
नई दिल्ली 7 नवंबर। डोनाल्ड ट्रम्प की जीवन यात्रा, पारिवारिक इतिहास, व्यापारिक साम्राज्य के निर्माण से लेकर अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बनने तक की कहानी एक उल्लेखनीय और पेचीदा विषय है। उनकी कहानी में न्यूयॉर्क के रियल एस्टेट क्षेत्र से शुरू होकर वैश्विक राजनीति तक का सफर शामिल है, जो न केवल उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास को दर्शाता है बल्कि आधुनिक अमेरिकी राजनीति के कई पहलुओं पर भी प्रकाश डालता है।
शुरुआती जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
डोनाल्ड जॉन ट्रम्प का जन्म 14 जून, 1946 को क्वींस, न्यूयॉर्क में हुआ था। उनके पिता, फ्रेड ट्रम्प, एक प्रसिद्ध रियल एस्टेट डेवलपर थे, जिन्होंने क्वींस और ब्रुकलिन के कई इलाकों में आवासीय परिसरों का निर्माण किया। उनकी मां, मैरी ऐनी मैकलियोड, स्कॉटलैंड से अमेरिका आई थीं और घरेलू जीवन में गहरी आस्था रखती थीं। ट्रम्प के चार भाई-बहन हैं: मैरीएन ट्रम्प बैरी, जो एक संघीय न्यायाधीश रहीं; फ्रेडरिक ट्रम्प जूनियर, जिन्होंने परिवार के व्यवसाय में शामिल होने के बजाय पायलट का करियर चुना और असामयिक निधन को प्राप्त हुए; एलिजाबेथ ट्रम्प ग्रू, और रॉबर्ट ट्रम्प, जिन्होंने भी रियल एस्टेट में योगदान दिया।
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पिता से रियल एस्टेट उद्योग की बारीकियां सीखीं और उसी में अपना करियर बनाना शुरू किया। उनके पिता ने उन्हें अनुशासन और व्यापारिक समझ के कई पहलुओं से परिचित कराया, जिसने ट्रम्प के व्यक्तित्व पर गहरा असर डाला।
व्यवसायिक करियर और रियल एस्टेट साम्राज्य की शुरुआत
1971 में, डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पिता की परंपरा को मैनहट्टन में ले जाकर कई बड़े प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व किया। उन्होंने कुछ ऐसी परियोजनाएं शुरू कीं, जो उस समय के लिए महत्वाकांक्षी मानी जाती थीं, जैसे ट्रम्प टॉवर और ट्रम्प वर्ल्ड टॉवर। मैनहट्टन में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के साथ ही ट्रम्प ने खुद को न केवल एक रियल एस्टेट टाइकून बल्कि एक ब्रांड के रूप में भी स्थापित करना शुरू किया।
1980 के दशक में, ट्रम्प ने होटल और कैसीनो उद्योग में कदम रखा, जिसमें अटलांटिक सिटी के ट्रम्प ताज महल, ट्रम्प प्लाजा और ट्रम्प कैसल जैसी परियोजनाएं शामिल थीं। ये प्रोजेक्ट्स उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हुए, लेकिन साथ ही उन्होंने बड़े पैमाने पर कर्ज भी लिया। इसने उनके व्यवसाय को कई बार आर्थिक संकट में डाला, जिसके चलते उन्हें कई बार दिवालियापन का सामना करना पड़ा।
‘द अप्रेंटिस’ और ब्रांड बिल्डिंग
2004 में, ट्रम्प ने एनबीसी के रियलिटी शो ‘द अप्रेंटिस’ की मेजबानी शुरू की। इस शो के माध्यम से, उन्होंने खुद को एक कठोर, व्यावसायिक नेता के रूप में प्रस्तुत किया, और “यू आर फायरड!” उनकी पहचान का हिस्सा बन गया। इस शो ने उनकी ब्रांडिंग को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया। इसके बाद, ‘सेलेब्रिटी अप्रेंटिस’ जैसे कार्यक्रमों के जरिए उन्होंने टीवी इंडस्ट्री में अपनी पकड़ बनाए रखी और अपनी लोकप्रियता को और भी बढ़ाया।
राष्ट्रपति पद की यात्रा
2015 में, डोनाल्ड ट्रम्प ने रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। उनके चुनावी रैलियों के भाषणों ने विवादों को जन्म दिया और उनके सीधे तथा तीखे बयानों ने मीडिया और जनता का ध्यान खींचा। उन्होंने “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” और “अमेरिका फर्स्ट” जैसे नारे दिए, जो उनके राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को प्रदर्शित करते थे।
2016 के राष्ट्रपति चुनाव में, ट्रम्प ने हिलेरी क्लिंटन को हराकर जीत दर्ज की, जिसे अमेरिकी राजनीति के इतिहास में एक अप्रत्याशित जीत माना गया। उनकी यह जीत न केवल उनके समर्थकों के लिए बल्कि उनके आलोचकों के लिए भी चौंकाने वाली थी।
राष्ट्रपति पद का कार्यकाल
ट्रम्प के चार वर्षीय राष्ट्रपति पद के कार्यकाल में कई प्रमुख नीतिगत बदलाव हुए। उनके कार्यकाल के दौरान, आव्रजन नीति, कर सुधार, और व्यापारिक समझौतों में व्यापक परिवर्तन देखने को मिले।
आव्रजन और सीमा सुरक्षा
अपने कार्यकाल के दौरान, ट्रम्प ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की योजना बनाई और आव्रजन कानूनों में कठोर बदलाव लाए। इसके तहत उन्होंने कई विवादास्पद फैसले लिए, जिसमें “मुस्लिम बैन” शामिल था, जो कुछ मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाता था। ट्रम्प के इन फैसलों का समर्थन और विरोध दोनों हुआ।
व्यापार नीति और कर सुधार
2017 में, ट्रम्प प्रशासन ने कर सुधार का एक बड़ा कानून पारित किया, जिससे व्यक्तिगत और कंपनियों के करदाता को राहत मिली। इसके साथ ही, ट्रम्प ने व्यापार नीतियों में “अमेरिका फर्स्ट” दृष्टिकोण अपनाया, जिसके तहत उन्होंने चीन, कनाडा, और अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों में बदलाव किए और कई उत्पादों पर टैरिफ लगाए।
विदेश नीति में अहम बदलाव
विदेश नीति के मोर्चे पर, ट्रम्प प्रशासन ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए। इजराइल को खुला समर्थन देते हुए उन्होंने यरुशलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता दी, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद उत्पन्न हुआ। इसके अलावा, उन्होंने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन से मुलाकात की, जो किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए एक ऐतिहासिक कदम था।
महाभियोग और जांच
ट्रम्प का राष्ट्रपति कार्यकाल विवादों और कानूनी जांचों से घिरा रहा। 2019 में, यूक्रेन मामले को लेकर उन पर महाभियोग लगाया गया, जिसमें उन पर आरोप था कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन की जांच के लिए दबाव डाला था। इसके बाद 2021 में कैपिटल हिंसा के बाद उनके खिलाफ दूसरा महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया। उन पर आरोप था कि उन्होंने हिंसा भड़काई थी। हालांकि, दोनों ही मामलों में उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया।
राष्ट्रपति पद के बाद का जीवन और 2024 की उम्मीदवारी
2020 के राष्ट्रपति चुनाव में, ट्रम्प ने जो बिडेन के खिलाफ हार का सामना किया। इसके बाद उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए और अपनी हार स्वीकार करने से इनकार किया। इसके बावजूद, वे सक्रिय रूप से राजनीति में बने रहे और 2024 में फिर से राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की।
प्रभात भारत विशेष
डोनाल्ड ट्रम्प की कहानी विरोधाभासों और उपलब्धियों का एक अद्वितीय मिश्रण है। उनके समर्थकों के लिए वे अमेरिकी सपने का प्रतीक हैं, जो अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता के बल पर राष्ट्रपति पद तक पहुंचे। दूसरी ओर, उनके आलोचक उन्हें विभाजनकारी और विवादास्पद नेता मानते हैं।
ट्रम्प का जीवन और करियर, उनकी राजनीतिक यात्रा और उनके नेतृत्व की शैली आने वाले समय में भी चर्चा का विषय बनी रहेगी। उनका प्रभाव न केवल अमेरिकी राजनीति बल्कि विश्व मंच पर भी लंबे समय तक दिखाई देगा।