
अमृतसर 4 दिसंबर। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर स्वर्ण मंदिर परिसर में जानलेवा हमला करने की कोशिश ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। घटना उस समय हुई जब वह श्री हरमंदिर साहिब में धार्मिक सजा भुगतने और संगत का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। आरोपी ने अचानक उन पर गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता के कारण सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए। हमलावर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान डेरा बाबा नानक निवासी नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक संगठन दल खालसा से जुड़ा है। घटना के बाद से स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
पंजाब पुलिस ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह हमला व्यक्तिगत रंजिश थी या किसी बड़े राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा। घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गोली चलने की आवाज से संगत में दहशत फैल गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। सुखबीर बादल ने इस हमले को उनकी धार्मिक यात्रा बाधित करने का प्रयास बताते हुए कहा कि वह इससे डरने वाले नहीं हैं। शिरोमणि अकाली दल ने इसे सुरक्षा में बड़ी चूक करार दिया और पंजाब सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घटना की निंदा करते हुए पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, विपक्षी कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों ने भी इसे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने वाली घटना बताया है। घटना के बाद राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है, और स्वर्ण मंदिर जैसे महत्वपूर्ण स्थल पर सुरक्षा की चूक ने प्रशासन को चौकन्ना कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुखबीर सिंह बादल जैसे बड़े नेता पर हमला पंजाब की राजनीति में अस्थिरता का संकेत है और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत है। घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।