
गोंडा में अवैध बसों का संचालन और ट्रैफिक जाम: पुलिस और परिवहन विभाग में तालमेल की कमी से जनता परेशान
गोंडा 12 नवंबर। शहर में यातायात जाम की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। यह जाम खासतौर पर गुरु नानक चौक से लेकर एलबीएस चौराहे तक, गुरु नानक चौक से लेकर गुड्डू माल चौराहे तक, गुरु नानक चौक से लेकर आनंद डेरी तक के इलाके में हर दिन देखा जा सकता है। इस समस्या का मुख्य कारण अवैध रूप से चल रही यात्री बसें हैं, जो यात्रियों को भूसे की तरह भरकर ले जाती हैं और उनसे अत्यधिक किराया भी वसूलती हैं। ऐसा देखा गया है कि प्रशासन के आदेश और निर्देशों के बावजूद ये अवैध बसें बिना किसी डर के संचालित हो रही हैं। इस रिपोर्ट में हम इस समस्या के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करेंगे और जानेंगे कि अवैध बसों के संचालन पर रोक लगाने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं।
अवैध बसों का बढ़ता कारोबार
गोंडा शहर में अवैध रूप से संचालित बसों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। ये बसें गुरु नानक चौक, बस स्टेशन और अन्य प्रमुख चौराहों पर यात्रियों को भरती हैं, जो नियमित रूप से जाम की स्थिति पैदा करती हैं। इन बसों का संचालन अक्सर असुरक्षित और गैरकानूनी तरीकों से होता है, जहां यात्रियों की सुरक्षा को अनदेखा कर दिया जाता है। न केवल यात्रियों से अधिक किराया वसूला जाता है, बल्कि उनके साथ बदसलूकी की घटनाएं भी सामने आती हैं। यह अवैध परिवहन व्यवस्था गोंडा की सड़कों पर एक बड़ा खतरा बन चुकी है।
अधिकारियों के अनुसार, अवैध बसों का संचालन एक सुनियोजित तरीके से होता है जिसमें कई बार स्थानीय पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी पाई जाती है। ऐसे आरोप हैं कि कुछ पुलिसकर्मी अवैध बसों को संचालित होने देते हैं और उनकी गतिविधियों पर ध्यान नहीं देते। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, जब यातायात जाम के कारण आपातकालीन सेवाएं भी बाधित होती हैं।
जाम का प्रभाव: आम जनता पर गंभीर असर
गोंडा शहर में हर दिन सैकड़ों लोग ट्रैफिक जाम में फंसकर परेशान होते हैं। ये जाम न केवल रोजाना के जीवन को प्रभावित करते हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचाते हैं। समय पर न पहुंच पाने के कारण कई लोगों को काम, स्कूल, और अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर देरी होती है।
इस जाम के कारण शहर में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। वाहन चालकों को घंटों तक जाम में इंजन चालू रखना पड़ता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन का स्तर बढ़ जाता है। इससे न केवल वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है, बल्कि लोगों की सेहत पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों, और बीमार लोगों के लिए यह स्थिति बेहद कठिन हो जाती है।
प्रशासन और पुलिस विभाग की जिम्मेदारी
गोंडा के जिला प्रशासन और परिवहन विभाग का कहना है कि वे इस समस्या को लेकर गंभीर हैं। जिलाधिकारी का कहना है कि उन्होंने सख्त आदेश जारी किए हैं कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा संचालित बस स्टेशन के 500 मीटर के दायरे में किसी भी निजी बस को यात्रियों को भरने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है। प्रशासन द्वारा दावा किया गया है कि उन्होंने कई बार अवैध बसों के खिलाफ कार्रवाई की है और आगे भी कार्यवाही जारी रहेगी। हालांकि, यह कार्यवाही स्थायी समाधान देने में विफल रही है, क्योंकि कुछ ही दिनों के बाद अवैध बसें फिर से सड़कों पर दिखाई देने लगती हैं। क्योंकि इन ।की निगरानी करने वाले ही इनके सिपहसलार बन जाते हैं
पुलिस और परिवहन विभाग के बीच तालमेल की कमी
स्थानीय लोगों का मानना है कि पुलिस और परिवहन विभाग के बीच समन्वय की कमी इस समस्या के पीछे का बड़ा कारण है। गुरु नानक चौक पर एक पुलिस चौकी, एक ट्रैफिक चौकी बस स्टेशन पर भी एक पुलिस चौकी होने के बावजूद अवैध बसें वहां खुलेआम यात्रियों को भरती हैं। स्थानीय ट्रैफिक पुलिस के अलावा गुरु नानक चौकी के पुलिसकर्मी भी इस क्षेत्र में तैनात होते हैं, लेकिन वे भी अवैध गतिविधियों को रोकने में असफल रहते हैं।
कुछ स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि अवैध बसों का संचालन पुलिस की मिलीभगत से ही होता है। पुलिसकर्मी या तो अपनी ड्यूटी निभाने में उदासीन हैं या फिर अवैध बस संचालकों से सांठगांठ करके उन्हें जाम के मुख्य स्थलों पर यात्रियों को भरने की अनुमति दे देते हैं। इस मिलीभगत के कारण आम जनता को यातायात जाम और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम और उनकी विफलता
जिलाधिकारी और परिवहन विभाग का कहना है कि अवैध बसों के खिलाफ कई बार कार्यवाहियां की गई हैं। परिवहन विभाग ने जुर्माना वसूलने और वाहनों को जब्त करने जैसी कार्रवाई भी की है, लेकिन इसका कोई स्थायी समाधान निकलता दिखाई नहीं दे रहा है। अवैध बस संचालक कार्रवाई के बाद कुछ दिनों के लिए गायब हो जाते हैं, लेकिन कुछ समय बाद फिर से सक्रिय हो जाते हैं।
जनता की राय और सुझाव
इस समस्या को लेकर स्थानीय लोग बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि पुलिस विभाग को मिलकर सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि अवैध बसों का संचालन पूरी तरह से बंद हो सके। जनता का मानना है कि यदि अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी से करें और अवैध बस संचालकों पर कड़ी कार्रवाई करें तो जाम की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कुछ स्थानीय नागरिकों का सुझाव है कि प्रशासन को अवैध बसों के खिलाफ कठोर नियम लागू करने चाहिए और जुर्माने की राशि बढ़ानी चाहिए। इसके अलावा, ट्रैफिक पुलिस की निगरानी को और मजबूत करना चाहिए ताकि वे अवैध बसों को तुरंत रोक सकें। यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए, जिससे अवैध बसों के संचालन पर नियंत्रण किया जा सके।
समस्या का दीर्घकालिक समाधान
गोंडा में अवैध बसों के संचालन और जाम की समस्या का स्थायी समाधान पाने के लिए एक समन्वित योजना की आवश्यकता है। प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग को आपस में समन्वय बढ़ाकर और मिलकर इस समस्या से निपटना होगा। एक ठोस योजना के तहत अवैध बसों की नियमित जांच, उनके पंजीकरण की समीक्षा और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। इसके साथ ही जो प्राइवेट बस स्टेशन है वह शहर के बाहर एक जगह निश्चित किए जाने की जरूरत है।
इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान सिर्फ कड़ी कार्यवाही से नहीं, बल्कि लोगों की मानसिकता बदलने से भी होगा। अवैध बस संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाना भी जरूरी है ताकि लोग अवैध बसों के उपयोग से बचें। इसके अलावा, परिवहन विभाग को अपने सार्वजनिक परिवहन सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि लोग आसानी से वैध बसों का उपयोग कर सकें।
प्रभात भारत विशेष
गोंडा में अवैध बसों के संचालन और उससे उत्पन्न यातायात जाम की समस्या शहर की एक गंभीर चुनौती है। पुलिस और परिवहन विभाग के बीच तालमेल की कमी, और प्रशासन के आदेशों का पालन न होना, इस समस्या को और बढ़ा रहा है। अवैध बसों का संचालन न केवल जाम की स्थिति को बिगाड़ रहा है, बल्कि इससे शहर की यातायात व्यवस्था भी चरमरा रही है।
अतः यह आवश्यक है कि प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग एकजुट होकर इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएं। आम जनता भी इसमें अपनी भूमिका निभा सकती है, अवैध बसों का उपयोग न करके और प्रशासन को सहयोग देकर। तभी इस समस्या का स्थायी समाधान संभव है, और गोंडा के लोगों को यातायात जाम से राहत मिलेगी।