
औरैया, 4 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में बिधूना तहसील परिसर में आज शर्मनाक घटनाक्रम देखने को मिला, जब जमीनी विवाद के मामले में शांति भंग के आरोप में लाए गए आरोपी आपस में भिड़ गए। इस दौरान तहसील परिसर मानो अखाड़ा बन गया, जहां खुलेआम लात-घूंसे चले और कपड़े फट गए। चौंकाने वाली बात यह रही कि यह घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई, जो स्थिति को संभालने की कोशिश करती नजर आई लेकिन पूरी तरह से विफल रही।
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरोपियों को पुलिस शांति भंग के तहत लाकर एसडीएम कार्यालय ले जा रही थी, तभी किसी बात को लेकर उनमें कहासुनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि आरोपी एक-दूसरे पर टूट पड़े। इसके बाद पुलिस के सामने ही तहसील परिसर में मारपीट शुरू हो गई।
मारपीट का वीडियो वायरल
यह पूरी घटना वहां मौजूद लोगों ने अपने मोबाइल कैमरों में कैद कर ली। वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे आरोपी खुलेआम एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं और पुलिस के जवान उन्हें अलग करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस की इस लापरवाही ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना न केवल पुलिस की कार्यक्षमता पर सवाल उठाती है, बल्कि तहसील परिसर जैसे महत्वपूर्ण स्थान की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है।
प्रशासन की ओर से बयान
पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों को शांतिपूर्ण तरीके से तहसील लाया गया था, लेकिन उनके बीच अचानक झगड़ा शुरू हो गया। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और स्थिति को काबू में लाने की कोशिश की। हालांकि, इस मामले में दोबारा शांति भंग के तहत कार्रवाई की गई है।
जमीनी विवाद और प्रशासन की विफलता पर उठे सवाल
यह पूरा मामला बिधूना तहसील के क्षेत्र का है, जहां जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच पहले से ही तनाव चल रहा था। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह विवाद काफी पुराना है, जिसे लेकर दोनों पक्षों के बीच कई बार झगड़े हो चुके हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांति भंग के आरोप में तहसील बुलाया था, लेकिन यहां भी विवाद शांत होने के बजाय और भड़क गया।
तहसील परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
घटना ने तहसील परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। आमतौर पर तहसील परिसर को एक शांत और सुरक्षित जगह माना जाता है, लेकिन इस घटना ने साबित कर दिया कि यहां भी कानून-व्यवस्था का पालन कराने में प्रशासन विफल हो रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि तहसील परिसर में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
पुलिस और प्रशासन की आलोचना
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते विवाद को रोकने में सक्षम होती, तो ऐसी शर्मनाक घटना न होती। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर आरोपियों को आमने-सामने लाया, जिससे झगड़े की नौबत आई।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसडीएम बिधूना ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि तहसील परिसर में इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषी पक्षों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घटना से उठे बड़े सवाल
1. क्या पुलिस विवादित पक्षों को तहसील परिसर में लाकर सही कदम उठा रही थी?
2. तहसील परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
3. इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन की जवाबदेही कैसे तय की जाएगी?
प्रभात भारत विशेष
तहसील परिसर में खुलेआम हुई इस मारपीट की घटना ने न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जमीनी विवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पुलिस और प्रशासन को और अधिक सतर्कता और कड़े कदम उठाने की जरूरत है। अब देखना यह होगा कि वायरल वीडियो और जनता के आक्रोश के बाद प्रशासन इस मामले को कैसे संभालता है।