
नई दिल्ली, 29 नवंबर। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की एक अहम बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में देश के समक्ष खड़े प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान कांग्रेस ने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार, सांप्रदायिक राजनीति और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने जैसे गंभीर आरोप लगाए। इसके साथ ही, पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए संगठन को सशक्त बनाने और जनहित के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की रणनीति तैयार की।
मोदी सरकार पर तीखे प्रहार
कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखे प्रहार किए। हाल ही में एक बड़े उद्योगपति समूह से जुड़े भ्रष्टाचार के खुलासे पर चर्चा करते हुए कांग्रेस ने इसे प्रधानमंत्री के “निकटतम संबंधों” से जोड़ा और उनकी नैतिकता पर गंभीर सवाल खड़े किए। मणिपुर में महीनों से जारी हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी और राज्य का दौरा तक न करने को “राष्ट्रीय कर्तव्य से पलायन” करार दिया गया।
पार्टी ने भाजपा पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए सुनियोजित प्रयास करने का आरोप लगाया, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के घटनाक्रमों का हवाला देते हुए। कांग्रेस का मानना है कि इन घटनाओं से समाज में अस्थिरता बढ़ रही है, जो राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा बन सकती है।
सांप्रदायिक सौहार्द और पूजा स्थल अधिनियम पर जोर
बैठक में कांग्रेस ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस अधिनियम को देश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए, कांग्रेस ने भाजपा पर इसे कमजोर करने के प्रयास का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि यह कानून संविधान की भावना का प्रतिनिधित्व करता है और इसे कमजोर करने के किसी भी प्रयास को रोका जाएगा।
चुनाव परिणामों की समीक्षा और संगठनात्मक सुधार का संकल्प
चार प्रमुख राज्यों में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों और वायनाड उपचुनाव के परिणामों पर विचार करते हुए, कांग्रेस ने अपनी सफलता और असफलताओं दोनों का आकलन किया। वायनाड में प्रियंका गांधी वाड्रा की भारी जीत को कांग्रेस ने जनता और कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया।
झारखंड और जम्मू-कश्मीर में गठबंधन की सफलता को महत्वपूर्ण बताते हुए पार्टी ने जनता के समर्थन के प्रति आभार व्यक्त किया। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के अपने वादे को दोहराया और केंद्र सरकार से इस दिशा में तुरंत कदम उठाने की मांग की।
हालांकि, हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त की गई। कार्यसमिति ने हरियाणा में पार्टी की हार के लिए आंतरिक कमजोरियों और बाहरी हस्तक्षेप को जिम्मेदार ठहराया। महाराष्ट्र के नतीजों को “चौंकाने वाला” करार देते हुए, कांग्रेस ने इन परिणामों को “चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर” का परिणाम बताया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी राज्यों में संगठनात्मक ढांचे की गहन समीक्षा का ऐलान किया और कहा कि कमजोरियों को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे।
जनता से जुड़े मुद्दों पर कांग्रेस का एजेंडा
कांग्रेस कार्यसमिति ने भारत जोड़ो यात्रा और लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान उठाए गए मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। इन मुद्दों में जाति जनगणना को प्राथमिकता देते हुए, कांग्रेस ने इसे “पूर्ण सामाजिक न्याय” सुनिश्चित करने का एक आवश्यक कदम बताया। पार्टी ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा को हटाने की मांग की।
इसके अलावा, बढ़ती बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और अर्थव्यवस्था में एकाधिकार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का आह्वान किया गया। कांग्रेस का कहना है कि ये मुद्दे सीधे तौर पर जनता के जीवन को प्रभावित करते हैं और इनके समाधान के लिए सरकार की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
चुनावी प्रक्रिया और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
बैठक में चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में पक्षपात की झलक मिलती है, जिससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया खतरे में पड़ रही है। पार्टी ने चुनावी प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की।
कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि चुनावी धांधली और पक्षपात लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के लिए खतरनाक हैं। पार्टी ने सभी संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता और निष्पक्षता की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई।
राष्ट्रीय आंदोलन का ऐलान
कांग्रेस कार्यसमिति ने देश में बढ़ती सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक असमानताओं को लेकर “राष्ट्रीय आंदोलन” शुरू करने का निर्णय लिया। इस आंदोलन के तहत पार्टी जनता से सीधे संवाद करेगी और जनचिंताओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएगी।
पार्टी का मानना है कि यह आंदोलन न केवल जनता के मुद्दों को उजागर करेगा, बल्कि सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने में भी मदद करेगा। कांग्रेस कार्यसमिति ने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
भविष्य की रणनीति और संगठनात्मक मजबूती पर जोर
बैठक के अंत में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी को अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर जनता से जुड़ने के लिए पूरी ताकत झोंकनी होगी। उन्होंने कहा, “यह समय निराशा का नहीं, बल्कि नए उत्साह और जोश के साथ आगे बढ़ने का है।”
कार्यसमिति ने सभी राज्यों में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने, संगठन को एकजुट करने और अनुशासन बनाए रखने पर जोर दिया।
एकता और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ने की अपील
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि पार्टी हर परिस्थिति में देश के लोकतंत्र, संविधान और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यसमिति ने कहा कि यह समय चुनौतियों का सामना करने और जनता के साथ खड़े होने का है।
कांग्रेस ने यह भी स्वीकार किया कि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में पार्टी के लिए नई रणनीतियों और नीतियों की आवश्यकता है। कार्यसमिति ने विश्वास व्यक्त किया कि जनता के समर्थन से कांग्रेस इन चुनौतियों का सामना करेगी और देश में सकारात्मक बदलाव लाएगी।
प्रभात भारत विशेष
कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पारित यह प्रस्ताव न केवल पार्टी की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा को दर्शाता है, बल्कि देश के समक्ष खड़ी चुनौतियों पर भी प्रकाश डालता है। यह बैठक आने वाले दिनों में कांग्रेस की राजनीति और रणनीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।