
लखनऊ 3 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों दल तुष्टीकरण की राजनीति में एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं और अपनी राजनीति बचाने के लिए समाज को अशांत करने का प्रयास कर रहे हैं। डॉ. शर्मा ने आरोप लगाया कि तुष्टीकरण की इस होड़ में सपा और कांग्रेस अल्पसंख्यकों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं, जबकि भाजपा ने सबको समान अधिकार देकर सभी वर्गों का विश्वास जीता है।
डॉ. शर्मा ने यह बयान उस समय दिया जब उनसे सपा के इस आरोप पर सवाल किया गया कि पुलिस भाजपा कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सपा हमेशा नाटक करती है। संभल जिले की स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां धारा 144 लागू है, जिसके तहत किसी भी राजनीतिक दल को जाने की अनुमति नहीं है। फिर भी सपा और कांग्रेस वहां जाने का नाटक कर रही हैं ताकि टेलीविजन और अखबारों में उनकी चर्चा हो। उन्होंने कहा, “संभल में कोई नई घटना नहीं हुई है, और वहां स्थिति शांत है। लेकिन ये दल समाज को अशांत करने का प्रयास कर रहे हैं।”
डॉ. शर्मा ने कहा कि संभल तो अब संभल चुका है, लेकिन हाल के उपचुनावों में करारी हार के बाद विपक्षी दल खुद संभल नहीं पा रहे हैं। उन्होंने सपा और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे उपचुनावों में अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं और अब झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “सपा और कांग्रेस के बीच मतभेद अब छिपे नहीं हैं। सपा अपने अल्पसंख्यक वोट बैंक को कांग्रेस में जाने से रोकने का प्रयास कर रही है, जबकि कांग्रेस सपा के इसी वोट बैंक पर सेंध लगाने की कोशिश में है। यह तुष्टीकरण की राजनीति का नया रूप है।”
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी उत्तर प्रदेश में एक क्षेत्रीय दल से भी छोटी बनकर रह गई है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं बचा है। वह केवल सपा के वोट बैंक को तोड़ने का प्रयास कर रही है।”
डॉ. शर्मा ने भाजपा की नीति की सराहना करते हुए कहा कि भाजपा ने सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए हैं, और यही कारण है कि अल्पसंख्यक अब भाजपा की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामपुर और कुंदरकी जैसे क्षेत्रों में, जहां अल्पसंख्यक मतदाता बड़ी संख्या में हैं, लोगों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया। उन्होंने कहा, “यह साफ है कि सपा और कांग्रेस को अल्पसंख्यकों के हितों से कोई मतलब नहीं है। वे सिर्फ अपने वोट बैंक के लिए झूठे भ्रम फैलाते हैं और दंगे कराते हैं।”
डॉ. शर्मा ने संभल की स्थिति पर सपा और कांग्रेस के बयानों को सरासर झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला न्यायालय में लंबित है और सरकार ने हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया है, जो इस मामले की जांच कर रहा है। आयोग की रिपोर्ट का इंतजार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस अपने झूठे आरोपों से माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर टिप्पणी करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि अखिलेश यादव भाजपा पर आरोप लगाने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव भाजपा से हार गए हैं। यहां तक कि वे कुंदरकी जैसी सीट पर भी हार गए, जहां अल्पसंख्यक मतदाता 65 प्रतिशत हैं। वे कांग्रेस या बसपा पर आरोप नहीं लगाएंगे, क्योंकि इन दलों पर आरोप लगाने से कोई फायदा नहीं है। लेकिन भाजपा पर आरोप लगाकर वे कम से कम चर्चा में बने रह सकते हैं।”
बांग्लादेश की स्थिति पर बात करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि बांग्लादेश अराजकता के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश कट्टरपंथियों, तालिबानियों और पाकिस्तानियों के चंगुल में फंस चुका है। वहां इस्कॉन के शांतिप्रिय लोगों और अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है।”
डॉ. शर्मा ने कांग्रेस और सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दलों ने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों पर एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने कहा, “ये दल अफगानिस्तान, फिलिस्तीन, बेरूत और लेबनान की बात तो कर सकते हैं, लेकिन बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति पर कुछ नहीं बोलते। इसका कारण यह है कि वहां के अल्पसंख्यक हिंदू उनका वोट बैंक नहीं हैं।”
डॉ. शर्मा ने सपा, बसपा, कांग्रेस और वामपंथी दलों पर आरोप लगाया कि वे अस्तित्व बचाने के लिए झूठे आरोप लगाकर चर्चा में बने रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “ये दल अब मुद्दों की राजनीति नहीं कर रहे हैं। उनकी कोशिश केवल यह है कि किसी भी तरह से मीडिया में उनकी चर्चा होती रहे।”
डॉ. शर्मा ने अंत में कहा कि जनता अब इन दलों की सच्चाई समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति सबको साथ लेकर चलने की है, और यही कारण है कि लोग भाजपा में विश्वास जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले दल अब हाशिए पर जा चुके हैं और जनता ने इन्हें नकार दिया है।