
गोण्डा 26 अक्टूबर। भारत में गाय को सिर्फ एक पालतू पशु के रूप में नहीं बल्कि मातृरूपा मानकर सम्मान दिया जाता है। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में भी, गायों के संरक्षण और उनकी सेवा के प्रति सम्मान का अद्भुत उदाहरण देखने को मिल रहा है। जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने दीपावली के अवसर पर गोवर्धन पूजा को एक विशेष रूप से मनाने की योजना बनाई है। इस योजना का उद्देश्य न केवल गोवंशों का संरक्षण है बल्कि स्वच्छता, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति सम्मान भी बढ़ाना है। इस पर्व पर गोशालाओं में गोवंश पूजन, दीप प्रज्वलन, और विशेष साफ-सफाई का अभियान चलाने के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और आम जनमानस की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया गया है।
“गावो विश्वस्य मातर:” की भावना का प्रसार:
जिलाधिकारी ने इस पर्व को ‘गावो विश्वस्य मातर’ की भावना के साथ मनाने का आह्वान किया है। भारतीय संस्कृति में गाय को विश्व की माता के रूप में देखा गया है और गोंडा जिला प्रशासन ने इसी भावना को जगाने का प्रयास किया है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस पर्व पर गोवंशों की सेवा और उनके लिए विशेष प्रबंध किए जाएं, ताकि इस पर्व के अवसर पर गोवंशों का सम्मान और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
गोशालाओं में स्वच्छता अभियान का विशेष आयोजन:
गोवर्धन पूजा के अवसर पर गो आश्रय स्थलों में विशेष स्वच्छता अभियान की शुरुआत की जाएगी। इस अभियान के तहत चूने का छिड़काव, गोशालाओं में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, गोवंशों के ठहराव के स्थानों की सफाई, और साफ-सफाई के काम को सुनिश्चित किया जाएगा। पंचायत विभाग को इस कार्य में विशेष भूमिका सौंपी गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि सफाई कर्मचारियों की तैनाती और निगरानी का कार्य विधिवत रूप से किया जाए।
दीप प्रज्वलन और गो पूजन का आयोजन:
गोवर्धन पूजा के अवसर पर सभी गो आश्रय स्थलों पर दीप प्रज्वलन का आयोजन किया जाएगा। गो पूजन के लिए पंडितों का इंतजाम किया गया है और पूजन सामग्री जैसे कि रोली, चंदन, पुष्पमाला, गुड़, और फल भी उपलब्ध कराए जाएंगे। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक कृत्य होगा बल्कि इससे स्थानीय लोगों के बीच गोवंश के प्रति सम्मान बढ़ेगा और एक उत्सव का माहौल बनेगा।
जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी:
जिलाधिकारी ने इस आयोजन में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है। स्थानीय सांसद, विधायक, ब्लॉक प्रमुख, और अन्य जनप्रतिनिधियों को इस अवसर पर गोशालाओं में आने और गोवर्धन पूजा में सम्मिलित होने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही दुग्ध सहकारी समितियों के अध्यक्ष और सचिवों को भी इस पर्व में शामिल करने की योजना बनाई गई है, ताकि यह आयोजन और भी व्यापक रूप से समाज के हर वर्ग तक पहुंच सके।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष प्रबंध
त्योहारों के दौरान राजमार्गों पर यातायात का दबाव बढ़ जाता है, जिससे निराश्रित गोवंशों के सड़क दुर्घटना का खतरा रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निराश्रित गोवंशों की सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए जाने के निर्देश दिए हैं। जिले के सभी अस्थायी गो आश्रय स्थल, वृहद गो संरक्षण केंद्र, कांजी हाउस, और कान्हा गोशाला में निराश्रित गोवंशों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाएगी।
गोवंशों के आहार के लिए जनभागीदारी
गोवर्धन पूजा के दिन, सभी गो आश्रय स्थलों पर गोवंशों के लिए दान स्वरूप फल और हरा चारा एकत्र किया जाएगा। जिलाधिकारी ने स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों को इस अभियान में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है, ताकि गोवंशों को धार्मिक और सम्मानजनक आहार प्राप्त हो सके।
गोबर के उत्पादों का प्रयोग
जिलाधिकारी ने विशेष रूप से यह निर्देश दिया है कि गोवर्धन पूजा के अवसर पर गाय के गोबर से बने दीपों, मूर्तियों, और अन्य उत्पादों का प्रयोग प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा और इन उत्पादों की बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
समाज में गोवंश संरक्षण की भावना को बढ़ावा
गोंडा जिले में इस पहल का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह भी है कि लोगों में गोवंश संरक्षण की भावना को बढ़ावा दिया जा सके। यह आयोजन लोगों को गोवंशों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाएगा और उन्हें अपनी संस्कृति और परंपरा से जोड़ने का एक अनोखा अवसर प्रदान करेगा।
गोशालाओं में दीवाली की जगमगाहट
जिलाधिकारी ने गोशालाओं को सजाने और वहां दीप प्रज्वलन के माध्यम से दीवाली के पर्व को गोवंशों के साथ मनाने का निर्देश दिया है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को बल देगा, बल्कि गोशालाओं में रहने वाले गोवंशों के जीवन में भी उत्सव की रोशनी भरेगा।
जनभागीदारी से सामाजिक समरसता का संचार
जिलाधिकारी ने इस आयोजन के माध्यम से जनभागीदारी को भी प्रोत्साहित किया है। जनप्रतिनिधियों, स्थानीय लोगों, और पंचायत विभाग की सहभागिता से यह आयोजन समाज में सामाजिक समरसता का संचार करेगा।
भविष्य की दिशा
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस आयोजन को एक आदर्श के रूप में स्थापित करने का उद्देश्य रखा है। उन्होंने यह अपेक्षा जताई है कि गोवर्धन पूजा के इस विशेष आयोजन से लोग न केवल गोवंशों के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे, बल्कि वे अपने समाज में स्वच्छता, सेवा, और संस्कृति के प्रति एक नई सोच विकसित करेंगे।
इस तरह से गोवर्धन पूजा और दीपावली के पर्व को एक व्यापक और सार्थक अर्थ प्रदान करने की यह पहल न केवल गोवंशों का संरक्षण करेगी, बल्कि समाज में एक नई सामाजिक चेतना का संचार भी करेगी।