
गोंडा, 26 अक्टूबर 2024 – उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वावधान में गोंडा जिले में दीपावली मेले का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अंकित जैन द्वारा किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं द्वारा स्वनिर्मित उत्पादों को बढ़ावा देना और उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है। सीडीओ अंकित जैन ने दीपावली मेले का उद्घाटन करते हुए इसे आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक बताया।
इस आयोजन में गोंडा जिले के झंझरी, पंडरी कृपाल, हलधरमऊ, और इटियाथोक विकास खंडों से आये स्वयं सहायता समूहों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई। इस आयोजन में स्वयं सहायता समूहों के तहत बने उत्पादों को न केवल प्रदर्शन के लिए रखा गया बल्कि उनकी बिक्री भी की गई, जिससे इन ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक लाभ मिला और उनके उत्पादों को बाजार तक पहुंचने का एक मौका मिला।
ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है, जिससे वे अपने उत्पादों का निर्माण और विक्रय कर सकें। इस मेले में महिला उद्यमियों द्वारा बनाये गए उत्पाद जैसे गोबर के गमले, दीये, अगरबत्तियां, मोमबत्तियां, रागी का आटा, सरसों का तेल, नमकीन, अचार और पेड़ा जैसे उत्पाद खास आकर्षण का केंद्र बने। ये उत्पाद गोंडा के झंझरी, पंडरी कृपाल और इटियाथोक विकास खंडों के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए हैं।
महिलाओं की प्रतिभा और मेहनत का उत्सव
गोंडा जिले के झंझरी ब्लॉक की ‘गुरु अंजना स्वयं सहायता समूह’ ने गोबर के गमले और दीये बनाये जो पारंपरिक भारतीय त्योहारों की सजावट में विशेष भूमिका निभाते हैं। इसी प्रकार, पंडरी कृपाल ब्लॉक की ‘माँ लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह’ द्वारा बनाये गए अगरबत्तियाँ और मोमबत्तियाँ दीवाली के वातावरण को खुशबू और रोशनी से भरने का कार्य कर रही हैं। श्री राधे स्वयं सहायता समूह ने विशेष प्रकार के नमकीन जैसे बड़ियाँ, मठरी और चिप्स का निर्माण किया है, जो स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट हैं।
सभी समूहों के सदस्य इन उत्पादों की बिक्री के प्रति काफी उत्साहित दिखे और उनके चेहरों पर आत्मनिर्भरता और गौरव का भाव स्पष्ट दिखाई दे रहा था। इनमें से कई महिलाओं ने पहली बार अपने उत्पादों को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया है, जिससे उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण के महत्व का अहसास हुआ।
महिला सशक्तिकरण और रोजगार के नए अवसर
सीडीओ अंकित जैन ने इस आयोजन के दौरान सभी स्टॉल्स का अवलोकन किया और स्वयं भी उत्पादों की खरीदारी कर महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा, “महिलाएं समाज की रीढ़ हैं और उनकी मेहनत को सम्मान देने के लिए समाज के हर व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह इन महिलाओं द्वारा बनाये गए उत्पादों को खरीदें और इनके आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाने में सहयोग दें।”
यह मेला ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का भी मौका मिलेगा।
स्वयं सहायता समूहों के योगदान की सराहना
इस आयोजन में विभिन्न समूहों द्वारा तैयार किये गए उत्पादों में विशेष रूप से ध्यान देने योग्य उत्पाद ‘रागी का आटा’ और ‘सरसों का तेल’ थे। झंझरी ब्लॉक की ‘माँ ललिता देवी स्वयं सहायता समूह’ द्वारा तैयार किया गया रागी का आटा और हलधरमऊ ब्लॉक की ‘सतगुरु स्वयं सहायता समूह’ द्वारा बनाया गया सरसों का तेल स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में बढ़ते कदम को दर्शाता है। इसी प्रकार, नमन स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार काजू मसाला और मठरी जैसे उत्पादों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इस प्रकार के पौष्टिक और स्वादिष्ट उत्पाद स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच भी लोकप्रिय हो रहे हैं।
गोंडा जिले में दीपावली मेले का उत्साह
इस मेले में मौजूद अधिकारियों, स्वयंसेवकों, और स्थानीय नागरिकों ने विभिन्न प्रकार के उत्पादों का अवलोकन किया और उनकी गुणवत्ता की सराहना की। इस आयोजन के तहत न केवल आर्थिक विकास का अवसर प्रदान किया गया, बल्कि ग्रामीण संस्कृति और परंपरा को भी प्रोत्साहन दिया गया।
इस मौके पर सीडीओ अंकित जैन ने सभी विकास खंडों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में महिलाओं को इस तरह के आयोजनों के माध्यम से सशक्त बनाएं। उन्होंने सभी अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को व्यापक स्तर पर प्रचारित किया जाए, ताकि इन महिलाओं को एक स्थिर आय का स्रोत मिल सके।
महिला सशक्तिकरण के लिए जिला प्रशासन का समर्पण
सीडीओ ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की और कहा कि महिला सशक्तिकरण के इस प्रयास को आगे बढ़ाने के लिए और भी ऐसे आयोजनों की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने विकास भवन के समस्त कर्मचारियों, अधिकारियों और आम जनता से अपील की कि वे दीपावली के अवसर पर इन महिलाओं द्वारा बनाये गए उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करें और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहयोग दें।
मेले का सामाजिक और आर्थिक महत्व
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आयोजित यह दीपावली मेला गोंडा जिले के ग्रामीण समाज के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन न केवल महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है, बल्कि समाज के आर्थिक विकास और ग्रामीण उत्पादों को शहरों तक पहुँचाने का भी महत्वपूर्ण माध्यम है।
महिला उद्यमियों ने अपने हुनर, मेहनत, और आत्मविश्वास का परिचय दिया और समाज को यह संदेश दिया कि ग्रामीण महिलाएं भी आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इस मेले के माध्यम से जिला प्रशासन ने समाज को यह दिखाया कि हमारे ग्रामीण महिलाएं केवल परिवार की देखभाल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।
आशा है कि इस प्रकार के आयोजनों से महिलाओं को प्रोत्साहन मिलेगा और वे आत्मनिर्भरता की दिशा में और भी अधिक मेहनत करेंगी। इस मेले ने साबित कर दिया है कि यदि ग्रामीण महिलाओं को सही मार्गदर्शन, अवसर और समर्थन मिले, तो वे अपनी मेहनत के दम पर न केवल अपनी जिंदगी बल्कि समाज को भी सशक्त बना सकती हैं।