका
प्रियंका गांधी ने कहा कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने अपनी क्षमता के अनुसार राहत कार्यों को अंजाम दिया है, लेकिन इतनी बड़ी आपदा से निपटने के लिए उनके पास संसाधन सीमित हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सहायता के बिना प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और पुनर्निर्माण संभव नहीं है।
वायनाड के लोगों की उम्मीदें और निराशा
प्रियंका गांधी ने बताया कि वायनाड और आसपास के क्षेत्रों में लोग केंद्र सरकार की ओर से ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिली है। उन्होंने कहा, “लोगों को लगने लगा है कि उनकी पीड़ा को अनदेखा किया जा रहा है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को खराब कर रहा है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी चोट पहुंचा रहा है।”
प्रभात भारत विशेष
यह स्पष्ट है कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस के सांसदों का यह प्रयास केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि वायनाड और अन्य प्रभावित क्षेत्रों के पीड़ितों की आवाज को केंद्र तक पहुंचाने का है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केंद्र सरकार इस मामले में कितनी जल्दी कदम उठाती है।
वायनाड की त्रासदी ने एक बार फिर इस तथ्य को उजागर किया है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय आवश्यक है। प्रभावित लोगों को न केवल वित्तीय सहायता की आवश्यकता है, बल्कि उन्हें यह भरोसा दिलाने की भी जरूरत है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। यह समय है कि सरकार संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्रवाई करे ताकि वायनाड के लोग अपने जीवन को फिर से शुरू कर सकें।

