खराब प्रदर्शन वाले विभागों को चेतावनी, सख्त निर्देश जारी
गोण्डा, 18 नवम्बर। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर प्रदर्शित विभागीय रैंकिंग और योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारी समझाते हुए, उनके प्रदर्शन को सुधारने के सख्त निर्देश दिए गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि योजनाओं की प्रगति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और खराब प्रदर्शन पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी ने प्रोजेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर प्रदर्शित रैंकिंग और प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की। इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), जल जीवन मिशन, फैमिली आईडी, पंचायत विभाग, विद्युत विभाग, पर्यटन विभाग, बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पशुपालन विभाग और अन्य विभागों की योजनाओं की स्थिति का आकलन किया गया।

एनआरएलएम की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने खराब प्रगति पर नाराजगी जाहिर की और बीएमएम कटरा बाजार, वजीरगंज और बभनजोत की सैलरी रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने डीसी एनआरएलएम जेएन राव को निर्देश दिया कि वे संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगें और प्रगति में सुधार सुनिश्चित करें।
जल जीवन मिशन में लापरवाही पर चेतावनी
जल जीवन मिशन के अंतर्गत योजनाओं की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संबंधित क्षेत्र के जेई और कार्यदायी संस्था को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजना में किसी भी स्तर पर लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।
फैमिली आईडी योजना पर विशेष निर्देश
फैमिली आईडी योजना की समीक्षा के दौरान भी जिलाधिकारी ने धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को तीन दिनों के भीतर प्रगति में सुधार लाने के निर्देश दिए, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यह योजना सीधे जनता से जुड़ी हुई है, और इसके क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निर्माण कार्यों में धीमी प्रगति पर नाराजगी
जिलाधिकारी ने निर्माण कार्यों की समीक्षा में अयोध्या सेतु निगम के प्रोजेक्टर मैनेजर पर नाराजगी जताई और उनकी सैलरी रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में निर्माण कार्यों की प्रगति धीमी होने से विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
सीएम डैशबोर्ड की नियमित निगरानी पर जोर
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी विभागों को मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि योजनाओं की रैंकिंग खराब न हो। विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि वे समय-समय पर योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें और किसी भी प्रकार की कमी को तुरंत दूर करें।
सख्त कार्यवाही की चेतावनी
जिलाधिकारी ने कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले विभागीय अधिकारियों को अब और ढील नहीं दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा, “आपको अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। छोटी से छोटी कमी को भी गंभीरता से लेते हुए अपनी रैंकिंग सुधारने पर ध्यान केंद्रित करें।”
उपस्थित अधिकारियों की भूमिका
इस समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, जिला विकास अधिकारी सुशील कुमार श्रीवास्तव, डीपीआरओ, जिला प्रोवेशन अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, सहायक पर्यटन अधिकारी वंदना पांडेय, एक्सईएन विद्युत राधेश्याम भाष्कर, और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। इन सभी को अपने-अपने विभागों के कार्यों की प्रगति रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करने और सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
विभागीय समन्वय और सुधार के निर्देश
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विभागीय समन्वय पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करना होगा ताकि जिले की रैंकिंग में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि “हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि जिले को विकास की दिशा में आगे ले जाएं। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर रैंकिंग हमारी प्राथमिकता है, और इसे बनाए रखने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा।”
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की इस सख्त समीक्षा बैठक का उद्देश्य विभागीय रैंकिंग और योजनाओं की प्रगति में सुधार लाना था। उनकी इस पहल से जिले के सभी विभागों में कार्यक्षमता बढ़ाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने की उम्मीद की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि योजनाओं की प्रगति में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह बैठक जिले में चल रही योजनाओं की प्रगति और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। इससे न केवल विभागीय रैंकिंग में सुधार होगा, बल्कि जिले के विकास कार्यों को भी गति मिलेगी।

